सासों का सौदागर : जिन्हें दिल की बीमारी ही नहीं उन्हें लगा दिए पेसमेकर

नाम डॉ. समीर सर्राफ, काम-लोगों की दिलों के साथ खेलना, खुद की अय्याशी के लिए उनकी धड़कनों का सौदा करना। स्टाइल ऐसी कि खुद को ”इटालियन स्टालियन” माने इटली का हैंडसम बंदा कहता है। फॉरेन में घूमना, लग्जरी स्टेटस मेंटेन रखना और खुद को सबसे अलग दिखाना। शौक ऐसे कि अपने ईमान तक को गिरवी रख दिया।

सैफई में यूपी आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS) में करोड़ों का घोटाला करने वाला डॉक्टर समीर सर्राफ गिरफ्तार किया जा चुका है। मूल रूप से ललितपुर का रहने वाला समीर सर्राफ सैफई में बतौर हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता था। MBBS, MD और कार्डियोलॉजिस्ट समीर जिसके दिल को जरूरत नहीं भी होती थी, उसे भी डुप्लीकेट और सस्ते पेसमेकर लगा देता था। इटावा में समीर ने ऐसे करीब 600 लोगों का ऑपरेशन किया, इसमें कइयों की जान तक चली गई।

2018 को शुरू हुआ पूरा खेल

डॉक्टर समीर सर्राफ का पूरा खेल साल 2018 को शुरू हुआ, जब 21 मई को सुदामा लाल नाम के मरीज ने पेसमेकर इंप्लांट कराया। इसका SPGI RC रेट 96 हजार 844 रुपए मात्र था। डॉ. समीर ने इस पेसमेकर के 1लाख 85 हजार रुपए वसूल लिए।

इसके बाद 23 मई 2018 को गुड्डी देवी नाम की हृदय रोगी महिला ने पेसमेकर इंप्लांट करवाया, उससे भी पौने दो लाख रुपए की वसूली की गई। इसी तरह जबर सिंह ने 25 जनवरी 2019 को पेसमेकर इंप्लांट करवाया और उससे भी दोगुनी कीमत वसूली गई।

यह कुछ मामले पुलिस जांच में सामने आए। हालांकि, मामले में UPUMS ने मरीजों और लखनऊ की हेल्थटेक कंपनी की शिकायत पर जांच के बाद डॉ. संमीर सर्राफ के खिलाफ FIR दर्ज करवायी थी। कंपनी ने 17 मार्च 2020 को तत्कालीन कुलपति डॉ. राजकुार को एक शिकायती पत्र दिया था। इसमें कहा गया था कि विश्वविद्यालय में MRI पेसमेकर में घोटालेबाजी हो रही है। इस रिपोर्ट में सुदामा लाल और गुड्डी देवी का जिक्र किया गया।

CBTS विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमित सिंह ने तीन बार जांच कराई। जिसमें समीर सर्राफ दोषी पाया गया।

  • अब चलते हैं उस फैमिली के पास, जिसकी घर की खुशियां छिन गईं

डा. समीर सर्राफ की गिरफ्तारी के बाद एक ऐसी फैमिली सामने आई, जिसके घर की महिला को पेसमेकर की जरूरत नहीं थी। लेकिन डॉ. समीर सर्राफ ने पेसमेकर इंप्लांट कर दिया। महिला के पति एडवोकेट मो. ताहिर अंसारी ने एक-एक कर पूरा घटनाक्रम बताया।

”कमजोरी थी, रूटीन चेकअप के लिए गए थे”

मो. ताहिर अंसारी ने कहा, ”12 जून 2019 को मेरी पत्नी रेशमा को अचानक कमजोरी महसूस हुई। इसके बाद हम लोग उन्हें रूटीन जांच के लिए UPUMS ले गए। यहां डॉक्टरों ने कुछ जांच पड़ताल की बात कही। इसके बाद अचानक रेशमा को अस्पताल वाले ओटी में ले गए। फिर हम लोगों को बिना किसी जानकारी के उनका टेम्परेरी पेसमेकर इंप्लाटेशन (TPI) कर दिया गया। जब मैं वहां पहुंचा और पूछा कि ऐसा क्या हुआ मेरी पत्नी को कि ICU में शिफ्ट किया गया। तब डॉ. समीर सर्राफ ने बताया कि उनका TPI किया गया है।

मो. ताहिर अंसारी ने कहा, ”मैंने डॉ. समीर सर्राफ को कहा कि मुझे यहां कुछ नहीं करवाना है। जो कुछ भी इलाज होगा मैं दिल्ली में करवा लूंगा। इस पर डॉ. ने कहा कि अभी इस हालत में मरीज को वहां नहीं ले जाया जा सकता। उसने मुझे कई प्रलोभन दिए और स्वास्थ्य संबंधी बातें कही। इसके बाद परमानेंट पेसमेकर लगाने की बात कह दी। मैं क्या करता, अब वो हृदय रोग स्पेशलिस्ट थे। उनकी बातों में आ गया। इसके बाद उसने रेशमा को पेसमेकर इंप्लांट कर दिया।

”कानपुर के अस्पताल की थी रसीद”

रेशमा के पति मो. ताहिर ने कहा, ”पेसमेकर लगाने के बाद मुझसे 1 लाख 85 हजार रुपए लिए गए। मैंने जब रसीद की मांग की, तो दूसरे दिन कानपुर के कृष्णा हेल्थ केयर (फर्म) की हस्तलिखित रसीद थमा दी गई। फिर एक एजेंट पैसा लेकर चला गया। मैं थोड़ी सोच में था लेकिन मुझे मेरी पत्नी की चिंता थी। इसलिए इस पर ध्यान नहीं गया।”

दो महीने में खराब हो गया पेसमेकर

पीड़ित मो. ताहिर अंसारी ने कहा, ”डॉ. समीर सर्राफ ने मुझसे कहा था कि जो पेसमेकर रेशमा के शरीर में लगाया गया है। वह 20 साल तक चलेगा। लेकिन महज दो माह में पेसमेकर खराब हो गया। एक दिन मेरी पत्नी रेशमा घर में बेहोश होकर गिर पड़ी। 24 अगस्त 2019 को रेशमा को सैफई मेडिकल में गंभीर हालत में भर्ती करवाया गया, तो बताया गया कि इनका पेसमेकर खराब हो गया है। इसको तुरंत बदला गया। 5 दिन तक सैफई मेडिकल में भर्ती होने के बाद उनको 29 अगस्त को बाहर के लिए रेफर कर दिया गया।’

”कोमा में चली गई पत्नी”

मो. ताहिर ने कहा, ”पत्नी को रेफर किए जाने के बाद हम लोग उसे लेकर दिल्ली के हॉली फैमिली हॉस्पिटल में पहुंचे। मेरी पत्नी कोमा में चली गई थी। यहां 11 डॉक्टरों की टीम ने चेकअप किया और बताया कि पेसमेकर के चलते ही रेशमा की यह हालत हुई है। यह पेसमेकर खराब क्वालिटी का है। हॉली फैमिली अस्पताल में 13 दिन कोमा की स्थिति में उनका इलाज किया गया। इसके बाद 10 सितंबर 2019 को डिस्चार्ज कर दिया गया।”

”पूरा परिवार बिखर गया”

भावुक होते हुए मो. ताहिर ने कहा, ”9 अक्टूबर को मेरी पत्नी एक बार फिर से सीरियस हो गई। हम लोग उन्हें तुरंत आगरा ले गए। यहां एशिया के जाने माने न्यूरो सर्जन आरसी मिश्रा को दिखाया गया। उन्होंने भी बताया कि पेसमेकर के चलते ही रेशमा की ऐसी हालत हुई है। उनका दिमाग डेड हो गया है। इसके बाद मेरी पत्नी का इंतकाल हो गया।

उसकी ऐसी उम्र भी नहीं थी, जो उसको पेसमेकर लगाया जाता, लेकिन डॉक्टर समीर ने चंद पैसों के खातिर न जाने कितनी हत्याएं कर दी। मेरी पत्नी की मौत के बाद मेरा परिवार बिखर गया। अभी तक हम ने इस मामले में कोई शिकायत नहीं की थी, लेकिन अब करेंगे। ऐसे हैवानों को सख्त सजा मिले। मैं सरकार से यही गुहार लगाता हूं।”

यह रेशमा की फैमिली फोटो है।
यह रेशमा की फैमिली फोटो है।
  • अब जानते है डॉक्टर की अय्याशी और सनसनीखेज खुलासों के बारे में

लड़के का जापान में मनाया जन्मदिन

बताया जाता है डॉ. समीर सर्राफ ने अपनी अय्याशी, आराम और पैसा कमाने के चक्कर में मरीजों की जान के साथ खेलता रहा। वह दो तीन मरीजों की इंप्लांट के बाद विदेश यात्रा पर निकल जाता था। भारत के आसपास के देशों फुकेट में थाई मसाज करवाता था। यही नहीं, वह अपने आप को औरों से अलग दिखाने की कोशिश भी करता था। अस्पताल के स्टाफ ने दबी जुबान बताया कि महंगी घड़ी से लेकर महंगे फोन तक का शौकीन था। उसके सपने और अरमान इतने बड़े थे कि उसने अपने बेटे का बर्थ डे सेलिब्रेशन जापान में किया था।

पेसमेकर में लगाता था नकली स्टीकर

डॉ. समीर सर्राफ के खिलाफ तीन बार जांच हुई। तीनों बार वो दोषी पाया गया। जांच कमेटी की रिपोर्ट में यह बात निकलकर सामने आई कि वह मरीजों से पेसमेकर की तय कीमत से 9 गुना ज्यादा रुपए वसूलता था। यही नहीं, पेसमेकर में धांधली भी करता था। दो तरह के पेसमेकर में यह धांधली होती थी।

यह MRI पेसमेकर और नॉन MRI पेसमेकर दो तरह के होते हैं, जो मरीजो के दिल की धड़कन को बढ़ाने के लिये इंप्लांट किए जाते हैं। लेकिन समीर सर्राफ ने मरीजों के दिलों की धड़कनों को सेफ करने के लिये MRI पेसमेकर लगाता था। इसके लिए वह नॉन MRI पेसमेकर में स्टीकर MRI स्टीकर लगा देता था। यह नॉन MRI पेसमेकर भी घटिया क्वालिटी के होते थे।

डॉ. समीर सर्राफ का रिश्वत लेते हुए का भी एक वीडियो वायरल हुआ था। इसपर भी जांच बैठाई गई थी।
डॉ. समीर सर्राफ का रिश्वत लेते हुए का भी एक वीडियो वायरल हुआ था। इसपर भी जांच बैठाई गई थी।

कंपनियां विदेश घुमाने का इंतजाम करती थीं
जांच में सामने आया कि डॉ. समीर ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत भर्ती हुए कुछ मरीजों से भी नाजायज वसूली की। आरोप है कि डॉक्टर समीर ने सपरिवार नियम विरुद्ध कई अनाधिकृत विदेश यात्राएं की, जिनकी स्पॉन्सर्ड वह कंपनियां थीं, जिनसे अनुपयोगी सामान की सप्लाई ली गई थी। यह सप्लाई सरकारी पैसों से की गई थी, इसकी कीमत करीब 2 करोड़ रुपए बताई जा रही है।

जिसने घोटाला पकड़ा, उसे धमकाया

जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि डॉ. समीर सर्राफ से अनुरोध किया गया था कि वह इस तरह से मरीजों को धोखा ना दें और सच्चाई बताए, लेकिन उन्होंने जांच करने वाली टीम को धमकाना और ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

एमआरआई पेसमेकर कीमत पर अधिक नॉन एमआरआई लाने को कहा गया। भ्रष्टाचार के कारण पेसमेकर की आपूर्ति बंद कर दी गई। मरीज के जीवन को बचाने के लिये उनको गलत तरीके से वित्तीय लाभ लेने के लिये बताया कि एमआरआई संगत पेसमेकर है। इस शिकायती पत्र के साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग और सीडी भी संलग्न के साथ कुलपति को सौंपी गई थी।

पूरे मामले के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी मोहम्मद तारिक ने मामला दर्ज कर जांच क्षेत्राधिकारी कार्यालय को सौंप थी। क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे ने गहनता से जांच को आगे बढ़ाया। जांच में बड़ा भ्रष्टाचार पाया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने डीजीएमए से परमिशन लेने के बाद डॉक्टर समीर सर्राफ को गिरफ्तार किया। बता दें कि साल भर पुराने इस केस में तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर डॉ राजकुमार ने 20 मार्च 2021 को दोषी पाये जाने पर डॉ. समीर सर्राफ को सस्पेंड कर दिया था।

समीर के निलंबित होने के बाद UPUMS की ओपीडी 17 माह तक बंद रही थी। यहां आने वाले दिल के मरीजों को इलाज न मिलने के कारण कानपुर और लखनऊ के लिए रेफर किया जा रहा था। आरोपी डॉक्टर ने जांच को प्रभावित करने के लिए बहुत तरीके अपनाए। जांच अधिकारी को प्रलोभन देने का ऑफर किया। लेकिन सीओ निष्पक्ष जांच करने में सफल रहे।

पढ़िए क्या होता है पेसमेकर

दिल की धड़कन असामान्य हाेने पर पेसमेकर लगाया जाता है। पेसमेकर को चलाने के लिए बैटरी लगी होती है। यह धड़कनों को रेग्युलेट करने का काम करता है। जब दिल काम करना कम कर देता है। इससे धड़कन बहुत धीमी हो जाती है।

कई बार धड़कन बहुत धीमी या तेज हो जाती हैं। सांस फूलने, चक्कर आना, बेहोश होने समेत अन्य लक्षण देखने को मिलते हैं। इससे हार्ट की दीवारें कमजोर हो जाती हैं। हार्ट वीक होने पर हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे हालात में पेसमेकर लगाया जाता है। पेसमेकर लगाने में तीन से पांच लाख तक का खर्च आता है।

हार्ट काे स्वस्थ रखने के लिए इनका रखें ध्यान

  • अपने वजन काे हमेशा कंट्रोल में रखें, तनाव दूर करें
  • काेलेस्ट्राॅल का लेवल चेक करवाते रहें
  • पान मसाला, गुटखा और धूम्रपान से परहेज करें
  • बीपी के स्तर काे हमेशा मेंटेन में रखें, पर्याप्त नींद लें
  • डायबीटिज की जांच कराते रहे।

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