पैगंबर ए इस्लाम मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की विलादत्त जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर उठा जुलूसे ए मुहम्मदी, सभी धर्म व वर्गों के लोगों ने लिया हिस्सा 

न्यूज वाणी

ब्यूरो संजीव शर्मा

न्यूज वाणी इटावा। पैगंबरे इस्लाम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की विलादत ईद मिलादुन्नबी पर शहर के कई हिस्सों से जुलूसे मोहम्मदी उठाए गए ।जिसका नेतृत्व उलेमा ए इकराम ने किया।
जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर पहला जुलूस आधी रात को मोहल्ला पंजाबियान की मस्जिद कटरा साहब खां से उठा गया। इसमें मौलाना जाहिद रजा के साथ मस्जिद के मुतवल्ली, साजिद हुसैन वारसी ,एड शहजाद हुसैन वारिसी , जावेद हसन वारिसी ,मोहम्मद फहीम अब्बास एडवोकेट, सहित बहुत से मोहल्लों के लोगों ने शिरकत की। जिन्होंने नाथ शरीफ , व
मनकवत का नजराना पेश करते हुए नगर का भ्रमण किया।
बाद नमाज फज्र के मौलाना कारी सरफराज की रहनुमाई में नई बस्ती टीला से जुलुसे मोहम्मदी उठाया गया ।जिसके साथ में शहर की तंजीमो के साथ कई अंजुमने जुड़ गई।
नया शहर में अंजुमन ए हुसैनियाँ कमेटी के जानिब से उसके अध्यक्ष सरफराज मुस्तफा और उनके साथियों ने स्वागत मंच लगाया जहां पर शहर के अन्य हिस्सों से उठने वाले जुलूस एकत्रित हुए। यहां पर मौलाना जाहिद रजा ,डॉ शोएब अहमद ,मौलाना वाजिद रजा साहब ,कारी हाफिज मोहम्मद अहमद चिश्ती ,और हाफिज फैजान अहमद चिश्ती ने शिरकत की। इनके अलावा अन्य उलेमा ए इकराम ने भी हिस्सा लिया ।

 

 

नया शहर से जूलूसे मोहम्मदी में इस्लामी परचम के साथ हजारों हरे झंडो के साथ जुलूस मोहम्मदी में शिरकत की।
हरे झंडों के साथ बहुत से लोग राष्ट्रीय तिरंगे ध्वज के साथ शामिल हुए। जुलूस में कई सैकड़ा काबा और मदीने के तुगरों की झांकियां थी ।जिनकी छठा निराली थी ।जिसके कारण जुलूस की लंबाई लगभग पांच किलोमीटर से अधिक हो गई ।जुलूस बड़े अदबो एहतराम और सानों शौकत के साथ उठाया गया ।जिसमें छोटे बच्चों से लेकर नौजवान, बुजुर्ग सभी अपने सिरों पर टोपियां लगाए हुए थे। जुलूस में कई लाउडस्पीकर से सजी मेटाडोर छोटा हाथी थे ,जिन पर नाथख्वानी और मन्क़बत के नज़राने की कैस्टे बज रही थी। इसके अलावा कई टोलियां जुलूस में ऐसी भी थी जो अपनी तंजीमों और अंजुमनों के साथ रसूल अल्लाह की शान में मन्क़बत नाथ शरीफ पढ़ते हुए चल रहे थे ।जुलूस मोहम्मदी की छठा देखने के लिए शहर उमर पड़ा ।जुलूस में सभी वर्गों व धर्म के लोगों ने हिस्सा लिया। जुलूस के स्वागत के लिए छोटे-बड़े सैकड़ो स्वागत द्वार बनाए गए थे। पचराहा व कसाब खाने के स्वागत द्वार की छठा निराली थी। इसके अलावा ईद मिलादुन्नबी जुलूस में नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर, नारे रिसालत या रसूल अल्लाह, के साथ सरकार की आमद मरहबा, के गगन भेदी नारे लगाए जा रहे थे।

 

 

 

जुलूस मार्ग पर हर जगह शरबत, कॉफी, चाय व लंगर की व्यवस्था की गई थी ।जुलूस में नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष फुरकान अहमद ,कुलदीप कुमार उर्फ संटू गुप्ता, मोहम्मद इदरीश अंसारी, कौमी कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास ,दरगाह वारसी के सेक्रेटरी हसनैन वारसी ,इफ्तिखार मिर्जा , बन्ने मियां ,शोएब अहमद (शालीमार),हाजी फजल युसूफ ,इंसानी भाईचारा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद आमीन भाई, हाजी नईमुद्दीन मंसूरी ,हाजी गुड्डू मंसूरी, सभासद मोहम्मद शाहिद फरीदी, नदीम अहमद एडवोकेट, ईसान वारसी एडवोकेट, वरिष्ठ पत्रकार मसूद तैमूरी, संस्कार संस्था के राष्ट्रीय संयोजक एवं वरिष्ठ पत्रकार शेखर यादव, शावेज़ नक़वी , मुजफ्फर अली उर्फ लड्डन ,डॉ. प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार , कांग्रेस पार्टी के शहर अध्यक्ष पल्लव दुबे ,जिला अध्यक्ष मलखान सिंह यादव, मानव हिंद एकता समिति के अध्यक्ष अजहरुद्दीन, इमरान फरीदी, सहित तमाम मस्जिदों के पेश इमाम हाफिज कारी व हाजियों की उपस्थिति जुलूस में उल्लेखनी रही।

 

 

 

जुलूस में सभी धर्म व वर्गों के प्रतिष्ठित लोगों की उपस्थित गंगा, जमुनी साझा इंसानी भाईचारा संस्कृति के दर्शन करा रही थी। जुलूस बड़ी संख्या में अपनी अपनी विशेष छठा बिखेर रहा था। जिला प्रशासन व पुलिस व्यवस्था चाक चौबंद थी।
जिला अधिकारी अवनीश राय व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा कानून व्यवस्था की कमान अपने हमराओं के साथ स्वयं संभाले हुए थे पुलिस इंस्पेक्टर इमरान फरीदी अपनी टोली के साथ पूरे जुलूस की देखरेख कर रहे थे। जुलूस एक फूलों की गुलदस्ता की तरह मानिंद्र था।
जुलूस मोहम्मदी की व्यवस्था हर मोहल्ले की तंजीम व अंजुमन के लोग स्वयं संभाले हुए थे।
जुलूस ए मोहम्मदी में पैगंबर इस्लाम के संदेश के बैनर व तख्तियां श्रद्धालु जन लिए हुए थे।
जुलूस ए मोहम्मदी का उठने का सिलसिला लगभग रात के एक बजे से शुरू हुआ जिसका समापन चोबीस घंटे बीतने के उपरांत समाप्त हुआ।

 

 

 

 

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