लखनऊ में सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की समन्वय बैठक में शामिल होने के लिए जाते वक्त CM की फ्लीट गड्ढे में फंस गई। यहां करीब 2 मिनट तक काफिला रुका रहा। मुख्यमंत्री ने खुद वजह पूछी, तो सड़क पर गड्ढे होने की बात सामने आई।
2 मिनट के बाद उनकी फ्लीट रवाना की गई। ये जगह मटियारी चौराहा से कार्यक्रम स्थल के बीच में बताया गया है। योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद लखनऊ में पहली बार उनकी सुरक्षा में चूक सामने आई। फिलहाल गृह विभाग ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।
सीएम की सुरक्षा में तैनात रहे एक अधिकारी ने बताया कि देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा काफी हाईटेक है। योगी आदित्यनाथ दूसरी बार यूपी के CM बने हैं। वह हिंदुत्व के लोकप्रिय नेता भी हैं। जिन्हें कट्टरपंथी संगठनों से कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है।
सीएम योगी के साथ हर समय NSG (नेशनल सिक्टयोरिटी गार्ड) के 25 कमांडो रहते हैं। यानी यदि इनकी शिफ्ट 8 घंटे की है, तो कुल मिलाकर 75 कमांडो तैनात हैं। यह ब्लैक वर्दी में रहते हैं। ब्लैक वर्दी पर बैज लगा होता है। इनके पास हाईटेक हथियार के साथ बुलेट प्रूफ जैकेट भी रहती है। यह कमांडो CRPF, ITBP के जवान होते हैं, जो हर स्थिति से निपटने के लिए ट्रेंड होते हैं। NSG कमांडो के अलावा यूपी आर्म्ड पुलिस के जवान भी शामिल होते हैं।
इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर गड्ढे की वजह से सीएम योगी आदित्यनाथ का काफ़िला रुका क्यों? तो क्या इससे पहले सीएम के काफिले को क्लियर करने का जो रूट तय किया गया, उसको चेक नहीं किया गया। उसमें लापरवाही क्यों बरती गई। गृह विभाग ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।
प्रदेश के पूर्व डीजीपी का कहना है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पास सुरक्षा का ऐसा चक्र है जो किसी अभेद किले से कम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के बाद सबसे मजबूत सुरक्षा उन्हें ही दी गई है। सीएम के पास जेड प्लस सुरक्षा है। सीएम योगी जिस गाड़ी से चलते हैं, वह बुलेट प्रूफ है।
सीएम की सुरक्षा में रहे एक अधिकारी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा काफी हाईटेक है। देश के किसी भी राज्य के सीएम की ऐसी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।