भारतीयों को नग्न तस्वीरों से ब्लैकमेल करने वाले जानलेवा स्कैम का हुआ पर्दाफ़ाश: अब कोई मासूम नहीं गवाए गा अपनी जान
भारत में क़र्ज़ वसूली एजेंटों की बदसलूकी के कारण कम-से-कम 60 भारतीय ख़ुदकुशी कर चुके हैं. बीबीसी की ख़ुफ़िया पड़ताल में भारत और चीन में इस ख़तरनाक धोखाधड़ी से फ़ायदा उठाने वाले लोगों का पर्दाफ़ाश हुआ है.
एक सुबह फ़ोन की घंटी से आस्था सिन्हा की नींद खुली. उनकी आंटी ने घबराई हुई आवाज़ में कहा, “अपनी मां को घर से बाहर मत जाने देना.”
17 साल की आस्था आधी नींद की हालत में जब दूसरे कमरे में गईं तो अपनी मां भूमि सिन्हा को रोता-बिलखता देख सहम गईं.
उनकी ख़ुशमिज़ाज और बेख़ौफ़ माँ जो मुंबई में संपत्तियों के मामलों की सम्मानित वकील थीं, जो विधवा होने पर अकेले बेटी की परवरिश कर रही थीं, उस समय बदहवास हालत में थीं.
आस्था बताती हैं, “वह अपने काबू में नहीं थीं.” परेशान हालत में भूमि ने आस्था को बताना शुरू किया कि कौन से महत्वपूर्ण दस्तावेज़ कहां रखे हैं, कौन-कौन से लोग महत्वपूर्ण हैं. वह घर से बाहर निकलने को बेताब लग रही थीं.
आस्था जानती थीं कि उन्हें अपनी मां को रोकना होगा. उनकी आंटी ने बताया था,‘मां को अपनी आंखों से दूर मत होने देना वरना वह अपनी जान ले लेगी.’
आस्था को यह तो पता था कि उनकी मां को कुछ अजीब से फ़ोन आ रहे थे और उन्हें किसी के पैसे चुकाने थे. लेकिन उन्हें मालूम नहीं था कि भूमि पिछले कई महीनों से उत्पीड़न और मनोवैज्ञानिक यातनाओं का भी सामना कर रही थीं.
वह दुनिया भर में चल रही एक ऐसी धोखाधड़ी का शिकार हो चुकी थीं जिसकी जड़ें कम-से-कम 14 देशों में फैली हुई हैं. यह एक ऐसा स्कैम है, जिसमें शर्म और ब्लैकमेलिंग के ज़रिए मुनाफ़ा कमाया जा रहा है और लोगों की ज़िंदगी तबाह की जा रही है.
ऐसे बहुत सारे ऐप हैं जो बिना किसी जाँच-परख के चंद मिनटों में लोन देने का दावा करते हैं. सभी ऐप ब्लैकमेलिंग नहीं करते हैं लेकिन कुछ ऐसे हैं, जिन्हें डाउनलोड किया तो वे आपके कॉन्टैक्ट, तस्वीरों और पहचान पत्रों तक को अपने कब्ज़े में ले लेते हैं. इन जानकारियों का इस्तेमाल वे जबरन वसूली के लिए करते हैं.
जब ग्राहक समय पर कर्ज़ नहीं चुका पाते और कई बार तो लोन चुकाने के बावजूद, ये ऐप इन सारी जानकारियों को एक कॉल सेंटर को सौंप देते हैं. इस कॉल सेंटर में अस्थायी तौर पर रखे गए युवा एजेंट होते हैं. लैपटॉप और फ़ोन से लैस इन एजेंटों को लोगों को परेशान और बेइज्ज़त करके बकाया राशि वसूलने की ट्रेनिंग मिली होती है.
2021 के आख़िर में भूमि को काम से कुछ पेमेंट आने की उम्मीद थी. इस बीच ज़रूरत के लिए उन्होंने अलग-अलग लोन ऐप्स से क़रीब 47000 रुपये उधार ले लिए. क़र्ज़ का पैसा तो उन्हें तुरंत मिल गया लेकिन उसका बड़ा हिस्सा किसी चार्ज के रूप में काट लिया गया था.
उन्हें यह रकम सात दिन में लौटानी थी मगर उन्हें जो पेमेंट आनी थी, वह नहीं आई. ऐसे में उन्होंने एक और ऐप से क़र्ज़ लिया, फिर एक और ऐप से. धीरे-धीरे क़र्ज़ और उसका ब्याज़ बढ़ता गया और कुल रकम 20 लाख रुपये हो गई.
इसके बाद उन्हें रिकवरी एजेंटों के कॉल आने लगे. कुछ ही समय में इन एजेंटों ने भूमि को अपमानित करना और गालियां देना शुरू कर दिया. जब भूमि ने बकाया रकम चुका दी, तब भी उन्हें कहा गया कि वह झूठ बोल रही हैं.
वे दिन में 200 बार तक कॉल कर रहे थे. वे कहते कि हम जानते हैं कि तुम कहां रहती हो. उन्होंने चेतावनी के तौर पर एक लाश की तस्वीर भी भेजी.
धीरे-धीरे दुर्व्यवहार बढ़ता गया. धमकी दी गई कि वे उनके फ़ोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट के सभी 486 लोगों को मेसेज भेजकर कहेंगे कि वह चोर और सेक्स वर्कर हैं. जब उन्होंने बेटी की छवि भी ख़राब करने की धमकी दी तब भूमि की रातों की नींद उड़ गई.
मजबूरन भूमि ने दोस्तों, परिजनों और दूसरे ऐप्स से उधार लिया- कुल मिलाकर 69 ऐप्स से. रात को वह प्रार्थना करतीं कि काश अगली सुबह कभी न आए. लेकिन सुबह के सात बजते ही उनके फ़ोन पर कॉल और मैसेज आने का सिलसिला शुरू हो जाता.
आख़िरकार भूमि ने पूरा पैसा चुका दिया मगर एक ख़ास ऐप-आसान लोन- ने उन्हें कॉल करना बंद नहीं किया. परेशानी के चलते वह अपने काम पर भी ध्यान नहीं दे पा रही थीं और उन्हें पैनिक अटैक आना शुरू हो गए.
एक दिन एक सहकर्मी ने उन्हें अपने डेस्क पर बुलाया और फ़ोन पर कुछ दिखाया. यह उनकी नग्न और अश्लील तस्वीर थी.
इस फ़ोटो को चलताऊ ढंग से फ़ोटोशॉप किया हुआ था. भूमि का सिर किसी और के शरीर पर लगाया गया था. मगर इस घटना से वह शर्मिंदा हो गईं. वह सहकर्मी के डेस्क पर ही गिर पड़ीं. ये तस्वीर उनकी कॉन्टैक्ट लिस्ट के सभी लोगों को ‘आसान लोन’ ऐप ने भेजी थी. इसी घटना के बाद भूमि के मन में ख़ुदकुशी का ख़्याल आया था.
हमें दुनिया भर में इस तरह से की जा रही धोखाधड़ी के सबूत मिले हैं, लेकिन अकेले भारत में ही कम-से-कम 60 लोगों ने परेशान किए जाने के बाद ख़ुदकुशी की है. इनमें 50 फ़ीसदी से ज्यादा आत्महत्याएँ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हुई हैं.
मरने वालों में ज़्यादातर की उम्र 20 से 40 साल के बीच थी. इनमें एक अग्निशमनकर्मी, एक अवॉर्ड जीत चुका संगीतकार, एक माता-पिता जो अपनी तीन और पांच साल की बेटियों को छोड़ गए, एक दादा और पोता जो इकट्ठे लोन ऐप के शिकार हुए. ख़ुदकुशी करने वालों में चार तो टीनेजर थे.
इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार होने वाले ज़्यादातर लोग इस बारे में बात करने में शर्म महसूस करते हैं. वहीं उन्हें परेशान करने वाले लोग अमूमन गुमनाम होते हैं और सामने नहीं आते.
कई महीनों तक ऐसे शख़्स की तलाश की जो इस कारोबार के अंदरूनी भेद जानता हो. आख़िरकार हम एक ऐसे युवक से संपर्क करने में सफल रहे जिसने कई सारे लोन ऐप्स के लिए काम करने वाले कॉल सेंटरों में बतौर वसूली एजेंट काम किया था. रोहन ने हमें बताया कि दुर्व्यवहार की इंतहा देखकर वह परेशान हो गए थे.
उन्होंने बताया कि कई ग्राहक रोते थे, तो कुछ आत्महत्या करने की बात करते थे. रोहन ने कहा, “मैं पूरी रात सो नहीं पाता था.” वह धोखाधड़ी के इस खेल का पर्दाफ़ाश करने के लिए हमारी मदद करने के लिए तैयार हो गए.
उन्होंने दो अलग-अलग कॉल सेंटर्स में नौकरी के लिए आवेदन किया- मैजेस्टी लीगल सर्विसेज़ और कॉलफ़्लेक्स कॉर्पोरेशन. उन्होंने कई हफ़्तों तक अंडरकवर रहते हुए गोपनीय ढंग से इन जगहों को फ़िल्माया.
उनके वीडियो में कम उम्र के एजेंट ग्राहकों को परेशान करते कैद हुए हैं. एक महिला गालियां देते हुए कह रही है, “सुधर जाओ वरना मैं तुम्हें पटक दूंगी.” एक अन्य एजेंट ने ग्राहक से कहा कि क़र्ज़ चुकाने के लिए मां को सेक्स वर्कर बना दे.
रोहन ने इसी तरह से परेशान और बेइज्ज़त करने के 100 से ज़्यादा मामले रिकॉर्ड किए हैं. यह पहला मौक़ा है जब सुनियोजित ढंग से की जा रही यह जबरन वसूली कैमरे में कैद हुई है.
सबसे ज़्यादा बदसलूकी उन्हें नोएडा के कॉलफ़्लेक्स कॉर्पोरेशन में देखने को मिली. यहां ग्राहकों को धमकाने और बेइज़्ज़त करने के लिए एजेंट भद्दी भाषा का इस्तेमाल करते थे. ये लोग नियमों को तोड़ते हुए मनमर्ज़ी से ऐसा नहीं कर रहे थे बल्कि कॉल सेंटर के मैनेजरों की बराबर उन पर नज़र रहती थी और वे उन्हें निर्देश भी देते थे. इन्हीं में से एक मैनेजर का नाम था- विशाल चौरसिया.
रोहन ने चौरसिया का भरोसा जीता और एक पत्रकार को निवेशक बताते हुए उसके साथ एक मीटिंग तय की. यहां चौरसिया से पूछा गया कि आख़िर यह पूरा खेल चलता कैसे है.
चौरसिया ने बताया, जब कोई ग्राहक कर्ज़ लेता है, तब वह ऐप को अनजाने में अपने फ़ोन के कॉन्टैक्ट्स पढ़ने का अधिकार दे देता है.
फिर लोन देने वाला ऐप कॉलफ़्लेक्स कॉर्पोरेशन को पैसों की वसूली के लिए ठेका देता है. अगर ग्राहक बकाया नहीं चुकाता है तो कंपनी उसे और उसके जानने वालों को परेशान करना शुरू कर देती है.
चौरसिया ने बताया कि पैसे वापस लेने के लिए उसके स्टाफ़ को कुछ भी कहने की छूट है.
चौरसिया ने कहा, “फिर शर्म के मारे ग्राहक पैसे चुका देता है. उसकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में आपको कम-से-कम एक व्यक्ति ऐसा मिलेगा जो उसकी जिंदगी बर्बाद कर सकता है.”
हमने चौरसिया से सीधे संपर्क किया मगर उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कॉलफ़्लेक्स कॉर्पोरेशन ने भी चौरसिया से संपर्क करने की हमारी कोशिशों का कोई जवाब नहीं दिया.
इस धोखाधड़ी से बर्बाद होने वालों की लिस्ट में एक नाम किर्नी मोनिका का भी है.
24 साल की मोनिका अपने परिवार की सबसे होनहार सदस्य थीं. सरकारी नौकरी पाने वाली अपने स्कूल की इकलौती छात्रा और तीन भाइयों की दुलारी बहन. पिता एक सफल किसान थे जो मोनिका को मास्टर्स की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजने को तैयार थे.
तीन साल पहले जिस सोमवार को मोनिका ने ख़ुदकुशी की, उस रोज़ भी वह आम दिनों की तरह अपने स्कूटर पर सवार होकर काम पर गई थीं. उनके पिता किर्नी भूपानी कहते हैं, “वह हमेशा मुस्कुराती रहती थी.”
जब पुलिस ने मोनिका के फ़ोन और बैंक खातों की पड़ताल की, तब उन्हें पता चला कि उन्होंने 55 अलग-अलग लोन ऐप से उधार लिया था. लोन की शुरुआत 10 हजार रुपये से हुई थी और यह बढ़कर 30 गुना तक हो गया था. जब मोनिका ने ख़ुदकुशी का फ़ैसला लिया, वह 10 हज़ार के बदले तीन लाख से ज़्यादा की रकम भर चुकी थीं.
पुलिस का कहना है कि ऐप्स ने मोनिका को कॉल और भद्दे मैसेज भेजकर प्रताड़ित किया और उनके कॉन्टैक्ट्स को भी मैसेज भेजना शुरू कर दिया था.
मोनिका के कमरे में अब केवल यादें हैं. दरवाज़े पर सरकारी नौकरी का पहचान पत्र टंगा है. मां ने बेटी की शादी के लिए जो साज़ो-सामान जुटाया था, उससे भरा बैग अब भी वहीं पड़ा है.
मोनिका के पिता को सबसे ज्यादा परेशान ये बात करती है कि बेटी ने अपने हालात के बारे में कभी नहीं बताया. आंसू पोंछते हुए वह कहते हैं, “हमने आसानी से पैसों का इंतज़ाम कर लिया होता.”
जब वह अपनी बेटी के शव को अस्पताल से ला रहे थे, तब उसका फ़ोन बजा. सामने से कहा गया कि उसे पैसे चुकाने होंगे. हमने उन्हें बताया कि वह मर चुकी है.
हरि उस कॉल सेंटर में काम करते थे, जो एक ऐसे ऐप के लिए वसूली का काम करता था, जिससे मोनिका ने कर्ज़ लिया था.
हरि बताते हैं कि उनका वेतन अच्छा था मगर मोनिका की मौत होने से पहले ही उन्हें अपने काम को लेकर बुरा लगने लगा था. वह दावा करते हैं कि उन्होंने कभी धमकी भरा फ़ोन नहीं किया, लेकिन उनका कहना है कि वह उस टीम का हिस्सा थे जिसे शुरूआत में विनम्रता से बात करने का काम दिया गया था. उन्होंने हमें बताया कि मैनेजरों ने कर्मचारियों को लोगों को गालियां देने और धमकाने के लिए कहा था.
वसूली एजेंट अक्सर कॉन्टैक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को मैसेज भेजकर क़र्ज़ लेने वाले व्यक्ति को फ्रॉड और चोर बताते थे.
हरि कहते हैं, “हर किसी को परिवार के सामने अपनी छवि बनाकर रखनी होती है. सिर्फ़ पांच हज़ार रुपये के लिए कोई इस छवि को बिगाड़ना नहीं चाहेगा.”
जैसे ही कर्ज़ लेने वाले की ओर से पेमेंट की जाती, एजेंटों के सिस्टम में ‘सक्सेस’ का मेसेज आता और फिर वे किसी दूसरे कर्ज़दार के पीछे लग जाते.
जब ग्राहकों ने आत्महत्या की बात कही तो, किसी ने गंभीरता से नहीं लिया लेकिन फिर आत्महत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया. कर्मचारियों ने अपने बॉस परशुराम ताकवे को फ़ोन करके पूछा कि क्या उन्हें ये सब रोक देना चाहिए.
अगले दिन ताकवे दफ़्तर आ गए. वह नाराज़ थे. उन्होंने कहा, “जो कहा जाए, वही करो और पैसा रिकवर करो.” हरि कहते हैं कि कर्मचारियों ने वही किया, जो कहा गया. कुछ महीनों बाद मोनिका की जान चली गई.
ताकवे बेरहम थे. लेकिन वह अकेले इस कारोबार को नहीं चला रहे थे. हरि का कहना है कि कई बार उनके सॉफ्टवेयर का इंटरफ़ेस अपने आप चीनी भाषा में बदल जाता था.
ताकवे की शादी लियांग तियान नाम की चीनी महिला से हुई थी. दोनों ने मिलकर पुणे में ‘जियालियांग’ नाम से लोन रिकवरी का कारोबार खड़ा किया था. हरि यहीं काम करते थे.
प्रताड़ना के एक मामले की जांच कर रही पुलिस ने दिसंबर 2020 में ताकवे और लियांग को गिरफ़्तार किया था और कुछ महीने बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी. अप्रैल 2022 में उन पर जबरन वसूली, डराने और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप तय हुए थे. मगर साल के आख़िर में वे फ़रार हो गए.
हम ताकवे को तो नहीं तलाश पाए लेकिन जब हमने उन ऐप्स की पड़ताल की, जिनके लिए उनकी ‘जियालियांग’ कंपनी काम कर रही थी, तब हमारी पड़ताल ली शियांग नाम के चीनी कारोबारी तक पहुंची.
ऑनलाइन पर ली के बारे में कोई जानकानरी नहीं मिली मगर हमें एक फ़ोन नंबर मिला जो उनके एक कर्मचारी का था. हमने ख़ुद को निवेशक बताते हुए ली के साथ एक मीटिंग तय की.
मीटिंग के दौरान ली ने अपने चेहरे को कैमरे के बहुत ही क़रीब रखा था और इस दौरान वह भारत में अपने कारोबार को लेकर उत्साह से बातें करते रहे.
उन्होंने कहा, “हम अभी भी काम कर रहे हैं, बस भारतीयों को बता नहीं रहे कि हमारी कंपनी चीनी है.”
लोन ऐप्स की हरकतों की जाँच कर रही भारतीय पुलिस ने 2021 में ली की दो कंपनियों पर छापेमारी की थी और उनके बैंक खाते फ़्रीज़ कर दिए थे.
ली कहते हैं, “आपको समझना होगा कि हमारा मक़सद अपने निवेश को तुरंत वसूल करना होता है. हम भारत में टैक्स नहीं देते और हमारे ब्याज़ की दरें भी स्थानीय नियमों का उल्लंघन करती हैं.”
ली ने हमें बताया कि भारत, मेक्सिको और कोलंबिया में उनकी कंपनी के अपने लोन ऐप्स हैं. उन्होंने दावा किया कि वह दक्षिण-पूर्व एशिया में रिस्क कंट्रोल और क़र्ज़ वसूली सेवाओं के मामले में अग्रणी हैं और अब लातिन अमेरिका और अफ़्रीका में विस्तार कर रहे हैं.
साथ ही, उनके पास ‘लोन देने के बाद की सेवाओं’ के लिए पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश में 3000 से ज़्यादा कर्मचारी हैं.
“अगर आप क़र्ज़ नहीं चुकाते हैं तो हम आपको वॉट्सऐप पर जोड़ सकते हैं और फिर तीसरे दिन से हम आपको या आपके जानने वालों को कॉल और मेसेज भेजेंगे. फिर अगर रकम चुकता नहीं होती है तो फिर चौथे दिन से हम ख़ास तरह की विस्तृत प्रक्रिया अपनाते हैं.”
“हम कर्ज़ लेने वाले कॉल रिकॉर्ड को ऐक्सेस करते हैं और उसकी कई सारी जानकारियां जुटाते हैं. मतलब एक तरह से वह हमारे सामने पूरी तरह नग्न हो चुका होता है.”
भूमि सिन्हा इन यातनाओं, धमकियों, गालियों और दुर्व्यवहार को तो सहती रहीं लेकिन एक अश्लील तस्वीर के साथ जुड़ने की शर्म को नहीं सह पाईं.
वह बताती हैं, “उस मेसेज ने पूरी दुनिया के सामने मुझे नग्न कर दिया. मैंने आत्मसम्मान, नैतिकता, प्रतिष्ठा- सबको एक सेकेंड में गंवा दिया.”
उनकी तस्वीर वकीलों, वास्तुकारों, सरकारी अधिकारियों, बुज़ुर्ग रिश्तेदारों और माता-पिता के दोस्तों, सबके साथ शेयर की गई, जिनका नज़रिया भूमि को लेकर अब शायद पहले जैसा न रहे.
वह कहती हैं, “इसने मुझे अंदर तक हिला दिया है. जैसे आप टूटे हुए शीशे को जोड़ें, तब भी उसमें दरारें बाक़ी रहेंगी.” जिस जगह वह पिछले 40 साल से रही हैं, वहाँ पड़ोसियों ने उनका बहिष्कार कर दिया है.
उदासी भरी हँसी के साथ वह कहती हैं, “आज मेरे पास कोई दोस्त नहीं है अकेली मैं ही हूँ.”
उनके परिवार के कुछ सदस्य आज भी उनसे बात नहीं करते. वह सोचती रहती हैं कि जिन पुरुषों के साथ वह काम करती हैं, कहीं वे उनकी बिना कपड़ों के कल्पना तो नहीं कर रहे.
जिस सुबह उनकी बेटी आस्था ने उन्हें संभाला, उस दिन वह अपने जीवन की सबसे ख़राब स्थिति में थीं. लेकिन उसी लम्हे में उन्होंने लड़ने का फ़ैसला किया और तय किया, ‘मैं इस तरह नहीं मरना चाहती.’
उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई थी मगर तबसे पुलिस को कोई जानकारी नहीं मिली है. वह बस इतना कर पाई हैं कि अपना नंबर बदल लिया और पुराना सिम कार्ड फेंक दिया. जब बेटी को कॉल आने लगे तो उसने भी सिम फेंक दिया. भूमि ने परिजनों, दोस्तों और सहकर्मियों से कहा है कि वे कॉल और मेसेजों को नज़रअंदाज़ करें.
भूमि को उनकी बहनों, बॉस और लोन देने वाले ऐप्स से परेशान लोगों की ऑनलाइन कम्युनिटी से बहुत सहारा मिला. मगर सबसे ज़्यादा ताक़त मिली बेटी से.
वह कहती हैं, “मैंने कुछ अच्छा किया होगा जो मुझे ऐसी बेटी मिली. अगर वह मेरे साथ न खड़ी होती तो मैं भी लोन ऐप्स की वजह से ख़ुदकुशी करने वालों में शामिल होती.”
हमने इस रिपोर्ट में लगे आरोपों को ‘आसान लोन’ और इस समय छिपकर रह रहे लियांग तियान तियान और परशुराम ताकवे के सामने रखा. मगर न तो कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया दी और न ही इस दंपति ने.
जब ली शियांग से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने बीबीसी को बताया कि वह और उनकी कंपनी स्थानीय नियम-क़ानूनों का पालन करती है, उन्होंने कभी ऐसे लोन ऐप नहीं चलाए, उन्होंने जियालियांग के साथ मिलकर काम करना बंद कर दिया है और वे ग्राहकों के कॉन्टैक्ट से जुड़ी जानकारियां एकत्रित या इस्तेमाल नहीं करते.
उन्होंने कहा कि उनके लोन रिकवरी कॉल सेंटर कड़े मानकों का पालन करते हैं और इस बात से इनकार किया कि वह आम भारतीयों को परेशान करके मुनाफ़ा कमाते हैं.
मैजेस्टी लीगल सर्विसेज़ ने इस बात से इनकार किया कि वह क़र्ज़ वसूली के लिए ग्राहकों के कॉन्टैक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि एजेंटों को कहा गया है कि गालियों और धमकियों वाली कॉल्स न करें और कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करने पर बर्ख़ास्त कर दिया जाएगा.