चीन की न्यूक्लियर सबमरीन में 55 सैनिकों की हुई मौत: पनडुब्बी को फंसाने के लिए बनाए बैरियर से टकराई

 

 

विदेश के शहर चीन के येलो सी में सबमरीन एक चेन और ऐंकर से टकरा गई, जिसकी वजह से इसका ऑक्सीजन सिस्टम फेल हो गया। और न्यूक्लियर सबमरीन में हादसे से 55 सैनिकों की मौत हो गई ।

खास बात ये है कि चीन ने असल में चेन और ऐंकर ब्रिटिश और अमेरिकी पनडुब्बियों को फंसाने के लिए लगाया था। लेकिन उसकी खुद की सबमरीन इस ट्रैप में फंस गई। ऑक्सीजन सिस्टम फेल होने के बाद इसे ठीक करने में 6 घंटे लग गए।

 

 

इस दौरान पनडुब्बी में ऑक्सीजन कम हो गई और दम घुटने से सभी लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में कैप्टन कर्नल जू योंग-पेंग और 21 अधिकारी शामिल हैं। चीनी अधिकारियों ने फिलहाल ऐसे किसी भी हादसे से इनकार कर दिया है। ताइवान ने भी इन रिपोर्ट्स को खारिज किया है।

डेली मेल के मुताबिक, ये हादसा 21 अगस्त को रात करीब 8:12 बजे हुआ था। तब न्यूक्लियर सबमरीन किसी मिशन के लिए येलो सी में मौजूद थी। जिन लोगों की मौत हुई हैं उनमें चीन की PLA नेवी के ऑफिसर कैडेट, छोटे पद पर मौजूद अधिकारी और कई दूसरे सैनिक थे।

 

 

चीन की टाइप 093 पनडुब्बियां पिछले 15 सालों से नौसेना का हिस्‍सा हैं। यह 351 फीट लंबी और टॉरपीडो से लैस हैं। टाइप 093 चीन की एडवांस्ड पनडुब्बियों में से एक है और इसमें शोर न के बराबर होता है। इससे पहले CNN ने अगस्त में रिपोर्ट दी थी कि चीन की नौसेना ने दुनिया का सबसे बड़ा बेड़ा डेवलप किया है। इसमें 340 से ज्यादा युद्धपोत हैं।

इससे पहले अगस्त 2000 में रूस की एक न्यूक्लियर सबमरीन में विस्फोट हो गया था। इस हादसे में 100 रूसी नौसेनिकों की मौत हो गई थी। क्रेमलिन ने शुरुआत में इन खबरों से इनकार करते हुए ब्रिटेन-नॉर्वे की तरफ से दिए गए मदद के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। रूस की इस लापरवाही की वजह से सबमरीन में शुरुआत में जो लोग जिंदा थे, उन्हें भी बचाया नहीं जा सका था।

 

 

ये दुनिया में सबमरीन से जुड़ा अब तक का सबसे बड़ा हादसा था। इसमें कुल 118 लोगों की मौत हुई थी। हादसा बैरेंट्स सी में हुआ था, जब टेस्ट लॉन्च के वक्त एक टॉरपीडो में विस्फोट हो गया था। ब्लास्ट की वजह से सबमरीन में मौजूद दूसरे टॉरपीडो भी डेटोनेट हो गए थे, जिससे सबमरीन समुद्र के तल पर पहुंच गई थी।

 

 

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.