कनाडा में खालिस्तानियों ने तिरंगा फाड़ कर भारत के लिए प्रदर्शन किया; प्रदर्शनकारी भारतीय दूतावास के बाहर इकट्ठे हुए
विदेश के शहर कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने कल तिरंगा फाड़ कर भारत के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने वैंकूवर में भारतीय दूतावास के सामने तिरंगे को फाड़ दिया। प्रदर्शन सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के आह्वान पर वैंकूवर और ओटावा में किए गए।
वैंकूवर में प्रदर्शनकारी भारतीय दूतावास के बाहर इकट्ठे हुए और खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए। ये लोग अपने साथ तिरंगे का बड़ा बैनर लेकर आए, जिसे उन्होंने जमीन पर बिछाया और उस पर चलते भी दिखे। उन्होंने PM मोदी की तस्वीर का भी अपमान किया।
खालिस्तान समर्थकों ने दूसरा प्रदर्शन ओटावा में भारतीय दूतावास के बाहर किया। SFJ का अनुमान था कि इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग पहुंचेंगे, लेकिन OCI यानी ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया रद्द होने के डर से 30 लोग ही पहुंचे। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकतर को दिहाड़ी पर बुलाया गया था।
कनाडा ने भारत में रह रहे अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी अपटेड की है। इसमें उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। कनाडाई नागरिकों से कहा गया है कि वो अलर्ट रहें और सावधानी बरतें, क्योंकि सोशल मीडिया पर कनाडा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और नकारात्मक भावनाएं भड़काई जा रही हैं।
कनाडा की एडवाइजरी में कुछ घटनाओं को जिक्र भी किया गया है। ये कनाडा की दूसरी एडवाइजरी है। इससे पहले कनाडा ने 19 सितंबर को अपने नागरिकों के लिए एडवजारी की थी, जिसमें उन्हें मणिपुर, जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान से सटे बॉर्डर के इलाकों में जाने से बचने को कहा था।
भारत सरकार ने बीते दिनों ही प्रदर्शन करने वाले खालिस्तानी समर्थकों की भीड़ में चेहरों को पहचानने का काम शुरू किया है। इसके बाद भारत सरकार इन सभी प्रदर्शनकारियों का OCI कार्ड रद्द करने वाली है। OCI विदेश में बसे भारतीयों को दोहरी नागरिकता देता है।
भारत वापस ना आ पाने के डर से अब विदेश में बसे खालिस्तानी समर्थक खुल कर आगे आने से बच रहे हैं। भारत के कड़े रुख के बाद भारतीय दूतावास के बाहर इकट्ठे होने वाली खालिस्तानी समर्थकों की भीड़ दिन पर दिन कम होती जा रही है।
आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव चल रहा है। इसका फायदा पाकिस्तान उठाना चाहता है। इसी को अंजाम देने के लिए उसकी खुफिया एजेंसी ISI ने भारत विरोधी माहौल बनाने के लिए दुनिया के सिख बाहुल्य क्षेत्रों में अभियान शुरू किया है। इस अभियान काे ‘के’ नाम दिया है। ‘के’ का मतलब खालिस्तान से है।
साजिश के तहत उसने कनाडा, UK, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के सिख बहुल इलाकों में अपने एजेंट सक्रिय कर दिए गए हैं। ताकि इनके माध्यम से वह आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तानी आतंकियों को करोड़ों रुपए की फंडिंग कर रहा है। साथ ही वह आतंकियों को विभिन्न देशों में भारतीय दूतावासों पर हमले और प्रदर्शन के लिए भी उकसा रही है।
ISI भारतीय दूतावासों के राजनयिकों की तस्वीरों के साथ उनकी निजी जानकारी जैसे- परिवार में कितने सदस्य हैं? बच्चे कहां पढ़ते हैं? पत्नी क्या करती है? ताकि आतंकी उन्हें निशाना बना सकें।
सूत्रों का कहना है कि ISI ने पाकिस्तान में रह रहे खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा और कनाडा में उनके सहयोग से खालिस्तानी मूवमेंट चला रहे आतंकी पन्नू के जरिये गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से संपर्क साधा था। इसमें गैंगस्टर को हथियारों की तस्करी में मदद करने का प्रस्ताव दिया गया। इसके बदले में कनाडा काे फंडिंग करनी थी।
इन हथियारों को बिश्नोई गैंग के माध्यम से ही कश्मीरी आतंकियों तक पहुंचाने के बारे में रिंडा ने बातचीत हुई थी। सूत्र बताते हैं कनाडा में आतंकी पन्नू और उसके सहयोगी रहे मृतक आतंकी निज्जर को लॉरेंस गैंग ने साल 2018 से 2022 के बीच 15 बार करोड़ों रुपए भिजवाए थे। पंजाब से पैसे पहुंचाने वाले थाइलैंड टूरिस्ट बनकर जाते थे। वहां पैसा अर्श डल्ला के गुर्गों को दिया जाता था।
बताया जाता है कि खालिस्तानी गतिविधियों के लिए टेरर फंडिंग का बड़ा हिस्सा भारत से ही जा रहा है। इन गतिविधियों को रोकने के लिए NIA ने 5-6 अक्टूबर को दिल्ली में देशभर के ATS प्रमुखों की एक बैठक बुलाई है। इसमें NIA चीफ, IB चीफ और रॉ चीफ भी मौजूद रहेंगे।
खालिस्तान आतंकी करणवीर सिंह के खिलाफ भारत ने इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवा दिया है। मूल रूप से कपूरथला का रहने वाला करणवीर लंबे समय से पाकिस्तान में छिपा बैठा है और बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ है। इस पर आपराधिक साजिश, हत्या, शस्त्र अधिनियम, आतंकी कृत्य के केस हैं।
कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स में एक पूर्व नाजी सैनिक का सम्मान किया गया। बाद में स्पीकर की ओर से माफी मांगी गई। इस मसले पर कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोइलिवरे ने कहा- ‘ट्रूडो व्यक्तिगत रूप से SS (एक नाजी डिवीजन) के 14 वें वेफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के दिग्गज से मिले। ये हमारे लिए शर्मनाक बात है।
ओटावा प्रशासन ने भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ाते हुए बैरिकेड लगा दिए हैं। यह पहली बार है, जब उच्चायोग की इमारत के सामने बैरिकेड लगे। दरअसल, खालिस्तान प्रदर्शनकारियों की ओर से लगातार धमकी पर धमकी दी जा रही है।