बरेली के फतेहगंज रेलवे ट्रैक पर मृत मिले रामवीर की हत्या उसकी पत्नी आरती ने अपने प्रेमी मानवेंद्र से करवाई थी। पुलिस ने रविवार को हत्याकांड में खुलासा किया। आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी के साथ एक अन्य युवक को भी जेल भेजा गया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी पत्नी के चेहरे पर शिकन नहीं दिखी। पुलिस के सामने उसने कहा कि मेरी असली पति मानवेंद्र है। थाना क्षेत्र के गांव शिवपुरी निवासी रामवीर का शव शुक्रवार को महेशपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास पड़ा मिला था। कुछ ही दूरी पर उसकी बाइक खड़ी मिली थी। वहां शराब के खाली पौव्वे और गिलास मिले थे। प्रथमदृष्टया पुलिस हादसे की बात कह रही थी।
भाई अशोक ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि बुधवार को उनके भाई के मोबाइल पर कॉल आई थी। इसके बाद वह बाइक पर बैठकर घर से चला गया। उसका पता नहीं चला तो गुमशुदगी दर्ज कराई गई। शव मिलने के बाद उन्होंने हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने गहनता से जांच की तो रामवीर की पत्नी आरती वर्मा के निकसुआ निवासी मानवेंद्र से अवैध संबंध होने की बात सामने आई। रामवीर इसका विरोध करता था। रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने आरती और उसके प्रेमी को हिरासत में लिया।
कड़ाई से पूछताछ में दोनों टूट गए। उन्होंने रामवीर की हत्या की बात कबूल की। आरोपी पत्नी आरती ने बताया कि रामवीर उसे परेशान करता था। वह उससे खुश नहीं थी। इसलिए उसने अपने प्रेमी मानवेंद्र से उसकी हत्या करने की बात कही। मानवेंद्र ने बताया कि अपने दोस्त सौरभ से कॉल करवाकर उसने रामवीर को बुलवाया था। इसके बाद उसे शराब पिलाई। बेहोश होने पर गला दबाकर हत्या करने के बाद शव ट्रैक पर डाल दिया।
पुलिस के मुताबिक मानवेंद्र ने अपने दोस्त सौरभ को शराब के पौव्वे का लालच देकर बुलाया। इसके बाद साजिश के तहत फोन कॉल कर रामवीर को बुलाया। तीनों ने टिसुआ में शराब पी। बेहोश होने पर दोनों ने रामवीर को रेल पटरी पर डाल दिया, जिससे ट्रेन से कटकर उसकी मौत हो गई।
ट्रेन आने तक दोनों वहीं मौजूद रहे। उधर, रामवीर की पत्नी प्रेमी को लगातार फोन कॉल करके पूछती रही कि उसे मारा या नहीं। रामवीर की मौत के बाद मानवेंद्र ने आरती से कहा कि काम हो गया है। इसके बाद दोनों वहां से चले गए। आरती ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया था।
पकड़े जाने के बाद भी आरती के चेहरे पर शिकन नहीं दिखी। उसने सुहाग चिह्न भी उतारने से मना कर दिया कहा कि उसका असली पति मानवेंद्र अभी जिंदा है। आरती ने बताया कि मानवेंद्र की उसके मायके में ननिहाल है। वह अक्सर वहां आता था।
इसी दौरान दोनों में प्रेम-प्रसंग हो गया। पिता की मौत और मां के जेल जाने के बाद दंपती का इकलौता बेटा सिद्धार्थ अनाथ हो गया। रामवीर के परिजनों ने उसका लालन-पालन करने की जिम्मेदारी ले ली है।