वाराणसी में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के बहाने महिला ने 30 लाख रुपये गवां दिए। क्रिप्टोकरेंसी में इतनी बड़ी धनराशि गंवाने का पहला मामला सामने आया है। सारनाथ स्थित साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। जांच में विशेषज्ञ लगाए गए हैं। पीड़ित महिला व उसके पति पढ़ाते हैं।
चितईपुर थाना क्षेत्र के सुसवाही स्थित नसीरपुर की रहने वाली शांताझारा बिस्वाल के अनुसार, उसने पार्ट टाइम जॉब के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। व्हाट्सएप के जरिये एक एजेंट ने संपर्क किया और कुछ घंटों का प्रशिक्षण देकर काम करने के लिए प्रेरित किया। शुरुआत में एजेंट ने पैसे निवेश करने के बारे में नहीं बताया। बाद में एजेंट ने बिनेंस एप के माध्यम से क्रिप्टो खरीदने और निवेश का झांसा दिया। क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी देने के साथ बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बिनेंस एप में यूएसडीटी खरीदने के लिए कहा।
यूएसडीटी खरीदने के बाद उसे www.onbuy.vip प्लेटफॉर्म पर जमा करने के लिए कहा गया। उसे 40 कार्य सौंपे गए। हर कार्य के लिए दोगुनी धनराशि देनी पड़ी। बाद में बिना किसी लाभ या बोनस के जमा राशि वापस करने का अनुरोध किया तो एजेंट ने क्रेडिट स्कोर कम होने का हवाला दिया। साथ ही कहा कि अभी और निवेश करना होगा।
एजेंट ने सारी जमा पूंजी खोने की धमकी दी और कहा कि कार्य पूरा किए बिना धनराशि नहीं निकाल सकती। इसलिए दोस्तों, रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए और 45 कार्य पूरे किए। इसके बाद भारतीय कर (30%) और यूके कर (20%) का भुगतान करने के लिए कहा गया। टैक्स चुकाने के लिए भी पैसे उधार लिए हैं। कुल मिलाकर लगभग 30 लाख रुपये निवेश किया। इसके बाद बैंक खाता फ्रीज कर दिया गया। साथ ही कहा गया कि आरबीआई ने धनराशि रोक ली है। सिक्योरिटी मनी के रूप में 6 लाख रुपये और जमा करने होंगे। एजेंट ने कहा कि भारत से खरीदा गया यूएसडीटी अवैध है। जब टैक्स सर्टिफिकेट मांगा तो उसने इन्कार कर दिया और कहा कि यह यूके के कानून के खिलाफ है।
प्रेम नारायण मिश्रा साइबर क्राइम प्रभारी ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। क्रिप्टोकरेंसी के विशेषज्ञों से सलाह लेकर मामले की जांच जा रही है।