राजस्थान के जोधपुर का उम्मेद जनाना हॉस्पिटल। यहां रोजाना 80 से 100 बच्चों का जन्म होता है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा जनाना हॉस्पिटल है। इसकी नींव मारवाड़ रियासत के तत्कालीन शासक महाराजा कर्नल उम्मेद सिंह ने 6 अप्रैल 1936 को रखी थी।
अब 22 से 28 सितंबर तक हॉस्पिटल का 7 दिवसीय जन्मोत्सव समारोह मनाया जा रहा है। यह पहला मौका है जब किसी हॉस्पिटल का जन्मोत्सव कार्यक्रम तय किया गया है।
इसके लिए इस हेरिटेज बिल्डिंग को लाइट से सजाया गया है। 7 दिन के जन्मोत्सव समारोह में मरीजों के लिए खास नवाचार होंगे।
उम्मेद अस्पताल उस वक्त का है जब देश आजाद नहीं हुआ था। यहां महिला स्वास्थ्य की दिशा में यादगार कदम उठाए गए। लगातार 85 साल से हॉस्पिटल बेहतरीन सेवाएं दे रहा है।
आज भी यह पश्चिमी राजस्थान का इकलौता जनाना अस्पताल है।
जन्मोत्सव समारोह के तहत अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाएगा। पेशेंट के लिए कई नई सुविधाएं शुरू होंगी।
महाराजा कर्नल उम्मेद सिंह ने हॉस्पिटल की नींव रखी तो जोधपुर के भामाशाहों ने भी यादगार योगदान दिया। यह वो समय था जब महिलाओं के प्रसव और उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए पूरे राजस्थान में कोई संस्थान नहीं था।
इसके निर्माण में सेठ चंपालाल खीचन और मूलराज गोलेच्छा ने 27 हजार रुपए का दान दिया। तब उन्हें सोना पालकी और कैफियत का सम्मान मिला। इमारत को महल जैसा हेरिटेज लुक दिया गया। इतनी मजबूत इमारत बनाई कि आज भी यह शान से खड़ी है।
31 अक्टूबर 1938 यह इमारत बन कर तैयार हुई और इसे आम जनता को समर्पित कर दिया गया।
आजादी से पहले यह राज-दरबार के नियंत्रण में था। बाद में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में आ गया। 1968 में डॉ. सम्पूर्णानंद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय जोधपुर की स्थापना हुई तो अस्पताल मेडिकल कॉलेज के अधीन आ गया।
शुरुआत में इसमें 166 बेड थे। वर्ष 1973 में जरूरत को देखते हुए 330 बेड कर दिए गए। वर्ष 1988 में शिशु शल्य विभाग की स्थापना के साथ बेड की संख्या 625 हो गई। वर्तमान में यहां 817 बेड की व्यवस्था है।
नर्सिंग ट्यूटर और डे सुपर नर्सिंग अधीक्षक पीयूष ज्ञानी ने बताया- अस्पताल के लिए यह आयोजन गर्व की बात है। पिछले 85 साल में यहां 10 लाख से ज्यादा प्रसव हो चुके हैं। कई परिवारों की पीढ़ियां यहां पैदा हुई हैं। उन्हीं को भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अफजल हकीम ने बताया- आयोजन के पीछे 3 कारण हैं।
पहला, महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना। इसके लिए सात दिन रोजाना सुबह 11 से 1 बजे तक महिला स्वास्थ्य पर जागरूकता कार्यक्रम होंगे। इसमें आमजन शामिल होंगे।
दूसरा, नई पीढ़ी को अवेयर करना। इसके लिए सात दिन अस्पताल के सीनियर डॉक्टर स्कूलों में जाकर वुमन एंड चाइल्ड हेल्थ के लिए अवेयर करेंगे।
तीसरा, आमजन को सरकारी योजनाओं के बारे में बताना। इसके लिए सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए सातों दिन स्टॉल लगाई जाएंगी।
उम्मेद हॉस्पिटल के जन्मोत्सव के दौरान स्त्रीरोग विभाग के नए ओपीडी और रिनोवेट हुए सेमी आईसीयू वार्ड को जनता को समर्पित किया जाएगा। साथ ही एक मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर भी जनता को समर्पित किया जाएगा।
पहला, बच्चा होने पर 24 घंटे के अंदर उसका टीकाकरण करने के लिए मां से दूर ले जाया जाता है। अब हर बेड के पास जाकर नवजात बच्चे को सभी टीके लगाए जाएंगे।
दूसरा, इस सरकारी अस्पताल में पहली बार प्रसूताओं को फ्री गाउन दिया जाएगा।
तीसरा, अस्पताल प्रबंधन ऐसी व्यवस्था कर रहा है कि जन्म के बाद डिस्चार्ज के समय ही जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।