KGMU की MBBS छात्रा ने की खुदखुशी: रूममेट ने शोर मचाया तो बची जान; हालत नाजुक

 

लखनऊ में बुधवार को KGMU की MBBS फर्स्ट ईयर स्टूडेंट फांसी के फंदे पर झूल गई। रूम मेट के शोर मचाने पर उसको बचाया जा सका। आनन-फानन में उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया। फिलहाल छात्रा का वेंटिलेटर पर इलाज चल रहा हैं। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, 1 महीने पहले ही एडमिशन हुआ है। ऐसे में पढ़ाई का दबाव नहीं हो सकता है। फिलहाल रैगिंग और पारिवारिक एंगल पर जांच चल रही है।

जानकारी के मुताबिक MBBS फर्स्ट ईयर स्टूडेंट शिल्पी गाजियाबाद में रहती हैं। 1 महीने पहले उनका एडमिशन हुआ है। मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल के कमरा नंबर 208 में वो रहती हैं। एक दिन पहले ही वो गाजियाबाद घर से लौटी थीं। बुधवार सुबह फर्स्ट हाफ में क्लास अटेंड करने के बाद हॉस्टल लौटी। खाने के वक्त पर साथी छात्रों ने शिल्पी से पूछा, मगर उसने कहा-मुझे भूख नहीं है।

 

 

 

इस दौरान उसकी रूममेट भी हॉस्टल के बाहर चली गई। कुछ देर बाद रूममेट के फोन पर छात्रा के घर वालों का फोन आया कि शिल्पी फोन नहीं पिक कर रही है। रूममेट तुरंत हॉस्टल मे कमरे की तरफ लौट आई। हॉस्टल पहुंचने पर साथी छात्रा के आवाज लगाने पर भी दरवाजा नहीं खुला। उसने रोशनदान से झांककर देखा तो चीख निकल गई।

छात्रा दुपट्टे के सहारे पंखे से लटकी हुई थी। इस बीच साथी छात्रा के जोर से चिल्लाने पर दूसरी सहपाठी छात्राएं मौके पर पहुंचीं। सूचना मिलने पर KGMU प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में दरवाजा तोड़कर छात्रा को फंदे से नीचे उतारकर ट्रामा सेंटर पहुंचाया गया। उसे CCM में भर्ती कर उपचार शुरू किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक वेंटिलेटर सपोर्ट देने के बाद छात्रा की हार्ट बीट वापस लौटी है। लेकिन अभी भी उसे आर्टिफिशियल सपोर्ट कर रखा गया हैं। फिलहाल छात्रा की हालत गंभीर है।

 

 

 

छात्रा के खुदकुशी के प्रयास की कोई वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन की माने तो पढ़ाई शुरू हुए महीनेभर भी नहीं बीता है। पढ़ाई का तो कोई दबाव ही नहीं था। परीक्षा भी अभी बहुत दूर है। परिसर में रैगिंग भी नही हो रही हैं। उसकी रूममेट की तरफ से भी किसी तरह के तनाव की बात से इनकार किया गया। यही कारण हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन परिवार के लोगों के आने पर ही असल वजह सामने आने की बात कह रहा हैं।

KGMU के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर में छात्रा का इलाज चल रहा हैं। अभी उसकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई हैं। छात्रा के परिजनों को जानकारी भेज दी गई हैं। खुदकुशी के प्रयास के कारणों का पता नहीं चला है।

 

 

 

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