एक ऐड मिल जाए इसके लिए तरसते थे विक्की कौशल, मसान मिली तो प्रोड्यूसर के फोन आने लगे

 

 

बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल की फिल्म ‘द ग्रेट इंडियन फैमिली’ रिलीज हो गई है। ये फिल्म एक फैमिली ड्रामा है। विक्की इस फिल्म में पुजारी की भुमिका निभा रहे हैं। विक्की ने एक्सक्लूसिव बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने अनुराग कश्यप से लेकर यशराज फिल्म तक का सफर कैसे तय किया।

स्ट्रगल के दौरान ऐसा भी समय आया जब उन्हें एक ऐड तक नहीं मिलता था। शुरुआत में काफी सारे रिजेक्शन्स झेलने पड़े थे। मसान में काम करने के बाद उन्हें थोड़ी पहचान मिली। हालांकि असली मुकाम उन्हें उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक से मिली।

 

 

 

विक्की ने कहा, ‘इंडस्ट्री फैमिली जैसी है, लेकिन बिजनेस भी है। आपकी फिल्में चलती हैं या नहीं इससे बहुत फर्क पड़ता है। फिल्म मसान के बाद मेरे लिए कई दरवाजे खुले थे। वहां पहुंचना एक चैलेंज था।

जब मसान आई तो मेरे पास काफी सारे प्रोड्यूसर के फोन आने लगे। उसके पहले तक मुझे कोई नहीं जानता था। डायरेक्टर्स के साथ मीटिंग्स होने लगी। फिल्म ‘उरी द सर्जिकल स्ट्राइक’ के बाद लोगों का विश्वास बढ़ा और मेरे ऊपर इन्वेस्ट करने के बारे में सोचा जाने लगा।

 

 

मुझे लीड रोल्स मिलने लगे, इस तरह छोटे-छोटे स्टेप्स से मैंने अपना सफर तय किया।’

विक्की ने आगे कहा, ‘मुझे अब तक का यह सफर जादुई लगता है। यहां बहुत सारे लोग हैं, जो मेहनत तो करते हैं, लेकिन सफल नहीं हो पाते। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे ऊपरवाले ने चुना है। इंडस्ट्री में कई बार ऐसा लगता है कि वक्त कैसे बीत गया पता नहीं लगा।’

‘शुरुआत में कई बार ऑडिशन्स दे देकर थक जाता था। कहीं से कोई कॉल नहीं आती तो हिम्मत टूटने लगती थी। सब कुछ बहुत दूर लगने लगा था। कैसे क्या होगा कुछ समझ नहीं आ रहा था।

 

 

 

खासकर तब जब आपने इंजीनियरिंग करके जॉब इंटरव्यू दिया। सिलेक्ट हुए और अब सब कुछ छोड़कर एक्टिंग करने का सोच लिया। मेरे पास कोई सेफ्टी नेट नहीं था। जॉब का रास्ता मेरे लिए खत्म हो गया था।”

कई रिजेक्शन के बाद घर जाकर बहुत निराशा होती थी। उस समय मुझे एक ऐड भी नहीं मिल रहा था। मैं अपनी मम्मी से कहता था कि मुझे 10-15 हजार का काम भी नहीं मिल रहा है।’

 

 

 

विक्की की मम्मी उन्हें समझाती थीं, ‘तू उसकी परवाह मत कर, ये तेरे बस में नहीं है। तू बस यकीन रख कि सब कुछ सही होगा। ऊपरवाला सब देख लेगा।’

विक्की कौशल रिजेक्शन्स को भी पॉजिटिव तरीके से देखते हैं। उन्होंने कहा, ‘आपको रिजेक्शन मिल रहा है लेकिन इसमें कुछ पर्सनल नहीं होता। रिजेक्शन हमेशा फिल्मों के लिए ही किया जाता है। कई बार आपका ऑडिशन उतना अच्छा नहीं होता है। तो कभी उस किरदार के लिए जिस लुक की जरूरत होती है आप उसमें फिट नहीं होते हैं।”

 

 

 

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