हमीरपुर।ग्राम छानी के ऐतिहासिक स्थल गऊघाट को सरकारी अभिलेख मे दर्ज किये जाने एवं केन नदी मे पाये गये प्रचीनतम गायो के अवशेषों की पुरातत्व विभाग द्वारा जाँच करवा कर गऊघाट को तीर्थ स्थल का दर्जा दिलाये जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से सम्बोधित ज्ञापन सदर विधायक मनोज प्रजापति को सौपा है।
मौदहा तहसील के ग्राम छानी के गऊघाट निवासी ग्रामीणों ने पत्र में बताया कि प्राचीन काल मे ग्राम छानी में सतयुगी गाये केन नदी में समाहित हो गयी थी जिससे गऊघाट छानी के नाम जाना जाता है। प्राचीन काल से ही इस गऊघाट के पावन स्थल में हर साल पौष माह मे विशाल मेला का अयोजन होता आ रहा है इस मेले मे लाखो की संख्या मे श्रध्दालुओं की भीड़ इसी गऊघाट के संगम में स्नान करने के लिए उमड़ती रही है। प्राचीन काल से ही इस गऊघाट का मेला पूरे बुलेन्द्रखण्ड व उत्तर भारत में बहुत ही प्रसिद्ध रहा है लेकिन अभी तक इस प्राचीनतम संस्कृति के प्रतीक गऊघाट के पावन स्थल को सरकारी अभिलेखों मे दर्ज नहीं किया गया और न हीं गऊघाट को तीर्थ स्थलो मे सम्मिलित किया गया है। जबकि आज भी उन समाहित हुई गायों के अवशेष केन नदी में मिल रहे जो इर बात के साक्षी है।इस मौके पर राजेंद्र कुमार, जीतेन्द्र कुमार पाल,सोमवती, प्रियंका, सुशीला, प्रतिक्षा देवी,जगजीवन सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।