आगरा शहर में नकली मोबिल ऑयल, घी, पेट्रोल, मिट्टी का तेल आदि ही नहीं, दवाओं का गोरखधंधा खूब चल रहा है। एक-दो शहर ही नहीं, पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक नकली दवाओं की सप्लाई हो रही है। अवैध कारोबार पर कई बार पुलिस और औषधि विभाग ने छापेमारी की। करोड़ों की दवाओं को जब्त कर मुकदमे तक लिखे गए, लेकिन हर बार एक नए दवा माफिया लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
शहर में दवाओं का बड़ा कारोबार होता है। फुव्वारा बाजार से लेकर अलग-अलग इलाकों में गोदाम से लेकर दुकानें हैं। नशे के अवैध कारोबार को लेकर कई बार पंजाब पुलिस दबिश दे चुकी है। आरोपियों को गिरफ्तार भी कर ले जा चुकी है। मगर, यह गोरखधंधा रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है।
पुलिस और औषधि विभाग की टीम ने 8 जुलाई को बिचपुरी और सिकंदरा में विजय गोयल की बिना लाइसेंस के संचालित दो फैक्टरी पकड़ी थीं। दोनों से 6 करोड़ रुपये की दवाएं बरामद की थीं। इनमें कोडीन सिरप, मशीनें बरामद की थीं। इसके बाद बिचपुरी में दो गोदाम से 50 लाख रुपये की दवाएं भी बरामद की थीं। जांच में 36 नमूनों में 19 नमूने फेल हो गए थे। आरोपी हिमाचल प्रदेश और दिल्ली से कच्चा माल मंगाकर दवाएं तैयार कर बांग्लादेश तक खपाता था।
वर्ष 2021 में आवास विकास कालोनी के सेक्टर 12 में चल रही फर्म राजौरा डिस्ट्रीब्यूटर्स में एक्सपायर हो चुकी दवाइयों को दोबारा री पैकिंग कर बेचने का खेल पकड़ा गया था। इनमें नशे और मधुमेह की दवाइयां शामिल थीं। मथुरा में भी छापेमारी की गई थी। 40 लाख की दवा समेत एक करोड़ रुपये का माल भी जब्त किया गया। पुलिस ने छीपीटोला निवासी प्रदीप राजौरा, धीरज राजौरा के साथ मथुरा के सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया। उनसे 10 कपंनियों की दवाएं मिली थीं।
मई 2021 में कटरा वजीर खां, एत्माद्दौला में पुलिस ने नकली सैनिटाइजर की फैक्टरी पकड़ी थी। सैनिटाइजर के साथ हैंडवाश, टायलेट-फ्लोर क्लीनर भी बन रहा था। पुलिस ने सामान और मशीन बरामद की थीं। दो मालिक गिरफ्तार किए गए थे। कोरोना संक्रमण में सैनिटाइजर की मांग बढ़ने की वजह से फैक्टरी बनाई गई थी। माल की सप्लार्ई आसपास के जनपदों में की जा रही थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेजा।
जून 2021 में औषधि विभाग और पुलिस ने गढ़ी भदौरिया में सर्जिकल सामान बनाने वाली अवैध फैक्टरी में छापा मारा था। मेडिकल डिवाइस, ग्लव्स, सिरिंज, सैनेटरी पैड, मास्क समेत सर्जिकल का सामान जब्त किया था। पैकिंग मशीन भी बरामद की थीं। इसमें ज्यादातर माल नकली था। पकड़े गए माल की कीमत तकरीबन 1.5 करोड़ रुपये थी। फैक्टरी तकरीबन डेढ़ साल से चल रही थी। मामले में कार्रवाई की गई थी।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय का कहना है कि नकली दवाओं की फैक्टरी और गोदाम की सूचना मिलने पर पुलिस के साथ छापेमारी की जाती है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं। नमूनों की जांच कराई जाती है। पूर्व में कई मामले पकड़े भी जा चुके हैं। इनमें सख्त कार्रवाई की गई है।