भारत ने 26 बार आतंकियों के प्रत्यर्पण की अपील की, ट्रूडो सरकार ने 5 साल में कोई एक्शन नहीं लिया

 

 

भारत सरकार ने पिछले 5 साल में कनाडा से खालिस्तानी समर्थक और आपराधिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के प्रत्यर्पण के लिए 26 बार अपील की, लेकिन ट्रूडो सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया और सकारात्मक जवाब नहीं दिया।

सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि भारत में जघन्य अपराध में वॉन्टेड 13 आतंकवादी और अपराधी इस वक्त कनाडा में घूम रहे हैं। इसमें संदीप सिंह उर्फ सनी भी है। यह कनाडा बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी में सुपरिनटैंडैंट के पद पर काम कर रहा है।

 

 

खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला का राइट हैंड पंजाबी गैंगस्टर सुक्खा दुन्नेके का नाम भी शामिल है, इसकी गुरुवार को हत्या कर दी गई। इस पर 30 से ज्यादा मामले दर्ज थे। फिर भी ट्रूडो सरकार ने उन्हें भारत भेजने से मना कर दिया था।

आंतरिक सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बिना कोई सबूत के भारत की खुफिया एजेंसी पर कनाडा में ऑपरेशन करने का आरोप लगाया। भारत सरकार के प्रत्यर्पण के अनुरोध को नजरअंदाज किया।

 

 

सुरक्षा एजेंसी के एक अफसर ने बताया, ‘कनाडा भागे इन आपराधियों के खिलाफ हमारे पास पुख्ता सबूत हैं, जिसको हमने कनाडा की सरकार को भी भेजा है। यह सबूत हमने बाकी देशों को भी दिखाए हैं। दरअसल, ट्रूडो सरकार जानबूझकर ऐसे लोगों को अपने यहां पनाह दे रही है और उनकी हिफाजत कर रही है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के तीन महीने बाद भी कनाडा की पुलिस जांच में शामिल लोगों को तलाश नहीं पाई है।’

भारतीय अधिकारों के अनुसार, ‘यह पूरा मामला गैंगवार का है। खालिस्तानी संगठन इसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं। यह बहुत ही साफ है कि इस पूरी साजिश के पीछे दूसरी संस्थाएं काम कर रही हैं। यह भी हो सकता है की ट्रूडो इस पूरे मामले की सच्चाई से अनजान हों।’

 

 

 

ट्रूडो ने सोमवार को कनाडा की पार्लियामेंट में यह कहकर सनसनी फैला दी की उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि निज्जर की हत्या भारत सरकार ने करवाई है। उसके बाद कनाडा ने रॉ के अधिकारी, 1997 बैच के पंजाब कैडर के इंडियन पुलिस सर्विस अधिकारी, पवन कुमार राय को भारत वापस जाने का आदेश दिया था।

रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP के सार्जेंट किम चैम्बरलेंड ने ईमेल पर भास्कर को बताया, ‘हम जानते हैं कि इस मामले में जांच को लेकर बहुत सारे सवाल हैं। अभी जांच जारी है। इसके लिए लोकल और नेशनल पुलिस एजेंसियों की मदद ली जा रही है।’

 

 

हालांकि, नाम न बताने की शर्त पर RCMP के एक अधिकारी ने कहा कि अभी तक किसी भी संदिग्ध की पहचान नहीं हो पाई है। उनके अनुसार निज्जर 2018 में सरे के गुरु नानक सिख गुरुद्वारा का अध्यक्ष बन गया था। इस गुरुद्वारा का स्थानीय लेवल पर काफी प्रभाव है, जिसके कारण उसके सिख कम्युनिटी से ही काफी लोग दुश्मन बन गए थे।

वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, कनाडा ने फाइव आइज इंटेलिजेंस वाले देशों (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड) से भारत के खिलाफ संयुक्त बयान देने की अपील की थी, लेकिन इन सब ने भारत के साथ रिश्तों को देखते हुए कुछ कहने से इनकार कर दिया था।

 

 

 

कनाडा की विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने बताया था कि ट्रूडो ने ये मुद्दा बाइडेन और सुनक के सामने भी उठाया था और इस पर UN जनरल असेंबली में चर्चा की मांग की थी। इसके बाद ही अमेरिका ने कहा था कि वो पूरे मसले पर नजर बनाए हुए हैं।

 

 

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