सुमेरपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर वर्णिता संस्था के तत्वावधान मे विमर्श विविधा के अन्तर्गत जिनका देश ऋणी है के तहत एक बेमिसाल देशभक्त श्यामजी कृष्ण वर्मा के जन्मदिन पर संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि श्यामजी कृष्ण वर्मा सही मायने मे देश के सच्चे सपूत थे। इनका जन्म 4 अक्टूबर 1857 को गुजरात के मान्डवी कस्बे मे करसन या कृष्णदास भानुशाली व मां गोमती बाई के घर हुआ था। पढने मे मेधावी होने के कारण ये आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय मे संस्कृत के सहायक प्रोफेसर बने।1905 मे ब्रिटेन मे इन्डिया हाउस, इन्डियन होमरूल सोसायटी और इन्डियन सोशयोलोजिस्ट की स्थापना की। इन पर बाल गंगाधर तिलक और स्वामी दयानंद सरस्वती का प्रभाव था। ये मदनलाल धींगरा और विनायक दामोदर सावरकर के प्रेरणास्रोत रहे। लंदन का इन्डिया हाउस क्रांतिकारियों का केन्द्र रहता था। इन्होंने देश के बाहर से देश की आजादी के लिये काम किया। अपने जीवन के सान्ध्य काल मे जिनेवा गये जहां पर एक अस्पताल मे 30 मार्च 1930 को इनका निधन हो गया। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। कार्यक्रम मे अवधेश कुमार गुप्ता एडवोकेट, अशोक अवस्थी, रमेशचंद गुप्ता, राधारमण गुप्ता, लखन, रमेश कुशवाहा आदि शामिल रहे।