मथुरा में बाल कल्याण समिति ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो नवजात बच्चों के बेचने का गोरखधंधा कर रहे थे। समिति ने इस गिरोह के 3 सदस्यों को पुलिस को सौंपा है। इममें एक महिला के अलावा एक साधु भेष धारी और एक पुरुष है। यह गिरोह 4 लाख में लड़का और 1 लाख 80 हजार में लड़की बेचते थे। पुलिस तीनों सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
सोशल मीडिया पर पोस्ट देखकर शुरू किया ऑपरेशन
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने बताया कि उन्होंने 3 दिसंबर को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखी। इसमें एक बच्ची का फोटो था और लिखा था लेने के इच्छुक व्यक्ति संपर्क करें। यह पोस्ट देखकर लगा कि बच्चा बेचने वाला कोई गिरोह सक्रिय है। इसके बाद शुरू किया इस गिरोह का खुलासा करने के लिए ऑपरेशन।
फोन नंबर पर बात कर की बच्चे की डिमांड
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने पोस्ट में दिए गए नंबर पर फोन किया तो पोस्ट करने वाले व्यक्ति ने अपना नाम धर्मानंद महाराज बताया। जिसके बाद राजेश दीक्षित ने बच्चे की डिमांड की। धर्मानंद महाराज ने राजेश दीक्षित की बातों में फंसकर पूछा कि लड़का चाहिए या लड़की। इस पर राजेश दीक्षित ने दोनों पर कितना खर्च होगा इसके बारे में धर्मानंद महाराज से जानकारी मांगी। इसके बाद जो धर्मानंद महाराज ने लड़का उपलब्ध कराने के लिए 4 लाख और लड़की उपलब्ध कराने के 1 लाख 80 हजार रुपए मांगे। जिसके बाद राजेश दीक्षित ने कहा कि उनको तो बेटी ही चाहिए।
जन्म के एक घंटे बाद ही कर रहा था धर्मानंद महाराज बेटी का सौदा
राजेश दीक्षित से बातचीत के दौरान धर्मानंद महाराज को जब विश्वास हो गया कि वह बच्चा खरीदना चाहते हैं तो उसने एक 40 दिन की बेटी का फोटो राजेश दीक्षित के मोबाइल पर भेजा। इसके बाद राजेश दीक्षित ने धर्मानंद से कहा वह कुछ दिन बाद लेगे कोई नवजात हो तो बताना। शनिवार को धर्मानंद महाराज का राजेश दीक्षित के पास फोन आया और कहा कि एक बेटी है एक घंटे पहले ही जन्म हुआ है। राजेश दीक्षित ने कहा कि वह मथुरा ले कर आ जाएं।
बेटी को अपने साथियों के साथ लेकर मथुरा पहुंचा धर्मेंद्र महाराज
धर्मानंद महाराज ने पहले तो राजेश दीक्षित से कहा कि वह आगरा हैं और वहीं से आकर ले लीजिए। लेकिन राजेश दीक्षित ने फिर से धर्मानंद महाराज को बातों में फंसाया और उनको मथुरा आने के लिए कहा। जिसके बाद धर्मानंद महाराज अपने एक साथी ट्रांस यमुना कॉलोनी निवासी श्याम और भिंड मध्य प्रदेश की रहने वाली महिला ऋतु के साथ मथुरा उस नवजात बच्ची को लेकर आ गया।
डीएम,एसएसपी को दी मामले की जानकारी
ऑपरेशन शुरू करने के बाद जब बाल कल्याण समिति को पक्का हो गया कि बच्चा बेचने वाला गैंग सक्रिय है तो अध्यक्ष राजेश दीक्षित ने इसकी सूचना डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और एसएसपी शैलेश पांडे को दी। जिसके बाद डीएम,एसएसपी ने इस गैंग को रंगे हाथ पकड़ने के लिए राजेश दीक्षित से कहा और पुलिस उपलब्ध करा दी।
बेटी को लेकर पहुंचे मथुरा पुलिस ने तीनों को ले लिया हिरासत में
शनिवार की दोपहर धर्मानंद महाराज,श्याम और ऋतु जब बच्ची को लेकर बेचने के लिए मथुरा शहर कोतवाली इलाके में पहुंचे। यहां राजेश दीक्षित ने समिति की एक महिला सदस्य के साथ बातचीत में फंसाया। बातचीत में जब यह पक्का हो गया कि यह गैंग बच्चा बेचने वाला है और यहां नवजात बेटी को बेचने को आया है पुलिस को बुला लिया और तीनों को हिरासत में भेज दिया।
बच्ची को भेजा राजकीय शिशु सदन
राजेश दीक्षित ने बताया कि यह ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ा मामला है। यह लोग बच्चा कहां से लाते थे या चोरी करते थे इसकी पुलिस पूछताछ कर रही है। इनके गिरोह में कुछ ANM और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी हैं जो गरीब परिवारों को रुपयों का लालच देकर बच्चों का सौदा कराती थीं। गैंग में गिरफ्तार महिला ऋतु भी आगरा के ही किसी हॉस्पिटल में नर्स है। फ़िलहाल बच्ची को राजकीय शिशु सदन में भेज दिया गया है .वहीं इस मामले पर पुलिस अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। सीओ सिटी अभिषेक तिवारी का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।