पाकिस्तान के तहखाने से अरबों की करेंसी बरामद, रावलपिंडी में 13 डिजिटल लॉकर नहीं खोल सके अफसर

 

 

पकिस्तान। बदहाल इकोनॉमी और महंगाई से जूझ रहे पाकिस्तान के दो शहरों में अरबों रुपए की लोकल और फॉरेन करेंसी बरामद किए जाने की खबर है। ‘द डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक रावलपिंडी में एक प्लाजा के बेसमेंट में इतनी करेंसी मिली कि फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) के अफसर हैरान रह गए।

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बेसमेंट में 13 डिजिटल लॉकर मिले हैं। 24 घंटे से इन्हें खोलने की कोशिश अब तक नाकाम रही है। इसके अलावा झेलम शहर में भी इसी तरह का बेसमेंट और लॉकर मिले हैं। माना जा रहा है कि बरामद करेंसी के अलावा लॉकर्स में भी फॉरेन करेंसी है।

 

 

पाकिस्तान के पास इस वक्त कुल 8 अरब डॉलर का फॉरेक्स रिजर्व (विदेशी मुद्रा भंडार) है। इनमें 3 अरब डॉलर IMF, 2 अरब डॉलर सऊदी अरब और एक-एक अरब डॉलर UAE और चीन के हैं। जून में महंगाई दर करीब 40% थी। इसके बाद सरकार ने आंकड़े जारी ही नहीं किए।

पाकिस्तानी मीडिया की अलग-अलग रिपोर्ट्स के मुताबिक FIA की कई टीमें दो हफ्ते से फॉरेन करेंसी होल्डर्स और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ ऑपरेशन चला रही हैं। इसमें फौज और ISI भी मदद कर रही है। जांच एजेंसियों को पाकिस्तानी फौज के रावलपिंडी हेडक्वार्टर से 2 किलोमीटर दूर एक प्लाजा में करेंसी छिपाने की जानकारी मिली थी।

 

 

रविवार सुबह इस प्लाजा के बेसमेंट पर छापा मारा गया। 44 अफसरों की टीम को तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला। इसी दौरान दो अफसरों को बेसमेंट की एक दीवार पर शक हुआ। जांच के दौरान पता चला कि दीवार के दूसरी तरफ कोई कंस्ट्रक्शन नहीं है। बाद में इस दीवार को तोड़ा गया।

दीवार के दूसरी तरफ कई बक्सों में पाकिस्तानी और फॉरेन करेंसी मिली। सबसे ज्यादा हैरानी 13 डिजिटल लॉकर्स को देखकर हुई। ये सभी दूसरे देशों से खरीदे गए थे और इनको खोलने वाला कोई नहीं था। यह बिल्डिंग एक मीडिया चैनल के मालिक की है। इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि अब तक एक भी डिजिटल लॉकर खोला नहीं जा सका है।

 

 

 

डॉन टीवी’ के मुताबिक रविवार शाम तक 40 करोड़ पाकिस्तानी रुपए बरामद किए जा चुके थे। इसके बावजूद FIA ने न सिर्फ खुद कोई जानकारी दी, बल्कि मीडिया की एंट्री भी रोक दी। यहां सख्त सुरक्षा इंतजाम भी किए गए हैं।

‘जियो टीवी’ की रिपोर्ट में कहा गया- फॉरेन और लोकल करेंसी को मिला लिया जाए तो कुल बरामद रकम अरबों रुपए में होगी। अब तक जिन 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके बारे में भी जानकारी नहीं दी जा रही है। इन लोगों से किसी सीक्रेट लोकेशन पर पूछताछ की जा रही है। झेलम शहर में भी इसी तरह का बेसमेंट या तहखाना मिला है। इसे सील कर दिया गया है। यहां भी डिजिटल लॉकर मिले हैं।

 

 

 

FIA के सूत्रों के हवाले से ‘जियो न्यूज’ ने कहा- अब तक एक भी लॉकर खोला नहीं जा सका है। इसकी वजह यह है कि इन बेहद मजबूत और स्टील से बने लॉकर्स के पासवर्ड आरोपियों से सख्त पूछताछ के बाद भी हासिल नहीं हो सके हैं। हालांकि जल्द कामयाबी मिलने की उम्मीद है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक रावलपिंडी में जिस प्लाजा के बेसमेंट से करेंसी बरामद हुई है, उस प्लाजा के मालिक का नाम शेख इफ्तिखार आदिल है। वो अहसास नाम के टीवी चैनल का मालिक है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इफ्तिखार और कुछ लोग मिलकर एक गैरकानूनी बैंक ऑपरेट कर रहे थे और ये तमाम पैसा मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का है। इसमें नेता, ब्यूरोक्रेट और फौजी अफसर भी शामिल हैं।

 

 

 

प्लाजा अंडर कंस्ट्रक्शन है, लेकिन बेसमेंट में बेहतरीन फेसिलिटीज और ऑटोमैटिक लाइट्स मौजूद हैं। इसमें एंट्री के लिए बायोमैट्रिक गेट लगाए गए हैं। FIA टीम को यहां पहुंचने में जबरदस्त मेहनत करनी पड़ी।

रावलपिंडी और झेलम दोनों शहरों से अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड और सऊदी रियाल बरामद किए गए हैं। हालांकि जांच एजेंसियां अब किसी भी तरह की खबर बाहर नहीं आने दे रहीं।

 

 

 

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