फतेहपुर। पराली प्रबन्धन जागरूकता अभियान के अन्तर्गत जिलाधिकारी सी.इंदुमती, मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर से धान की पराली को जलाये जाने से रोकने एवं इसका समुचित प्रबन्धन करते हुए इससे कम्पोस्ट खाद तैयार कर अगली फसल में प्रयोग किये जाने हेतु जागरूकता प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। प्रचार वाहन जिले के सभी विकास खण्डों में जाकर कृषकों को पराली न जलाने हेतु जागरूक करेगा। कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई के समय एस०एम०एस०, मल्चर, सुपर सीडर तथा अन्य फसल अवशेष प्रबन्धन के कृषि यंत्रों का अनिवार्य रूप से प्रयोग करें। खेत में फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण की क्षति के साथ-साथ मृदा की संरचना को भी नुकसान पहुँचता है और खेत के मित्र कीट मर जाते हैं। इससे फसल की उत्पादकता एवं मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचता है। उप कृषि निदेशक द्वारा किसानों से आहवान किया कि वह वेस्ट डिकम्पोजर का प्रयोग कर फसल अवशेष को कम्पोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित कर अपने खेतों में प्रयोग करें। जनपद के प्रत्येक विकास खण्ड के राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर डिकम्पोजर किसानों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसकी सहायता से कृषक अपने खेत में ही डिकम्पोजर का प्रयोग कर शीघ्रता से फसल अवशेषों को सड़ाकर खाद बना सकते हैं, जिससे खेतों में जीवांश की मात्रा में वृद्धि होगी एवं उत्पादकता में भी वृद्धि होगी। इससे अन्य लाभ के साथ ही फसल अवशेष जलाने के अर्थदंड से बचा जा सकता है।