लखनऊ की लॉ-यूनिवर्सिटी में छात्राओं के प्राइवेट पार्ट पर किया कमेंट, सीनियर ने मंच से बताया किसका-किससे रिलेशन

 

 

लखनऊ। आज महिला आरक्षण बिल पर संसद में बहस चल रही। नारी शक्ति और अधिकार पर भी बात होगी। CM योगी भी अक्सर महिला सुरक्षा और समानता को लेकर हुंकार भरते हैं। हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और है। सुरक्षा, समानता और अधिकार की कोरी बातों के बीच लखनऊ की RML लॉ यूनिवर्सिटी में जो हुआ उसने न सिर्फ दर्जनों छात्राओं को अपमानित किया बल्कि समाज और तंत्र को भी शर्मसार करने का सबब बन गया।

मंच से छात्राओं की बॉडी, रिलेशन और प्राइवेट पॉर्ट तक की बात की गई। और डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी प्रशासन इस बेशर्म हरकत को जांच की आड़ में डेढ़ महीने से बात दबाता रहा। पूछने पर कुलपति ने कहा- मुझे 16 सितंबर को जानकारी मिली। जबकि छात्राएं डेढ़ महीने से न्याय के लिए भटक रही हैं।

 

 

 

दरअसल, देश की टॉप क्लास लॉ यूनिवर्सिटी की पहचान रखने वाले इस संस्थान में फ्रेशर्स पार्टी हुई। जिसमें एक छात्र ने मंच से डबल मीनिंग लैंग्वेज में स्पीच दी। उसने कई छात्राओं का नाम लेकर उनके चेहरे, बॉडी, पर्सनल रिलेशन और प्राइवेट पार्ट्स तक पर कमेंट किया। इस दौरान वहां शायद ही कोई ऐसी छात्रा हो जिस पर उसने अभद्र और आपत्तिजनक भाषा न बोली हो।

उसने मंच से लड़कियों का नाम लेकर बताया कि कौन किसके साथ रिलेशन में है। कपल के बीच की सीक्रेट बाते भी उसने बताई। अब इसके वीडियो भी सामने आए हैं। छात्राएं आरोपी छात्र पर कार्रवाई की मांग करती हुई डेढ़ महीने से भटक रही हैं।

 

 

 

ये इवेंट 2 से 6 अगस्त 2023 के बीच लॉ यूनिवर्सिटी में हुआ था। सीनियर यानी 3rd ईयर के छात्रों ने जूनियर यानी 2nd ईयर के छात्रों को फ्रेशर्स पार्टी दी। लॉ यूनिवर्सिटी में सेकेंड ईयर में आने के बाद ही नए बैच को फ्रेशर्स पार्टी मिलती है। 5 अगस्त को रोस्टिंग नाम से एक इवेंट को एकेडमिक बिल्डिंग के F1 रूम में ऑर्गेनाइज किया गया।

आरोप है कि सीनियर छात्र जूनियर छात्राओं पर बॉडी शेमिंग, होमोफोबिया, महिलाओं की क्षमता और रिलेशन को लेकर बाकायदा नाम लेकर फब्तियां कसते रहे। जूनियर छात्राओं का आरोप हैं कि इस दौरान फीमेल स्टूडेंट्स को टारगेट किया गया। उनकी बॉडी, कैरेक्टर, प्राइवेट लाइफ और प्राइवेट पार्ट्स पर कमेंट किया गया। खुले मंच से छात्राओं से अभद्रता होने के बाद जब इसकी शिकायत लॉ यूनिवर्सिटी प्रशासन से की गई तो यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले पर ढुलमुल रवैया अपनाया।

 

 

 

छात्राओं की दलील हैं कि इवेंट के दौरान ही उन्होंने इसका विरोध किया, लेकिन सीनियर होने के कारण तब तक आरोपी के पक्ष में कई लोग आ चुके थे। हालांकि स्टूडेंट्स लगातार हॉस्टल वार्डन, फैकल्टी मेंबर्स और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों से गुहार लगाते रहे।

हद तो तब हो गई जब छात्राओं को कार्रवाई के नाम पर ये जवाब मिला कि अगर वहां आपत्तिजनक बातें की जा रही थी तो उस इवेंट में शामिल क्यों हुईं? बहरहाल आक्रोशित छात्राओं ने मामले की जांच की मांग नहीं छोड़ी।

 

 

 

इस मामले का मुख्य आरोपी छात्र विश्वविद्यालय के LLB 3rd का ईयर स्टूडेंट है। नवंबर-2022 में लॉ यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रों के दो गुटों में खुलेआम चाकूबाजी और मारपीट हुई। घटना मीडिया में हाइलाइट होने के बाद लॉ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी सख्ती दिखाई। बाद में इसी आरोपी छात्र को यूनिवर्सिटी से 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि बेहद रोचक तरीके से 6 महीने से पहले उसे लॉ यूनिवर्सिटी आने की अनुमति मिल गई थी।

मामला तूल पकड़ता देख लॉ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने BBAU की सीनियर फैकल्टी डॉ. सुदर्शन वर्मा की अगुवाई में पहले से बनी ICC कमेटी को भंग करते हुए नई 12 सदस्यीय ICC कमेटी का गठन कर दिया। मंगलवार को ही नई समिति के गठन का आदेश कुलपति की तरफ से जारी कर दिया गया। अब मामले की जांच नई कमेटी को सौंपी गई है। आज यानी बुधवार से कमेटी जांच करेगी।

 

 

 

 

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