न्यूज़ वाणी
ब्यूरो संजीव शर्मा
न्यूज़ वाणी इटावा।डिप्थीरिया (गलघोंटू) की रोकथाम व बचाव के लिए स्कूल जाने वाले बच्चों को एक नवंबर से डिप्थीरिया-पर्ट्यूसिस-टिटनेस (डीपीटी) व टिटनेस-डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाने का विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। एसीएमओ व जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.श्रीनिवास का कहना है कि स्कूल आधारित यह विशेष टीकाकरण अभियान एक नवंबर से 10 नवंबर तक चलेगा। यह अभियान जनपद के समस्त सरकारी व निजी क्षेत्र के स्कूलों में चलेगा।उन्होंने अपील की है कि स्कूल के प्रधानाचार्य व अध्यापक इस अभियान में रुचि दिखाएं,जिससे यह अभियान शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सके। उन्होंने बताया की बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) को निर्देशित किया जा चुका है कि वह समस्त स्कूलों के प्रधानाचार्यों से संपर्क कर कक्षावार नोडल अधिकारी नामित करें।उन्होंने बताया कि स्कूल आधारित टीकाकरण अभियान एक से 10 नवम्बर के मध्य गैर टीकाकरण दिवस जैसे दो व तीन नवम्बर एवं छह व सात नवम्बर को समस्त राजकीय एवं निजी स्कूलों में आयोजित किया जायेगा।छूटे हुये विद्यालयों या बच्चों को आच्छादित करने के लिए 9 एवं 10 नवम्बर को टीकाकरण सत्र नियोजित किये जा सकते हैं। डॉ.श्रीनिवास ने बताया की अभियान से पूर्व सभी शिक्षक अभिभावक बैठक या स्कूल डायरी के माध्यम से अभिभावकों को अभियान के लिए संदेश प्रसारित कर टीकाकरण के लिए सहमति प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे। टीकाकरण के लिये लिखित असहमति व्यक्त करने वाले अभिभावक के बच्चों को छोड़कर शेष का टीकाकरण किया जाएगा।असहमत अभिभावकों को भी उनके बच्चे के टीकाकरण के लिये प्रेरित किया जायेगा।
कक्षा एक में अध्ययनरत पाँच वर्ष तक के बच्चों को डीपीटी सेकेंड बूस्टर डोज,कक्षा पाँच में अध्ययनरत 10 वर्ष तक के बच्चों को टीडी प्रथम डोज़,कक्षा 10 में अध्ययनरत 16 वर्ष तक के बच्चों को टीडी बूस्टर डोज़ से आच्छादित किया जायेगा।अभियान के दौरान पड़ने वाले नियमित टीकाकरण दिवसों (बुधवार व शनिवार) में सभी स्कूल न जाने वाले एवं अन्य डीपीटी सेकेंड बूस्टर,टीडी प्रथम एवं टीडी बूस्टर डोज़ वैक्सीन से छूटे हुये बच्चों को ड्यू टीके से आच्छादित किया जायेगा।इस अभियान के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए बैनर, पोस्टर इत्यादि का प्रयोग किया जायेंगे।प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर एडवर्स इवैंट फोलोविंग इम्यूनाइजेशन (एईएफ़आई) प्रबंधन के लिए आवश्यक किट एवं डीपीटी के पश्चात् बुखार के प्रबन्धन के लिए आवश्यक दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है।
इसलिए जरूरी है डीपीटी व टीडी का टीका डॉ.श्रीनिवास ने बताया कि डीपीटी यानि डिप्थीरिया, पर्ट्युसिस (काली खांसी) और टिटनेस से अपने बच्चों को बचाने के लिए 16 से 24 माह पर इसकी पहली डोज़ और पाँच से छह वर्ष पर दूसरी या बूस्टर डोज़ अनिवार्य रूप से लगवाएं।इसके साथ ही टीडी यानि टिटनेस डिप्थीरिया से बचाव के लिए इसकी पहली डोज़ 10 वर्ष एवं दूसरी या बूस्टर डोज़ 16 वर्ष पर अनिवार्य रूप से लगवाएँ।