डायल-112 की 205 लड़कियों पर 24 घंटे के अंदर दूसरी FIR भी हो गई। पहला केस पुलिस ने रजिस्टर कराया। दूसरा केस नई कंपनी वी-विन लिमिटेड के परियोजना निदेशक सैयद अहमद की तरफ से हुआ। आरोप है कि इन लड़कियों की वजह से हेल्पलाइन का काम प्रभावित हुआ। ऑफर लेटर देने के बाद भी धरना दिया। उनके कर्मचारियों के साथ मारपीट की।
इससे पहले सुशांत गोल्फ सिटी थाने के दरोगा धीरेंद्र प्रताप की तरफ से 5 लड़कियों को नामजद करते हुए 200 प्रदर्शन करने वाली लड़कियों पर केस दर्ज हुआ था। पुलिस एक्शन के बीच लड़कियां ईको गार्डन में डटी हुई हैं। 2 केस दर्ज होने के बाद लड़कियों ने कहा-ये हमारे हक की लड़ाई है। हम डरेंगे नहीं…।
5 लड़कियों की अफसर से बात हुई, लेकिन वेतन पर पेंच फंसा
डायल-112 की लड़कियों का धरना चौथे दिन यानी गुरुवार को भी जारी है। खुले आसमान और ठंड के बीच लड़कियां ईको गार्डन से हटी नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक, धरने पर बैठी 5 लड़कियों की 112 के अधिकारियों से मुलाकात कराई गई। जिसके बाद उनकी मांगों को लेकर चर्चा हुई, लेकिन 18 हजार सैलरी को लेकर बात नहीं बनी। इसके बाद लड़कियों को बैरंग धरना स्थल पर लौटा दिया गया।
दरअसल, लड़कियों का कहना है कि हेल्पलाइन पर हर रोज करीब 1 लाख फोन आते हैं। डायल-112 में लगभग 673 महिला कर्मचारियों की रोजाना 3 शिफ्टों में ड्यूटी लगती है। लड़कियों के मुताबिक, त्योहार आने पर डेढ़ लाख तक काल आती हैं। उन्हें अटेंड करके समाधान करना, आसान काम नहीं है। इसलिए वेतन बढ़ना चाहिए।
ऑफर देने के बाद भी काम छोड़ा, कर्मचारियों से मारपीट की
वी-विन लिमिटेड के परियोजना निदेशक सैयद अहमद ने अपनी तहरीर में लिखा है कि 3 नवंबर की रात से कंपनी की ओर से कांट्रेक्ट सर्विस सेंटर शुरू किया गया था। छह नंबर से अचानक यहां पहले से काम कर रही संवाद अधिकारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। जबकि सबको ऑफर लेटर मेल पर दिए गए हैं।
इसकी जानकारी प्रदर्शन करने वालों को मौखिक और मेल पर दिया गया। इसके बाद भी उनका प्रदर्शन जारी है। इस दौरान उन्होंने हमारे कर्मचारियों के साथ हाथापाई की। जिससे हेल्पलाइन का काम भी प्रभावित हुआ है। सैयद अहमद की तहरीर पर पुलिस ने 200 संवाद कर्मचारियों पर गैरकानूनी सभा में शामिल होकर शांति भंग करने, लोक सेवक से मारपीट कर काम में बाधा पहुंचने व गाली-गलौज करने की धारा में एफआईआर की है।
बुधवार सुबह योगी सरकार ने डायल-112 के ADG अशोक कुमार को हटा दिया है। उन्हें पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से अटैच किया है। डायल-112 की जिम्मेदारी नीरा रावत को सौंपी गई है। रावत वीमेन हेल्पलाइन 1090 की ADG रह चुकी हैं। अभी वह ADG प्रशासन थीं।
डायल-112 की वेटिंग बढ़ी, 1076 और थानों की टेलीकालर से मदद
शहीदपथ अर्जुनगंज स्थित डायल 112 सर्विस में आउटसोर्स पर तैनात टेली कालर आज चौथे दिन भी धरने पर बैठी हैं। जिससे कंट्रोल रूम का काम लगातार प्रभावित हो रहा है। इसका ही नतीजा है कि डायल-112 नंबर पर कॉल या तो एक बार में रिसीव नहीं हो रही है या काफी वक्त लग रहा है।
धरने पर बैठी लड़कियों के मुताबिक, कॉलर के कॉल लगाने के बाद लगभग 40 से 50 सेकेंड तक हम लोग कॉल को रिसीव कर लेते थे। अब संख्या बल कम होने से ऐसी दिक्कत आ रही होगी। धरने पर बैठी लड़कियों का कहना है जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी वह धरना समाप्त नहीं करेगी।
डायल-112 के काम को प्रभावित होने से रोकने के लिए पुलिस विभाग की तरफ से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। जिसके चलते 1076 की कॉल टेकर के साथ थानों पर मीडिया सेल में काम करने वाले लोगों को लगाया गया है।
वेतन, छु़ट्टी जैसी मांगों के साथ धरना पर लड़कियां
दरअसल, यूपी-112 कंट्रोल रूम को मैन पावर उपलब्ध कराने का टेंडर MDSL/टेक महिंद्रा के पास था। जिसका कार्यकाल समाप्त होने पर 3 नवंबर से वी विन के पास आ गया। वी विन ने आने के बाद नए सिरे से लड़कियों से काम कराना शुरू किया। अब लड़कियों का कहना है कि उन्हें 12 हजार वेतन मिलता है, जोकि 18 हजार होना चाहिए। हमारे पास कंपनी का ऑफर लेटर भी नहीं है। साथ ही, महीने में 4 साप्ताहिक और 2 आकस्मिक अवकाश मिलने चाहिए।
इन्हीं मांगों को लेकर लड़कियों ने प्रदर्शन शुरू किया। सोमवार से ये लड़कियां यूपी-112 के मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर रही थीं। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाते हुए उन्हें हिरासत में लेकर ईको गार्डन भेजा गया था। धरना कर रही सविता, नेहा और ताप्सी ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस शुरू से हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रही है। हमारे खिलाफ FIR भी हो सकती है।
कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने नई कंपनी को ठेका देकर पुराने कर्मचारियों को सड़क पर ला दिया। नई कंपनी अपने मनमाने एजेंडे पर काम करवा रही है। हम लोगों से शिफ्ट पूरी होने के बाद भी काम करवाया गया। हर घंटे के हिसाब से अतिरिक्त पैसे देने का लालच भी दिया गया। मगर कंपनी ने कुछ नहीं किया।
लखनऊ में डायल-112 में काम करने वाली लड़कियों को पुलिस ने खींच-खींचकर वैन में डाला। प्रदर्शनकारी लड़कियां सड़क पर बैठ गईं, तो पुलिसकर्मी उनको उठाकर ले जाने लगे। इस दौरान कई लड़कियों के कपड़े फट गए। कई को हल्की चोट लगी। दरोगा ने धमकी देते हुए कहा, “मुकदमा लिख जाएगा, सबका करियर खराब हो जाएगा।”
दरअसल, 112 हेडक्वॉर्टर में ये लड़कियां कल यानी सोमवार से अपनी नौकरी से जुड़ी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। करीब 14-16 घंटे धरना-प्रदर्शन के बाद जब उनकी मांगों पर बात नहीं बनी, तो मंगलवार सुबह करीब 200 लड़कियां मुख्यमंत्री आवास की तरफ जाने लगीं। इस दौरान थोड़ी ही दूर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया। फिर प्रदर्शनकारी लड़कियां धरने पर बैठ गईं। इससे वहां ट्रैफिक जाम होने लगा।
इसके बाद पुलिस ने लड़कियों को ईको गार्डन जाकर प्रदर्शन करने के लिए कहा। मगर, वे लोग सीएम आवास जाने पर अड़ गईं। लड़कियां बैरिकेडिंग तोड़कर जाने लगीं, तो पुलिस वालों ने उनको पकड़ लिया। खींच-खींचकर वैन में भरना शुरू कर दिया। इस दौरान जमकर हंगामा और खूब बवाल हुआ। कई लड़कियां तो रोने लगीं।
प्रदर्शन कर रही एक लड़की प्रतिभा ने चिल्लाते हुए बताया, ”पुरुष पुलिसकर्मियों ने हमको घसीटा। इसमें हमारी साथियों के कपड़े फट गए। कई लड़कियां तो बेहोश हो गईं।”
मुख्यमंत्री आवास जाते वक्त रोका, फिर हुई नोक-झोंक
सोमवार से ही डायल-112 मुख्यालय पर महिला कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन चल रहा था। डायल-112 के जरिए लोगों की मदद करने वाली लड़कियां पूरी रातभर सड़क पर बैठी रहीं। इस दौरान ADG-112 अशोक सिंह सहित अन्य पुलिस अफसरों ने लड़कियों को समझाने की कोशिश की। मगर लड़कियां अपनी मांगों पर अड़ी रहीं।
इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने बिजली सप्लाई बंद कर दी। लड़कियां फिर भी सड़क से नहीं हटीं। मोबाइल की टॉर्च जलाकर सड़क पर बैठी रहीं। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने तय किया कि मुख्यमंत्री आवास पर जाकर अपनी समस्या रखनी चाहिए। फिर वे पैदल चल पड़ीं। महिला कर्मचारियों के मुताबिक, सड़क पर ही उन्हें रोक लिया गया।