मिशन २०१९, लोकसभा का ताज़, किसके सर पर सजेगा!

मिशन २०१९, लोकसभा का ताज़, किसके सर पर सजेगा!

शाहजहाँपुर(उ०प्र०) १४ अप्रेल१९
(इमरान सागर की कलम से)

चुनावी रण, मिशन २०१९ लोकसभा २७ शाहजहाँपुर से कौन सांसद होगा, यह तो अभी समय के गर्भ में है, लेकिन जोर आजमाईश में राजनीति की राष्ट्रीय पार्टियों से लेकर क्षेत्रिय पार्टियाँ और निर्दलीय उम्मीदवारी की ताल ठोकने वालो की कमी नही है!

राजनीति के वर्तमान परिवेष की पारदर्शिता में, विकास के मुद्दो को, दरकिनार कर, चुनावी अखाड़ा, पूरी तरह व्यवसायिकता की मोटी चादर ओढ़ता जा रहा है! जन मानस के सामने स्थानीय तौर पर विकास का प्रश्न है परन्तु उन्हे देश की एकता का झूठे वादे में उलझा कर वोट पर चोट चल रही है!

विकास के मुद्दो के साथ जनमानस के वोट पर, सांसद तक पहुंचने वाले जनप्रतिनिधि के रूप में, सत्ता सरकार में लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तित्व, विगत एक दशक में जहाँ दो राजनीति पार्टियों से, मिथलेश कुमार और दूसरी बारी में श्रीमती कृष्णा राज माननीया को मंत्री पद पर रहने के बाद भी क्षेत्रिय विकास में कितनी रुचि रही और क्षेत्र को विकास के पथ पर चला कर किस ऊँचाई पर ले जा सकी यह किसी से छिपा नही है!

हालाकि मिशन २०१९ के नाम से प्रसिद्ध हुआ लोक सभा चुनाव में, जीत का सेहरा अपने-अपने सर बांधने में, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के मिलन से महागठबन्धन ने अमर चन्द जौहर तथा केन्द्र में पांच वर्ष सत्ता संभाले, भारतीय जनता पार्टी ने बसपा से बागी, माननीय पूर्व दर्जा राज मंत्री के रूप में अरुण सागर साहब सहित लगभग १० और भी प्रत्याशी चुनावी रण मे अपना दाव लगाने में लगे हैं!

नामिनेशन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद, लगभग सभी लोकसभा प्रत्याशी, लोकसभा क्षेत्र में, जहाँ हवाई दौरे कर, खुशामती हाथ जोड़, वोट मागने की पुरानी परम्परा का दिखावा करने में लगे हैं तो वहीं जीत का सेहरा अपने सर पर बांधने की प्रतिस्पर्धा में, साम,दाम, दंण्ड, भेद तक का प्रयोग करने से नही चूक रहे!

२०१४ में लोकसभा सीट की जीत का सेहरा अपने सर बंधवाने वाली श्रीमती कृष्णा राज, पार्टी के घोषणा पत्र को दरकिनार कर क्षेत्र में जनहित के अनेको मुद्दो को नज़र अन्दाज़ कर अपनी हुकुमत पर काबिज़ रहते क्षेत्र के रौजा स्थित लोको शेड निर्माण भले ही करा पाई हो लेकिन गहरी खाईं के रूप में जैतीपुर ब्लाक के पीपरथरा गांव व तिलहर निगोही सम्पर्क मार्ग तक की मरम्मत कराने में असफल ही नही रही बल्कि अपने चहीते वोटर सरीखे जनमानस से भी दूरी बनाएें रही जिसके एवज में पार्टी ने इस वार मिशन २०१९ में गैर पार्टी से बगाबत कर हाल ही शामिल हुए अरुण सागर को बेहतर मानते हुए प्रत्याशी बना दिया!

इससे पूर्व २७ लोकसभा क्षेत्र शाहजहाँपुर की एक दशक राजनीति की बात करें तों यह कहना कदापि गलत नही होगा कि पूर्व की समाजवादी पार्टी से सांसद बन कर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले मिथलेश कुमार ने विकास के मामले में कुछ किया हो या न किया हो लेकिन उनकी नज़र से जनहित के अनेको अहम मुद्दे लगातार नज़र अन्दाज़ होते रहे जिसके एवज में जनमानस ने २०१४ में उन्हे खास भी डालना जरूरी नही समझा जबकि मिशन २०१९ में लोकसभा सत्ता की लालच नें उन्हे गठबन्धन के रूप में सपा बसपा से गद्दारी करने पर मजबूर कर दिया!

जहाँ २०१४ के लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक के रूप में हर-२ मोदी घर-२ मोदी के नाम पर भारतीय जनता पार्टी की महिला प्रत्याशी सांसद बन कर सामने आईं तो वही वर्तमान के मिशन २०१९ में राष्ट्रवाद की आँधी के सामने कांग्रेस पार्टी ने वृह्मस्वरूप सागर के रूप में प्रत्याशी लाकर अचम्भित करने का प्रयास किया है!

हालाकि समय अभी समय के गर्भ में है परन्तु विगत के वर्षो में बढ़ी अनेको समस्याओं से जूझ रहा किसान, शिक्षा पूर्ण कर नौकरी को तरस रहा युवा, नौकरी के अधजीवन से निकाला गया शिक्षा मित्र, और हालातो का दंभ झेलता लेखपाल आदि सरीखी क्षेत्र की जनता जनार्दन किस राजनीति पार्टियों के झूठे वादो पर खुद का अधिकार सौपती है।

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