हमीरपुर। रविवार से शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो गई है। शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा अर्चना नौ दिनों तक की जाएगी। रविवार को कलश स्थापना के साथ महाउत्सव की शुरुआत हो गई है। पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की गई। मंदिरों व पूजा पंडालों में विधि विधान से कलश स्थापित कर पूजा अर्चना की गई। इस बार जिले के 577 स्थानों पर देवी प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। इनमें सबसे अधिक राठ व सबसे कम थाना ललपुरा क्षेत्र में प्रतिमाएं स्थापित हुईं हैं। उधर मठ मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जवारे बोकर पूजा पाठ शुरू कर दी है।
रविवार से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई। पूजा पंडालों को आकर्षक सजाकर कलश स्थापित कर विधि विधान से पूजा अर्चना कर देवी प्रतिमाओं की स्थापना की गई। शहर में जगह जगह देवी पूजा पंडाल स्थापित कर देवी प्रतिमाओं की स्थापना की गई है। नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की गई। हिमालय की पुत्री होने के कारण माता रानी को शैलपुत्री कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने से मान सम्मान में वृद्धि व उत्तम सेहत प्राप्त होती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्त्र अतिप्रिय हैं। ऐसे में नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा को सफेद पुष्प अर्पित करना चाहिए। वहीं शहर के चौरादेवी मंदिर को विशेष रूप से सजाया संवारा गया है। यहां नौ दिनों तक देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाएगी। रविवार को सुबह से यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर जलाभिषेक करने के साथ पूजा अर्चना की। यहां मंदिर परिसर में नौ दिनों तक मेले का भी आयोजन होगा। शहर के देवदास मंदिर परिसर में दुर्गा कमेटी की ओर से 12 फिट ऊंची देवी मां की प्रतिमा स्थापित की गई है। सदर कोतवाली क्षेत्र में 47 कुरारा में 34 ललपुरा में 21, सुमेरपुर में 71 मौदहा में 60, विवांर में 38, सिसोलर में 33 राठ में 104, मुस्करा में 55 मझगवां में 45 जरिया में 42, चिकासी में 17 व जलालपुर थानाक्षेत्र में 10 कुल 577 स्थानों में देवी प्रतिमाएं स्थापित की गईं हैं। सभी पंड़ालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।