साहित्य परिषद के स्थापना दिवस पर कवियों ने मंहगाई व राजनीति पर किया कटाक्ष

 सुमेरपुर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के स्थापना दिवस पर कस्बे के पेट्रोल पंप के समीप कवि गोष्ठी का आयोजन करके राष्ट्रीय राजनीति एवं महंगाई पर जमकर कटाक्ष किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक बृजकिशोर यादव ने की।
 अखिल भारतीय साहित्य परिषद की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ हरीराम गुप्त निरपेक्ष ने सरस्वती वंदना के साथ किया। इसके बाद उन्होंने महंगाई पर कटाक्ष करते हुए पढ़ा कि अब गरीबों के कौर से दाल कढ़ी नाराज, साथी इनके हो गए लहसुन अदरक प्याज। नीतिराज सिंह ने पढ़ा दुखदायी है तपिस सभी को चुभती होगी, कितना हठ संतोष मुफलिसी खलती तो होगी। न्यायिक व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कमलेश सिंह ने पढ़ा कि बंद करा न्यायालय, जज से कहा उहुं घर का जाय। तमंचा करैं लगा है न्याय, तमंचा करैं लगा है न्याय। सम्मेलन का संचालन कर रहे कैलाश प्रसाद में सोनी ने पढ़ा रामचरित मानस जन जन को पावन राह दिखाती है, मर्यादा का धर्म आचरण, मानव को सिखलाती है। इसके अलावा शिवकरण सिंह सरस रेवती कुमार पाठक लखनलाल जोशी शिवकरण सिंह सरस,रेवती कुमार पाठक, अवधेश कुमार साहू, सुरेश कुमार, हरिकिशन सेन ने अपनी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम के संयोजक नीतिराज सिंह ने सभी का आभार जताया।
Leave A Reply

Your email address will not be published.