राष्ट्रीय सम्मान के साथ सेना के जवान का हुआ अंतिम संस्कार

 

न्यूज़ वाणी

ब्यूरो मुन्ना बक्श

बांदा। उत्तराखंड के चाईना बॉर्डर पर स्थित नीलम घाटी मे बीते दिनों जनपद बांदा के अतरहट गांव निवासी 35 वर्षीय त्रि मोहन सिंह का पैर फिसल जाने से हुई मौत की खबर के आने के पश्चात आज उसके पैतृक गांव में तिरंगे में लिपटा हुआ शव आते ही परिवार में कोहराम मच गया लोग जो जहां थे वहीं से मृतक त्रिमोहन सिंह की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे जैसे ही दोपहर 2:30 पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस की गाड़ी में तिरंगे से लिपटे हुए शव को देखते हुए भारत माता की जय के नारे गूंज उठे। त्रिमोहन सिंह अमर रहे भारत माता की जय के साथ आइटीबीपी के जवानों ने उन्हें गार्डन ऑफ़ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी। बता दे कि मृतक चार भाइयों में सबसे छोटा था जिसकी 2013 में कानपुर के महाराजपुर में पोस्टिंग हुई थी वहीं से वह उत्तराखंड के चाईना बॉर्डर के नीलम घाटी में पैर फिसल जाने से उसकी मौत हुई थी। मृतक का,शव जैसे ही ताबूत के अंदर घर पहुंचा मृतक की पत्नी पूनम दहाड़े खाकर बेसुध हो गई जहां परिवारी जनों ने उसको संभाला। परिजनों ने बताया कि अभी एक महीने पहले ही मृतक छुट्टी के दौरान घर आया था परिवरीजन ने बताया कि जब भी छुट्टी मिल जाती थी वह एकाधदोनों के लिए घर आ जाता था और फिर पुनः ड्यूटी पर वापस लौट जाता था। मृतक के अंतिम दर्शनों के लिए समूचे क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हुए दिन में मुख्य रूप से जयराम सिंह बछेउरा, जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद, अशोक सिंह गौर, पूर्व विधायक दलजीत सिंह, प्रधान संघ के अध्यक्ष पिपरहरी प्रधान सुरेंद्र सिंह उर्फ छएद् सिंह, छोटकू भाऊ सहित सैकडों की संख्या में लोग मृतक के घर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान कमांडेंट अमित कटियार मौके पर मौजूद रहकर उन्हें अंतिम सलामी दी।

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