बुलंदशहर के सलेमपुर के शिवाली-भैंसरौली क्षेत्र के गांव रौंडा में 31 साल पहले शुरू हुआ जमीन और भट्ठे का विवाद…8 हत्याओं के साथ खत्म हो गया। 30 अक्टूबर को इस विवाद से जुड़े आखिरी शख्स रामभूल की भी गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई।
रामभूल की हत्या के बाद पुलिस ने रविवार को इससे जुड़े 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिन पर रामभूल की हत्या का भी आरोप है। आरोपियों का कहना है, हमने रामभूल को मारकर अपने पिता की आखिरी इच्छा को पूरा किया है।
ये विवाद गांव के दो पक्षों से जुड़ा था। जिसमें बदले की आग में दोनों पक्षों ने अपनों को खो दिया। जिन पक्षों में विवाद हुआ, वो कभी दोस्त हुआ करते थे। लेकिन थोड़ी सी जमीन और काम के लालच ने उन्हें एक-दूसरे का दुश्मन बना दिया। जिसके बाद शुरू हुआ हत्याओं का सिलसिला।
बुलंदशहर में 30 अक्टूबर को एक रिटायर्ड आईबी इंस्पेक्टर रामभूल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह धान बेचकर अपने ट्रैक्टर से वापस अपने घर जा रहा था। तभी उस पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गई। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के खुलासे के लिए फोरेंसिक और पुलिस की टीम को लगाया गया था। जांच में इस हत्याकांड के पीछे साल 1992 में शुरू हुआ विवाद सामने आया।
जिन पर रामभूल को मारने का आरोप है, वो दोनों (शिवकुमार और मुकेश) सगे भाई हैं। ये दोनों कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आए थे। इन पर इस विवाद से जुड़े और लोगों की हत्या करने का भी आरोप है। अब रिसाल के परिवार में महिलाओं के अलावा कोई नहीं बचा है। वहीं, दूसरे पक्ष में शिवकुमार और मुकेश बचे हैं, जो अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।
पुलिस के अनुसार, रामभूल की मां चंपा देवी का कोई भाई नहीं था। उनकी शादी भैंसरौली नासिरपुर थाना सलेमपुर निवासी रिसाल सिंह से हुई थी। कुछ दिनों बाद पिता की तबीयत खराब होने पर चंपा पति के साथ अपने पिता के घर पर आ गई।
उनके पिता के पास 60 बीघा जमीन थी। उसी जमीन पर खेती-किसानी करके रिसाल अपने परिवार का पालन-पोषण करने लगे। रिसाल के 5 बेटे रामभूल, श्रीपाल, रतनपाल, सतपाल और श्यौदान सिंह थे। रामभूल और श्यौदान को छोड़कर तीनों भाई पिता के साथ खेती-किसानी करते थे। रामभूल आईबी इंस्पेक्टर और श्यौदान टीचर थे। ये दोनों गांव के बाहर रहते थे। गांव में श्रीपाल, रतनपाल और सतपाल रहते थे।
पिता रिसाल के गांव के ही मीर सिंह से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों परिवारों का एक-दूसरे के घर आना-जाना था। अपने इन्हीं संबंधों के चलते रिसाल और मीर ने साथ में भट्ठे का काम शुरू कर दिया। इससे अच्छी कमाई शुरू हो गई। लेकिन यहीं से दोनों के रिश्ते भी खराब होने लगे।
साल 1992 में हुई पहली हत्या…
मीर सिंह के तीन बेटे शिवकुमार, मुकेश और करनवीर थे। उनका कहना था कि भट्ठे में होने वाली कमाई के पैसों का बंटवारा उनके कहे अनुसार हो। जिसके बाद दोनों परिवारों के रिश्ते बिगड़ने लगे। धीरे-धीरे भट्ठे की जमीन को बांटने की नौबत आ गई, लेकिन रिसाल इस बात के लिए राजी नहीं हुआ।
इस कारण दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जिसमें मीर सिंह का परिवार गंभीर घायल हो गया। इस विवाद में इन लोगों की गांव में बहुत बेइज्जती भी हुई। इसका बदला इन लोगों ने साल 1992 में रिसाल की हत्या करके लिया। उसके बाद रिसाल के बेटों ने साल 1993 में करनवीर की हत्या कर दी। भाई की हत्या का बदला लेने के लिए शिवकुमार और मुकेश ने मौका पाकर श्रीपाल और रतनपाल की हत्या कर दी।
जिसके बाद मीर सिंह की भी हत्या हो गई। मीर सिंह ने ही मरते समय अपने बेटों शिवकुमार और मुकेश से खून का बदला खून से लेने की बात कही थी। जो बात उनके मन में आज तक बैठी हुई थी। उस समय शिवकुमार और मुकेश दोनों पुलिस से बचने के लिए गांव से फरार हो गए थे।
लेकिन कुछ दिन बाद वापस आते ही इन लोगों ने रिसाल के बेटे सतपाल को भी मार दिया। जिसके बाद पुलिस ने इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, मीर सिंह के पक्ष के महेंद्र की भी हत्या हो गई। लेकिन ये हत्या किसने की ये आज तक साफ नहीं हो पाया है।
रिटायर होने के बाद गांव वापस आ गया रामभूल
उधर, शहर में बीमारी के चलते श्यौदान सिंह की मौत हो गई। रिसाल के परिवार में अब केवल रामभूल ही बचे थे। जो बुलंदशहर के मोहल्ला शास्त्रीनगर में रहते थे। वो रिटायर्ड होने के बाद अपनी मां के पास रहने चले गए थे।
वो अपने गांव में नहीं रहते थे, लेकिन गांव जाकर खेती-किसानी का काम देखा करते थे। उन्होंने शादी भी नहीं की थी। 30 अक्टूबर को वो ट्रैक्टर पर धान लादकर घर लौट रहे थे, तभी उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
एसएसपी श्लोक कुमार का कहना है, रामभूल की हत्या पुरानी रंजिश में की गई थी। दोनों मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। इस हत्या में कुछ और लोगों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है, जिनकी तलाश की जा रही है।
इनका विवाद काफी पुराना था, जिसमें रामभूल के भी जेल जाने की बात बताई गई है। मामले की जांच की जा रही है। रामभूल की हत्या करने वाले दोनों आरोपी साल 2021 में ही जेल से बाहर आए थे। प्लान के तहत इन लोगों ने रामभूल की हत्या की है। दोनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लखीमपुर खीरी में अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद लड़की ने सुसाइड कर लिया। मामले में प्रशासन ने रविवार को बड़ी कार्रवाई की। आरोपी जोहिद की दुकान को बुलडोजर से ढहा दिया गया। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। मौके पर ग्रामीणों और हिंदू संगठनों के लोगों की भीड़ जमा है