वृन्दावन धाम में श्रद्वाभाव के साथ हर्षोल्लास से मना अन्नकूट उत्सव

ठाकुर जी का हुआ आकर्षक श्रंगार,गिर्राजधरण को लगाया गया छप्पन भोग

न्यूज़ वाणी

ब्यूरो संजीव शर्मा

 

न्यूज़ वाणी इटावा।छैराहा स्थित श्री धाम वृन्दावन राधाबल्लभ मंदिर पर गोवर्धन पूजा (अन्नकूट उत्सव) मंगलवार को श्रद्धाभाव के साथ परम्परागत ढंग से मनाया गया।इस अवसर पर गोबर से बनाए गए गोवर्धन महाराज के विग्रह की विशेष पूजा अर्चना की गई और छप्पन भोग भी लगाया गया।
अन्नकूट के मौके पर श्री राधाबल्लभ लाल महाराज का मनमोहक श्रंगार भी किया गया।मंदिर में भजन कीर्तन की धूम रही।मंदिर को फूलों व बिजली की रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था।भक्तों द्वारा भगवान गोवर्धन की परिक्रमा कर घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना की गई।गिर्राजधरण प्रभु तुम्हरी शरण के जयघोष से मंदिर व आस पास का क्षेत्र गुंजायमान रहा।
अन्नकूट के त्योहार पर मंदिर के महंत गोस्वामी प्रकाश चंद्र महाराज ने सुबह राधाबल्लभ लाल महाराज, राधारानी,श्री लालजू का विशेष पूजन अर्चन कर आकर्षक श्रंगार किया। इसके बाद मंदिर परिसर में गोबर से भगवान गोवर्धन का भव्य विग्रह बनाया गया और विग्रह का विभिन्न प्रकार की सब्जियों,फल, फूल,मेवा आदि से श्रंगार किया गया।
पं.हरनारायण दीक्षित ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गोवर्धन महाराज का पूजन अर्चन कराया।गोस्वामी प्रकाश चंद्र महाराज,चंद्र प्रकाश गोस्वामी,अमित गोस्वामी,गोपाल गोस्वामी व भक्तों ने भी भगवान गोवर्धन महाराज का पूजन अर्चन कर विभिन्न प्रकार के भोग व दूध अर्पित किया। मंदिर में भजन कीर्तनों की धूम रही।हित आशीष व हित प्रदीप के साथ अन्य भक्तों ने गिर्राज भगवान के भजन प्रस्तुत किए जिन पर श्रद्वालु झूमते रहे।भक्तों को अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया। मंदिर के महन्त गोस्वामी प्रकाश चंद्र महाराज ने श्रद्धालुओं को गोवर्धन पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि इस कलयुग में भगवान गिरिराज धरण व गौ पूजा विशेष फलदायी है।गिरिराज भगवान की परिक्रमा करने से भक्तों के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।इसलिए सभी लोगों को कम से कम एक बार गिरिराजधरण की परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए। उन्होंने बताया द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र देव के घमंड को तोड़कर उनके प्रकोप से समस्त गोकुलवासियों की रक्षा की थी।हालांकि इसके बाद इंद्र को अपने किए पर पश्चाताप भी हुआ और उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से इसके लिए माफी भी मांगी थी।तब से हर साल कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा की जाती है।यह प्रकृति प्रेम और उसके संरक्षण का प्रतीक।इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।

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