रूसी विदेश मंत्री बोले- अमेरिका-ब्रिटेन से सीधे जंग हो रही, UN में कहा- उन्होंने यूक्रेन को मोहरा बनाया
विदेश। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शनिवार को UN जनरल असेंबली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पश्चिमी देशों पर जमकर हमला किया। लावरोव ने कहा- अमेरिका, ब्रिटेन और कई दूसरे देश इस वक्त सीधा रूस के खिलाफ जंग में उतरे हुए हैं। हम इसे हाइब्रिड जंग कह सकते हैं, लेकिन ये सच नहीं है। पश्चिमी देश यूक्रेन को मोहरे के तौर पर इस्तेमाल करके हमसे दुश्मनी में लगे हुए हैं।
लावरोव ने कहा- अमेरिका और उसके साथ काम करने वाले दूसरे ग्रुप लगातार जंग को बढ़ावा दे रहे हैं। वे पूरी दुनिया को उनके फायदे के लिए बनाए गए नियमों के आधार पर चलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों पर धोखा देने का भी आरोप लगाया। लावरोव ने पश्चिमी देशों को झूठ का साम्राज्य भी बताया।
UNGA में संबोधित करने के बाद रूसी विदेश मंत्री ने मीडिया को भी एड्रेस किया। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के पीस प्लान को खारिज कर दिया। लावरोव ने कहा- इस प्रस्ताव को लागू नहीं किया जा सकता। ये मुमकिन ही नहीं है। ये मॉस्को के 2 सबसे अहम पॉइंट्स के खिलाफ है। इसमें रूस को यूक्रेनी क्षेत्र सौंपने का कोई जिक्र नहीं है और न ही यूक्रेन के नाटो में न शामिल होने की बात कही गई है।
इसके अलावा सर्गेई लावरोव ने ब्लैक सी ग्रेन डील पर रूस के लौटने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- इस समझौते से हमारे पीछे हटने की मुख्य वजह ये है कि हमसे जो भी वादे किए गए थे, वे सब एक धोखा थे। पश्चिमी देशों ने वादा किया था कि रूसी बैंक पर से प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
रूस के विदेश मंत्री ने खाद्य और ऊर्जा बाजारों में संकट का दोष भी पश्चिमी देशों पर मढ़ा। उन्होंने कहा कि वे कमजोर देशों पर एकतरफा प्रतिबंध लगाते हैं। इससे पहले यूक्रेन ने अपने संबोधन में कहा था कि ये जंग सिर्फ यूक्रेन नहीं बल्कि पूरी दुनिया की है।
इसके लिए सभी देशों को मिलकर रूस के खिलाफ लड़ना होगा। रूस पूरी दुनिया को आखिरी जंग की तरफ धकेल रही है। हम इस बात की पूरी कोशिश कर रहे हैं कि रूस की इस जंग के बाद दुनिया में कोई भी देश किसी पर हमला न कर सके।
जेलेंस्की ने कहा था- कोल्ड वॉर के बाद यूक्रेन नहीं रूस को अपने न्यूक्लियर वेपेन हटाने की जरूरत थी। उन जैसे आतंकवादियों को परमाणु हथियार रखने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। रूस ने फूड, एनर्जी और बच्चों तक को जंग में यूक्रेन के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा- जब नफरत को एक राष्ट्र के खिलाफ हथियार बनाया जाता है, तो यह कभी नहीं रुकती।
यूक्रेन फूड सप्लाई के मामले में दुनिया के अव्वल देशों में से एक है। ब्लैक सी से गुजरने वाले उसके ग्रेन शिप्स पर रूस के हमलों का खतरा था। लिहाजा, उसने सप्लाई रोक दी और इससे चेन एंड सप्लाई कमजोर पड़ गई। कई यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में लोगों के भूख से मरने का खतरा पैदा हो गया।
तुर्किये और UN की कोशिशों से पिछले साल जुलाई में एक डील हुई। इसमें यह था कि रूस और यूक्रेन दोनों ही एक-दूसरे के कार्गो शिप्स पर हमले नहीं करेंगे।
इसके अलावा UN के अफसर हर शिप की जांच करेंगे, ताकि इनका इस्तेमाल हथियार ले जाने में न हो। ये डील 17 जुलाई को एक्सपायर हो गई और रूस ने इसे रिन्यू करने से इनकार कर दिया। इसका मतलब अब वो अनाज ले जा रहे जहाजों को भी निशाना बना सकता है।