पकिस्तान: बीते 7 अक्टूबर को इजरायल में आम लोगों का कत्लेआम करने वाला हमास आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का प्रेरणास्रोत बन गया है। खबर है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर अपने आतंकियों को हमास के कत्लेआम के वीडियो दिखाकर भारत के लिए तैयार कर रहा है। खुफिया एजेंसियों को इसके इनपुट मिले हैं।
वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे हमास के लड़ाके मोटराइज्ड ग्लाइडर और हैंड ग्लाइडर से इजरायल में घुसे थे। लश्कर ने ऐसे हमलों के लिए कुछ भारी-भरकम ड्रोन भी खरीदे हैं, जो एक व्यक्ति को लेकर उड़ सकते हैं। इन्हें मैन लिफ्टिंग ड्रोन कहते हैं। कुछ हैंग ग्लाइडर की खरीद भी हुई है।
ऐसी आशंका है कि लश्कर हमास जैसा हमला गुजरात, राजस्थान, कश्मीर और पंजाब में कर सकता है। इसलिए सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट किया गया है। गृह मंत्रालय ने ऐसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जारी SOP का सख्त से पालन करने का निर्देश सुरक्षा एजेंसियों को दे दिया है।
सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली है कि पाक में चल रहे आतंकी शिविरों में लश्कर हमास के वीडियो प्रचारित कर रहा है, ताकि आतंकी हमास की हमला करने की रणनीति अच्छी तरह से सीख सकें। सूत्र बताते हैं कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद बॉर्डर एरिया में ड्रोन की निगरानी बढ़ा दी गई है। सुरक्षा जवानों को किसी भी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराने के आदेश मिले हैं। सीमाई इलाकों में रडार से भी निगरानी की जा रही है।
लश्कर-ए-तैयबा साउथ एशिया के सबसे बडे़ इस्लामी आतंकवादी संगठनों में से एक है। हाफिज मुहम्मद सईद ने इसकी स्थापना 1990 में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में की थी। हाफिज लश्कर को फिलहाल पाकिस्तान के लाहौर से ऑपरेट करता है। मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की जिम्मेदारी इसी संगठन ने ली थी।
जनरल परवेज मुशर्रफ के सैन्य शासन में 12 जनवरी, 2002 को पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यूनाइटेड नेशन्स ने इसे मई 2005 में बैन किया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI पर लश्कर की फंडिंग और हाफिज सईद को पनाह देने के आरोप हैं।