सत्य को पकड़कर अहिंसा के साथ भीड़ में खड़े रहने वाले थे गाँधी-रामप्रकाश गुप्ता

हमीरपुर।नगर के सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज में गाॅधी एवं शास्त्री जयन्ती मनाई गयी। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रामप्रकाश गुप्ता ने ध्वजारोहण किया। संगीताचार्य ज्ञानेश जड़िया के रामधुन एवं भजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। रामप्रकाश गुप्ता ने कहा कि आज हम गाॅधी जी की 154 वीं व शास्त्री जी की 119 वीं जयन्ती मना रहे है। गाॅधी जी का पूरा जीवन ही सबके लिये दर्शन है। कैसे एक व्यक्ति केवल आत्मबल के सहारे, सत्य को पकड़े हुए अहिंसा के साथ भीड़ के सामने खड़ा होकर कहता है- या तो शान्ति आयेगी या फिर इस भूमि पर गाॅधी का अन्त होगा। वही लाल बहादुर शास्त्री भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री रहे पर उनकी कार्य पद्धति अद्वितीय रही।कमलकान्त मिश्र ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 02 अक्टूबर 1904 में मुगल सराय मे एक कायस्थ परिवार मे मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव के यहाॅ हुआ। उनके पिता प्राथमिक विद्यालय मे शिक्षक थे अतः सब उन्हे मुंशी जी कहते थे। शास्त्री जी की माॅ का नाम रामदुलारी था। वह भारत मे बिटिश औपनिवेशक शासन के खिलाफ एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। कार्यक्रम का संचालन आचार्य रमेश शुक्ल ने किया,आभार ज्ञापन कार्यक्रम प्रमुख ऋषिराज निगम ने किया। इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राये मौजूद रही। यह जानकारी विद्यालय के मीडिया प्रभारी आचार्य वेदप्रकाश शुक्ला ने दिया।
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