प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रा श्रुति श्रीवास्तव का हॉस्टल में फांसी के फंदे पर शव लटका हुआ मिला था। बताया जा रहा है कि एमबीबीएस छात्रा श्रुति श्रीवास्तव अपनी मौत से दो दिन पहले तक बेहद सामान्य थी। उसके घरवाले उससे मिलने आए थे और वह खुशी-खुशी उनसे मिली थी। किसी तरह की दिक्कत की बात उसने दोस्तों तक से नहीं बताई। ऐसा अचानक क्या हुआ, यह सवाल सभी की जुबां पर है।
फिलहाल घटना से हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राएं स्तब्ध दिखीं। तृतीय वर्ष की एक छात्रा ने बताया कि श्रुति पढ़ाई में अच्छी थी। उसका ज्यादातर वक्त किताबों में बीतता था। साथ पढ़ने वाली ही नहीं जूनियर छात्राएं भी टॉपिक्स को समझने में उसकी मदद लेती थी। शनिवार सुबह 8.30 बजे के आसपास वह आखिरी बार दिखी थी और फिर उसे किसी ने नहीं देखा। आमतौर पर दोपहर का वक्त आराम का होता है, ऐसे में सभी को लगा कि हो सकता है कि वह सो रही हो।
हालांकि बहुत देर तक बाहर नहीं आने पर शक हुआ। कई बार आवाज लगाई गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तो गार्ड दिलीप चौधरी को बुलाया गया। इसके बाद दरवाजा तोड़कर घुसने पर वह फांसी पर लटकी मिली। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि यह पता चला है कि दो दिन पहले छात्रा के घरवाले आए थे और उससे मिलकर गए हैं। उन्होंने किसी तरह की दिक्कत या समस्या की बात नहीं बताई।
सूत्रों का कहना है कि हाल ही में छात्रा ने अपना कमरा भी बदला था। पहले वह जिस कमरे में रहती थी, उसे लेकर उसे लेकर वह संतुष्ट नहीं थी। ऐसे में उसके आग्रह पर ही हाल ही में उसे दूसरा कमरा दिया गया था।