लखनऊ में सरकारी लेटर पैड एवं मोहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने और जानबूझ कर अल्लामा जमीर नकवी को अपमानित करने के मामले में आरोपी सपा के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान को गवाही देने के लिए जेल से कोर्ट में नहीं लाया जा रहा है। इस पर एमपी/ एमएलए कोर्ट के विशेष मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने नाराजग़ी जताते हुए आगामी 8 नवंबर को आज़म ख़ान को न्यायालय के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है। विशेष मजिस्ट्रेट ने इसके लिए पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है।
विशेष मजिस्ट्रेट ने पत्र में यह भी कहा है कि आज़म ख़ान के विरुद्ध अभियोजन के साक्ष्य पूरे हो चुके है सिर्फ उनके बयान दर्ज किया जाना है। पर सीतापुर जेल के अधिकारियों द्वारा आज़म ख़ान को न्यायालय में पेश नही किया जा रहा है।
इस मामले में वादी द्वारा 1 फरवरी 2019 को थाना हजरतगंज में पूर्व मंत्री आजम खान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया। बताया गया था कि घटना 2014 की है, जब पूर्व मंत्री आजम खान सरकारी लेटर हेड, मोहर व अपने पद का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस एवं मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी को बदनाम कर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि धूमिल करके प्रतिष्ठा को घोर आघात पहुंचा रहा था। पर, सरकार के प्रभाव के चलते वादी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। जिसपर उसने अल्पसंख्यक आयोग को भी शिकायती पत्र भेजा था।