न्यूज़ वाणी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बांदा। खनन के लिए कुख्यात बुंदेलखंड के बांदा जिले की मरौली बालू खदान खंड 5 में लगातार हैवी मशीनों से अवैध खनन हो रहा है। कई फुट गहराई तक खनन किया जा रहा है और नदी की कगारों को खोदा जा रहा है जिसके चलते नदी का स्वरूप बदलता जा रहा है जो भविष्य में खतरनाक साबित हो सकता है। वहीं खनिज विभाग ने गांधी का चश्मा लगा रखा है जिसके कारण उन्हें न ही मशीनें दिख रहीं हैं और न ही खनन की गहराई दिख रही है। जो ग्रामीणों की मौत का कारण बनती है। इस खदान में पहले भी अवैध बालू लेकर ओवर लोड ट्रक निकलते हुए पकड़े गए थे। लेकिन इस कार्रवाई के बाद से अधिकारियों को यहां कुछ गलत होते नहीं दिख रहा है जबकि कई मीडिया सस्थानों ने यहां की अवैध खनन की तस्वीरें दिखाई थी और कई प्रतिबंधित मशीनों द्वारा खनन की भी तस्वीरें दिखाई थी लेकिन जब जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए तो जांच टीम ने गांधी का चस्मा लगा लिया जिसके चलते उन्हें खदान में सब सही मिला। आपको बताते चले की पड़ोस के जिले हमीरपुर में मजिस्ट्रेट का ड्राइवर अधिकारियों की रेकी करता पकड़ा गया है जो बालू माफियाओं को अधिकारियों की लोकेशन बताता था। जनपद में अगर अधिकारियों की यही कार्यशैली रही तो वो दिन दूर नहीं जब केन नदी केवल इतिहास के पन्नो तक ही सीमित हो जाएगी इसके आसार भी दिखने लगे हैं । दुरेड़ी घाट के दोनो इंटेक बेल के पास का पानी सूख चुका है नदी में अवैध खनन के चलते बहाव का रास्ता बदल दिया है। यही कारण है की पानी इंटेक बेल तक पहुंचाने के लिए खोदाई कर रास्ता बनाना पड़ा है। बताया जा रहा है इस खदान में रसूखदार बालू माफिया पार्टनर है और एक सीबीआई की रडार में भी है उसकी 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी की जानकारी मिली है। हालांकि खंड संजू गुप्ता के नाम है।