वाराणसी के दशाश्वमेध क्षेत्र के सदानंद बाजार निवासी एक व्यक्ति की पांच वर्षीय बीमार बेटी की उपचार के दौरान अस्पताल में बुधवार को मौत हो गई थी। रात लगभग 9:30 बजे बच्ची का शव रेवड़ी तालाब क्षेत्र स्थित कब्रिस्तान में दफनाया गया। बच्ची के पिता ने पुलिस को बताया कि बृहस्पतिवार की दोपहर वह अपनी बेटी की कब्र देखने गए थे।
कब्र के ऊपर की मिट्टी असामान्य प्रतीत होने पर उन्हें शंका हुई। उन्होंने कब्र को खुदवाया तो उसके अंदर से उनकी बेटी का शव गायब था। इस पर उन्होंने खोजबीन शुरू की तो कब्रिस्तान के एक कोने में उनकी बेटी के शव के साथ मोहम्मद रफीक उर्फ छोटू सोया हुआ था। इस पर उन्होंने अपनी बेटी के शव के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए पुलिस को सूचना दी। सूचना के आधार पर आई लक्सा थाने की पुलिस ने बच्ची का शव कब्जे में ले लिया और आरोपी मोहम्मद रफीक उर्फ छोटू को गिरफ्तार कर लिया।
बच्ची का शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यदि बच्ची के शव के साथ किसी भी प्रकार की अनहोनी की पुष्टि होगी तो उसके आधार पर मुकदमे में धाराएं बढ़ाई जाएगी।
मासूम बच्ची को खोने वाले पिता लक्सा थाने में आरोपी मोहम्मद रफीक उर्फ छोटू के खिलाफ तहरीर लिख रहे थे तो गम और गुस्से के कारण उनका हाथ कांप रहा था। अपने आंसुओं को पोछते हुए वह बुदबुदा रहे थे कि कैसा खराब दौर है और कैसा हैवान शख्स है, जिसने कब्र में भी मासूम बच्ची का शव सुकून से नहीं रहने दिया। बच्ची के पिता के साथ आए उनके करीबी उन्हें ढांढस बंधा रहे थे, लेकिन उनकी आंखों से आंसुओं की धार नहीं रुक रही थी। बच्ची के पिता ने पुलिस से मांग की कि गिरफ्तार युवक को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाए।
गिरफ्तार रफीक सामान्य स्थिति में आया तो पुलिस ने उससे रात में पूछताछ की। उसने कहा कि वह शराब के नशे में इस कदर धुत था कि समझ ही नहीं पाया कि वह कर क्या रहा है। वह पुलिस को बार-बार यह विश्वास भी दिला रहा था कि उसने बच्ची के शव के साथ कुछ गलत नहीं किया है। रफीक ने पुलिस से कहा कि उससे जो घृणित कृत्य हुआ है, उसकी सजा वह भुगतेगा। अपने परिजनों और परिचितों को अब भला वह क्या मुंह दिखाएगा।