उम्र की बंदिशों को तोड़ सी.पी.एस. में नन्हे- मुन्नों के संग उछले दादा- दादी ,नाना–नानी

 

 

फतेहपुर: परंपरा एवं आधुनिकता का समन्वय करने की क्षमता विकसित करना शिक्षा का अहम उद्देश्य है उम्र की बंदिशों को तोड़कर बुजुर्गों ने खूब जौहर दिखाए। मौका था शहर के स्थानीय चिल्ड्रेन पब्लिक स्कूल में दादा – दादी, नाना – नाना अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस सम्मेलन, गांधी जयंती व लाल बहादुर शास्त्री जयंती का ।
सर्वप्रथम हमारे मुख्य अतिथि श्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव विद्यालय के प्रबंधक श्री सुनील श्रीवास्तव, श्री संजय श्रीवास्तव, डायरेक्टर इंजी. प्राची श्रीवास्तव, प्रधानाचार्या डॉ. पद्मालया दास चौधुरी , हेड मिस्ट्रेस रीना शुक्ला, विद्यालय प्रशासक श्री लाल जी श्रीवास्तव, श्री आशुतोष पाण्डेय ने सर्वप्रथम मां सरस्वती जी की ,गांधीजी व शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात कार्यक्रम में आए हुए दादा दादी नाना-नानी एवम् माता – पिता का भारतीय परंपरा के अनुसार तिलक लगाकर शुभकामना दर्शाते हुए कार्ड देकर स्वागत किया गया । इसके बाद नन्हें – मुन्नों द्वारा प्रस्तुत स्वागत, गीत और स्वागत नृत्य के माध्यम से सभी बुजुर्गों व अभिभवकों का स्वागत किया। पहचानो तो जाने गीत प्रतियोगिता में बुजुर्गों का यह खेल देखकर बच्चे खिलखिला कर हंस पड़े और तालियों की गडगड़ाहट से उनका उत्साह बढ़ाया । दादा – दादी , नाना – नानी रैंप वॉक प्रतियोगिता में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया बुजुर्गों ने नातिन नातियों के साथ इस मनोरंजक खेल में सहभागिता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एक बार फिर बचपन याद आ गया बच्चों के संग खेल कूद व उनके द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों को देखकर कई बुजुर्गों की आंखों में खुशी के आंसू छलछला आए।
मुख्य अतिथि श्री अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने अपने इस कार्यक्रम के प्रति अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होते रहना चाहिए यह बहुत बड़ा मंच है और बुजुर्गों को अपने विचार और क्रियाकलापों को प्रदर्शित करने का एक अवसर मिलता है जिसमें वे प्रसन्नता का अनुभव करते हैं , अपने बचपन को पुनः अनुभव करते हैं इनका आशीर्वाद विद्यालय परिवार और बच्चों के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है ।
प्रधानाचार्या ने अपने वक्तव्य में कहा दादा – दादी, नाना – नानी की परिवार में बहुत अधिक महत्ता है , बच्चों के विकास में प्रेरक की भूमिका निभाते हैं, संस्कारों का बीजारोपण करते हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के संरक्षण से आत्मबल, संस्कार और जीवन जीने के लिए आदर्श गुणों की प्रेरणा मिलती है उन्होंने आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए दादा दादी नाना-नानी की लम्बी उम्र की कामना करते हुए उन्हें प्रतीक चिह्न स्वरूप पुरस्कार देकर सम्मानित किया । साथ ही महात्मा गांधी जयंती व लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती की महत्ता बताते हुए स्वच्छता पखवाड़ा अभियान की महत्ता बताते हुए बताया सी . बी. एस. सी. पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने से बच्चों में देश भक्ति की भावना और देश के प्रति जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में समर्थ होंगे।
उत्कृष्ट कार्यक्रमों के प्रदर्शन व प्रस्तुति में शिक्षकवृंद लगातर सहभागिता,मार्गदर्शन और सहयोग से आज के कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नजर आए।

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