भारत-अमेरिका के बीच 2+2 बैठक: चीन, इंडो-पैसेफिक पर होगी चर्चा; भारत को फाइटर जेट्स के इंजन दिए जायेंगे

 

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन गुरुवार देर रात भारत दौरे पर पहुंचे। ब्लिंकन ने यहां विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। दोनों देशों के मंत्रियों के बीच 2+2 बैठक जारी है।

इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा- भारत एक वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरने वाला देश है। अमेरिका शांत और समृद्ध इंडो-पैसेफिक के लिए भारत का सपोर्ट करता है। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- ब्लिंकन के दौरे से भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।

 

 

ये 5वीं बार है जब भारत और अमेरिका के बीच 2+2 डायलॉग हो रहा है। इससे पहले गुरुवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन बैठक के लिए दिल्ली पहुंचे थे। 2+2 डायलॉग की शुरुआत 2018 में हुई थी। इसका लक्ष्य भारत-अमेरिका के बीच इंडो-पैसेफिक में रक्षा सहयोग बढ़ाना है।

रॉयटर्स के मुताबिक, एक भारतीय अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान चीन और इंडो-पैसेफिक पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। इसके अलावा डिफेंस इक्विपमेंट को साथ मिलकर बनाने पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा अमेरिका से भारत को फाइटर जेट्स के इंजन और MQ-9 ड्रोन्स सप्लाई करने को लेकर भी बात होगी। साथ ही भारत में फाइटर जेट्स के इंजन और सेमीकंडक्टर बनाने जैसे मुद्दे भी चर्चा का विषय रहेंगे।

 

 

 

राजनाथ सिंह ने कहा- वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत और अमेरिका की दोस्ती मजबूत हो रही है। हमारी साझेदारी स्थिर और नियमों से चलने वाले इंडो-पैसेफिक क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी है। 2+2 बैठक में हम क्रॉस-कटिंग, रक्षा संबंधों और टेक्नोलॉजी एंड सप्लाई चेन कोलैबोरेशन पर बैठक करेंगे। दोनों देशों के बीच ट्रेड 200 अरब डॉलर से ज्यादा है। आज 2.70 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ते हैं।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन सितंबर में G20 समिट के लिए भारत आए थे। वहीं जून में PM मोदी अमेरिका की स्टेट विजिट पर गए थे। तब भी दोनों देशों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने और अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई थी।

 

 

 

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