मौदहा हमीरपुर।केंद्र सरकार पर गरीबों, दलितों और आदिवासियों का आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाते हुए और बौद्ध पर्सनल लॉ बोर्ड गठित करने के साथ ही दोहरी शिक्षा नीति खत्म करने की मांगों को लेकर अखिल भारतीय बौद्ध महासभा अन्य संगठनों के साथ आगामी 26 नवम्बर को राजधानी के जंतर मंतर में धरना प्रदर्शन करेगी।
कस्बे के एक गेस्ट हाउस में अखिल भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश महासचिव और बुण्देलखण्ड प्रभारी दयाराम अहिरवार ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि केंद्र सरकार गरीबों, दलितों और पिछड़ों के साथ ही आदिवासियों के आरक्षण को खत्म करना चाहती है।इतना ही नहीं केंद्र सरकार द्वारा नये बने लोकतंत्र के मंदिर के साथ ही लोकतंत्र के बजाय राजतंत्र की बुनियाद रखने का काम किया है और राजतंत्र परम्परा के प्रतीक सिंगोल की स्थापना की है जिससे मानवाधिकार के रक्षकों के साथ ही लोकतंत्र के अनुयायियों में भारी आक्रोश है इसलिए सिंगोल को फौरन हटाया जाना चाहिए।इतना ही नहीं बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए बौद्ध पर्सनल लॉ बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए।संगठन के बुण्देलखण्ड प्रभारी ने सरकारी संसाधनों के निजीकरण और इवीएम से चुनाव पर रोक लगाने की बात भी कही।इस दौरान आमंत्रित भीम आर्मी के पूर्व संयोजक संदीप बाल्मीकि ने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी होना चाहिए।इस दौरान सामाजिक न्याय परिषद से सुनील,हरभजन बौद्ध, सुखदेव बौद्ध,अनिकेत सूर्यवंशी सहित अन्य युवा मौजूद रहे।