फतेहपुर। शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस भावना दिव्यांग विद्यालय में धूमधाम से बनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ पी एन श्रीवास्तव के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया, सांकेतिक भाषा दिवस के अवसर पर भूतपूर्व श्रवण बाधित बच्चें बड़ी संख्या में एकत्र हुए जो भिन्न-भिन्न जगह सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत थे। उन लोगों ने बताया कि अगर सांकेतिक भाषा नहीं होती तो हम साक्षर नहीं होते और जो साक्षर नहीं होते वह पशु समान होते हैं। सभी के लिए शिक्षा नितांत आवश्यक है, जो हमारी भाषा को नहीं समझ पाते उनके लिए हम लिख करके अपनी बात को कह पाते हैं। क्योंकि हम शिक्षित हैं,हम सभी अपने मनोभावों को प्रकट करने के लिए सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं और अगर यह भाषा नहीं होती तो हम भी जिंदा नहीं होते, केवल यही हमारी अभिव्यक्ति का माध्यम है। श्रवण बाधित छोटे बच्चों ने गांधी जी के तीन बंदर वाली नाटिका प्रस्तुत की हमें बुरा नहीं बोलना चाहिए ,बुरा नहीं देखना चाहिए और बुरा नहीं सुनना चाहिए। संस्थान के निदेशक का भावना श्रीवास्तव ने सभी का आभार व्यक्त किया और राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा भी की। उक्त अवसर पर भूतपूर्व छात्र ऋषि पाल, राजन अवस्थी, पिंटू सोनी, अखिलेश, चंद्रभान, सीमा आदि के अतिरिक्त माधुरी श्रीवास्तव, पूजा अवस्थी, पूर्वी श्रीवास्तव, कार्यक्रम की संचालक अंजना सिंह, रत्ना श्रीवास्तव, ज्योति सिंह आदि उपस्थित रहे।