कनाडा ने भारतीय डिप्लोमैट्स की जासूसी की, रिपोर्ट में दावा- कनाडाई अधिकारी निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग मांगने भारत आए थे

 

 

भारत पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने से पहले कनडा ने भारत के डिप्लोमैट्स की जासूसी की थी। कनाडा के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी AP को ये जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि कनाडा वहां मौजूद भारतीय अधिकारी और डिप्लोमैट्स की निगरानी कर रहा था।

इसके अलावा फाइव आइज देशों के सदस्य ने भी इंटेलिजेंस जुटाने में कनाडा की मदद की थी। कनाडाई मीडिया CBC की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय डिप्लोमैट्स के कम्यूनिकेशन यानी वो किससे मिले, किससे बात की, इन सबको ट्रैक किया गया था।

 

 

CBC ने कनाडाई अधिकारी के हवाले से इस बात का भी दावा किया है कि जब भारतीय अधिकारियों पर बंद दरवाजे के पीछे दबाव डाला गया तो उन्होंने निज्जर की हत्या में भारत सरकार के दखल के सबूत होने की बात से इनकार नहीं किया।

इसके अलावा मीडिया रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि निज्जर की हत्या की जांच में सहयोग मांगने के लिए कनाडा के अधिकारी कई बार भारत दौरे पर गए थे। कनाडा की NSA जोडी थॉमस अगस्त में 4 दिन के दौरान पर भारत में थे। इसके अलावा वो इस साल भी कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ 5 दिन के लिए भारत आए थे।

 

 

 

कनाडा के PM ट्रूडो ने गुरुवार को न्यूयॉर्क में UN जनरल असेंबली की मीटिंग के बाद कहा था कि उन्होंने भारत पर आरोप किसी जल्दबाजी में नहीं बल्कि पूरी गंभीरता के साथ लगाए हैं। हालांकि, कनाडा ने अपने आरोपों को लेकर अब तक कोई सबूत पेश नहीं किया है।

कनाडा के साथ बढ़ते तनाव के बीच गुरुवार को भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवा पर रोक लगा दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था- कनाडा में हमारे डिप्लोमैटिक यूनिट को धमकियां मिल रही हैं। वे अपना काम नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि वीजा सर्विसेज सस्पेंड की गई हैं। साथ ही बागची ने कनाडा पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप भी लगाया था।

 

 

 

कनाडा की तरफ से लगाए गए सभी आरोपों को भारत लगातार खारिज करता आया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा के सभी आरोप बेतुके हैं। इसी तरह के आरोप कनाडाई प्रधानमंत्री ने हमारे PM मोदी के सामने भी रखे थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था।

इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश है। इन्हें कनाडा में पनाह दी गई है और ये भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा हैं। इधर खबर यह भी आई कि विदेश मंत्री जयशंकर ने बुधवार को PM मोदी से मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें जयशंकर ने PM को पूरे मामले पर ब्रीफ किया है।

 

 

 

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