राठ । नगर के एक विद्यालय में कई वर्षों से निशुल्क शिक्षण कार्य कर रहे प्राइवेट शिक्षकों को बिना किसी पूर्व सूचना के विद्यालय से निकाल दिया गया। हटाये शिक्षकों ने उपजिलाधिकारी राठ को ज्ञापन देते हुए बताया कि बिना कोई नोटिस दिये बिना ही उन्हें काम से हटा दिया गया है।
नगर के जीआरवी इंटर कालेज में कार्यरत प्रईवेट शिक्षकों को सत्र के मध्य से ही बिना किसी कारण बताएं प्रभारी प्रधानाचार्य हेमंत कुमार सिंह ने व्हाट्सएप मैसेज के द्वारा कर मुक्त करने की घोषणा कर दी। जिस पर शिक्षक मानसिक रूप से परेशान हैं उनका कहना है कि हमने यहां से बच्चों को संभाल कर मेहनत से कार्य किया है आज हमारे द्वारा पढ़ायें हुए बच्चे प्राइवेट क्षेत्र में सरकारी संस्थानों में पुलिस विभाग में इत्यादि में कार्य कर रहे हैं। आज हमें बड़ा दुख हो रहा है कि हमने पूर्ण समर्पण के साथ कार्य किया है उसके बावजूद बिना किसी पूर्व सूचना के सत्र के मध्य से कार्यमुक्त कर दिया गया। शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय से बेशक निकाल दिया जाए परंतु नियमतः निकाला जाये। काफी वर्षों से कार्यरत शिक्षकों का कहना है कि उन्हें हटाये जाने का कारण प्रबंध कार्यकारिणी बताकर हटा दें। विद्यालय में कार्यरत रामनारायण राजपूत, सत्यनारायण यादव, मनमोहन प्रजापति, अनुज द्विवेदी, अनिल विश्वकर्मा, शिबली हसन, भईयालाल गोखले, दिनेश कुमार माथुर, राजेन्द्र तिवारी, कपिल राजपूत, संदीप आर्य, नीरज कुमार गुप्ता, जीतेन्द्र कुमार सोनी एवं मृत्युन्जय राजपूत ने बताया कि उनमें से कई शिक्षक विद्यालय में 25 – 30 साल से कार्यरत है और विद्यालय के लिए पूरी लगन मेहनत के साथ काम किया है। किन्तु बिना किसी सहानुभूति के उन्हें सत्र के मध्य से बिना किसी सूचना के विद्यालय से हटा दिया गया जो कि गलत है। शिक्षकों ने उपजिलाधिकारी राठ को शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।