खेत की मेड़ को लेकर हुए विवाद में जेठ ने पति की हत्यारोपी महिला को मारी गोली: मौके पर हुई मौत

 

मुरादाबाद में खेत की मेड़ के विवाद में कपनेरी गांव में छत्रवती (45) की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप महिला के जेठ पर है। परिजनों का कहना है कि जेठ कल्याण राय ने गोली मारने से पहले छत्रवती की गर्दन पर फावड़े से भी वार किया था, जिससे उसकी गर्दन कट गई थी। छत्रवती अपने पति की हत्या के आरोप में जेल जा चुकी थी। वहीं मृतका के बच्चों का कहना है कि ताऊ कई बार कह चुके थे कि तुम्हारी मां जेल से तो छूट गई है लेकिन मैं एक न एक दिन बदला लूंगा।

 

 

 

छत्रवती और उसके जेठ कल्याण राय के खेत सटे हुए हैं। शनिवार की दोपहर करीब एक बजे कल्याण राय ने अपने खेत पर लगे पापुलर के पेड़ कटवाए थे। इस बीच छत्रवती अपने सबसे छोटे बेटे सुमित, बेटी अनु और भंवरका निवासी रिश्ते के नन्दोई लालता प्रसाद के साथ खेत पर धान की कटी फसल के गट्ठर बांधने गई थी। उसने खेत पर मौजूद जेठ कल्याण राय से खेत की मेड़ सीधी करने के लिए कहा तो दोनों में कहासुनी शुरू हो गई। उस समय जेठानी मातोश्री, अपने बेटे केपी गंगवार और प्रशांत गंगवार के साथ खेत पर आ गई।

 

 

 

आरोप है कि जेठ-जेठानी और उनके बेटों ने छत्रवती को पीटना शुरू कर दिया। बीच-बचाव के लिए आए छत्रवती के बेटी-बेटे, नन्दोई की भी पिटाई की। इसी बीच जेठ कल्याण राय ने पहले छत्रवती की गर्दन पर फावड़ा मारा और फिर सिर में गोली मार दी। मौके पर ही छत्रवती की मौत हो गई।
छत्रवती के बेटा-बेटी ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को जानकारी दी। लोगों के जुटने तक कल्याण राय और उसके परिजन भाग गए। मृतका के बेटे सुमित की तहरीर पर पुलिस ने कल्याण राय, उसकी पत्नी मातोश्री, बेटे केपी गंगवार और प्रशांत गंगवार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

 

 

 

हत्या की जानकारी पर सीओ केएन आनंद, कोतवाल भानु सिंह और चौकी इंचार्ज सुरेंद्र सिंह गांव पहुंचे। एसपी राजेश द्विवेदी ने भी मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से जरूरी नमूने लिए। पुलिस ने मृतका के घायल नन्दोई लालता प्रसाद को उपचार के लिए एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचवाया।
ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2013 में छत्रवती के पति की हत्या कर दी गई थी। दो दिन बाद शव खेत के किनारे मिला था। मृतक के भाई ने छत्रवती पर ही हत्या का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था। गिरफ्तारी के बाद छत्रवती एक साल जेल में रही थी। जमानत पर उसे रिहाई मिली थी। इसका मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है।

 

 

 

छत्रवती के तीन पुत्र और एक पुत्री है। दो पुत्र बाहर रहकर निजी कंपनी में कार्य करते हैं। एक पुत्र व पुत्री मां के साथ गांव में रहते थे। मृतका की पुत्री अनु ने कहा कि हमारे ताऊजी हमेशा हम लोगों के  खिलाफ रहते थे। ताऊ कई बार कह चुके थे कि तुम्हारी मां जेल से तो छूट गई है लेकिन मैं एक न एक दिन बदला लूंगा। मां की हत्या की आशंका बनी हुई थी।

 

 

 

 

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