वाराणसी से सनसनीखेज मामला सामने आया है। जमीन के लालच में दरिंदे चाचा ने मासूम का अपहरण कर कुएं में फेंक दिया। आरोपी जब तक मासूम की मौत नहीं हो गई, तब तक कुएं के पास ही खड़ा रहा। पुलिस ने हत्या के आरोपी चाचा को गिरफ्तार कर लिया है।
तीन बीघा जमीन के लालच में बृहस्पतिवार की भोर में वाराणसी के फूलपुर थाना क्षेत्र के पिंडरा रायतारा गांव में ढाई वर्ष के कृष्ण कुमार का अपहरण किया गया, फिर पुराने कुएं में फेंककर मौत के घाट उतार दिया गया। वह अपने दादा के पास सोया था। हत्या का आरोप मासूम के चाचा पर लगा है। सरकारी वाहन चालक के पद से सेवानिवृत्त किशोरी लाल फूलपुर थाना के पिंडरा रायतारा गांव की दलित बस्ती में रहते हैं। किशोरी लाल के साथ उनके दिवंगत बड़े बेटे भैयालाल की पत्नी निशा देवी व ढाई वर्ष का पोता कृष्ण कुमार, छोटा बेटा बाबूलाल अपनी पत्नी व बेटी के साथ रहते थे। किशोरी लाल के अनुसार, बुधवार की रात उनका पोता कृष्ण कुमार उन्हीं के पास सोया हुआ था। बृहस्पतिवार की भोर में वह शौचालय गए और लौटकर आए तो कृष्ण कुमार बिस्तर से गायब था। काफी खोजबीन के बाद भी कृष्ण कुमार का पता नहीं लगा तो उन्होंने फूलपुर थाने की पुलिस को सूचना दी। फूलपुर थाने की पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर कृष्ण कुमार की खोजबीन शुरू की। इस संबंध में गोमती जोन के डीसीपी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि थानाध्यक्ष फूलपुर दीपक कुमार राणावत ने जांच शुरू की तो सामने आया कि पिता की संपत्ति को लेकर बाबूलाल के मन में लालच था और वह उनसे अक्सर विवाद भी करता रहता था। बुधवार को भी उसने अपने पिता से जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद किया था। उसे डर था कि पिता सारी संपत्ति मासूम कृष्ण कुमार के नाम कर देंगे। इसलिए मासूम भतीजे के प्रति भी उसका व्यवहार अच्छा नहीं रहता था। इसी आधार पर फूलपुर थानाध्यक्ष ने दरोगा संग्राम सिंह व अतुल त्रिपाठी और सर्विलांस टीम के दरोगा आदित्य कुमार मिश्रा के साथ जांच करने के बाद बाबूलाल को पकड़ा। बाबूलाल से कड़ाई से पूछताछ शुरू की गई तो वारदात की गुत्थी परत दर परत सुलझती चली गई। डीसीपी गोमती जोन ने घटना के त्वरित खुलासे के लिए फूलपुर थानाध्यक्ष और उनकी टीम को 10 हजार रुपये के पुरस्कार से पुरस्कृत किया।