छात्रा को ट्रेन के सामने फेंकने की कहानी: कॉल कर पिता से मांगी थी मदद; बोली- बचा लो लड़के छेड़ रहे है

 

 

बरेली के सीबीगंज इलाके में शोहदे के चंगुल में घिरी छात्रा ने मदद के लिए अपने पिता को कॉल की थी। मदद के लिए जब वह थाने पहुंचे तो इंस्पेक्टर और दरोगा ने एक घंटे कागजी कार्रवाई में फंसा दिया। जीआरपी का मेमो आने के बाद पुलिस सक्रिय हुई।

छात्रा के पिता ने बताया कि आरोपी के चंगुल में फंसने के बाद बेटी ने शाम सात बजे करीब उन्हें कॉल की थी। कहा था कि मुझे बचा लो, लड़के छेड़ रहे हैं। वह पूछते रहे पर नहीं बता सकी कि कौन लड़कें हैं। उसने बताया कि गांव में भट्ठे के पास खेत की तरफ हूं। बेटी की बात सुनकर पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई।

 

 

वह बेटी को आरोपी के चंगुल से बचाने दौड़ पड़े। बेटी के बताए घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन वह वहां नहीं मिली। इसके बाद मोबाइल पर भी संपर्क नहीं हुआ। परेशान पिता ने घर के अन्य सदस्यों से घटना की चर्चा की। तत्काल ही सब लोग थाने पहुंचे और इंस्पेक्टर अशोक कुमार कंबोज को पूरी घटना बताई।

तत्काल तलाशने के बजाय इंस्पेक्टर, हल्का दरोगा नितेश शर्मा व बीट सिपाही आकाश दीप ने छात्रा के परिजनों को एक घंटे तक कागजी कार्रवाई में फंसाए रखा। इस बीच रेलवे से थाने को एक मेमो पहुंचा जिसमें बताया गया कि ट्रेन की चपेट में आने से एक छात्रा गंभीर रूप से घायल है। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई में तेजी दिखाई।

 

 

बेटी के परिजनों का हाल बेहाल था। डीएम और एसएसपी अस्पताल से निकले तो उसके पिता फूट-फूटकर रोने लगे। डीएम ने कंधे पर हाथ रखकर दिलासा दिया तो कहा कि साहब, मेरी बेटी पढ़ने में बहुत होनहार थी। बेटी की पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी।
डीएम व एसएसपी ने पिता को ढांढस बंधाया। हरसंभव मदद व कार्रवाई का आश्वासन दिया। अस्पताल पहुंचने के बाद डीएम व एसएसपी ने प्रबंधन से पूछा कि अब तक उपचार में कितने रुपये खर्च हुए। अस्पताल प्रबंधन ने 62 हजार रुपये लेने की बात बताई। तत्काल ही छात्रा के पिता को यह रुपये वापस कराए गए।

 

 

छात्रा का परिवार गांव में काफी संपन्न है। छात्रा की ताई गांव की प्रधान व ताऊ डॉक्टर हैं। छात्रा के पिता सराफा की दुकान चलाते हैं। साथ ही अपनी भाभी की प्रधानी से जुड़ा काम देखते हैं। छात्रा के चाचा वकील हैं और पहले जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। परिवार के मुताबिक युवक काफी समय से बेटी को परेशान कर रहा था पर वह खुद ही यह सोचकर चुप रहे कि लोग दबंगई का आरोप लगाने लगेंगे। जब शिकायत की तो बेअसर रही।
इंस्पेक्टर राधेश्याम को एसएसपी ने सीबीगंज थाने का नया प्रभारी बनाया है। उन्होंने तत्काल ही कार्यभार संभाल लिया और खुलासे से संबंधित कार्रवाई पूरी की।

 

 

 

छात्रा को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने के बाद दो और छोटे ऑपरेशन किए गए। वहां के डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत गंभीर है। आईसीयू में रखकर इलाज किया जा रहा है।
पीड़ित परिवार की ओर से रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। आरोपी को जेल भेजा गया है। उसके पिता ने शिकायत के बाद भी बेटे को सुधारने की कोशिश नहीं की, इसलिए उन्हें भी संबंधित धारा के तहत आरोपी मानकर जेल भेजा गया है। छात्रा के स्वास्थ्य को लेकर निगरानी की जा रही है।

 

 

 

 

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