विदेश के शहर फिलिस्तीन के गाजा में अल-शिफा अस्पताल के बाद अब इजराइली सेना ने गाजा में एक और अस्पताल को चारों और से टैंकों से घेर लिया है। इसका नाम इंडोनेशिया अस्पताल है, इसे इंडोनेशिया की मदद से बनाया गया था। कतरी हाउस अलजजीरा के मुताबिक इजराइली हमले में अस्पताल का सर्जरी रूम बिल्कुल तबाह हो चुका है, कुछ डॉक्टरों और मरीजों की भी मौत हुई है। इजराइली टैंकों के कुवैत के एक स्कूल पर भी हमले की जानकारी मिली है।
वहीं, इजराइल ने अल-शिफा अस्पताल के नीचे एक टनल का फुटेज भी जारी किया है। ये टनल 55 मीटर की बताई गई है। वीडियो में एक इजराइली सैनिक टनल में उतरता दिख रहा है। इजराइली सेना के मुताबिक टनल में छिपकर फायर करने के लिए एक होल भी है। यहां से हमास के लड़ाके अटैक कर रहे थे।
हमास ने इस दावे को गलत बताया है। हमास ने कहा है कि जिस बंधक इजराइली महिला सैनिक की लाश अल-शिफा अस्पताल के पास मिली है वो इजराइली बमबारी में मारी गई थी। वहीं, इजराइल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बमबारी में सिर्फ हमास लड़ाका मारा गया था, महिला बंधकों को मामूली चोट आई थी, हमास लड़ाकों ने बाद में उसका कत्ल किया।
UN ने बताया है कि अल-शिफा अस्पताल में 31 प्रीमैच्योर बच्चों को निकालकर दक्षिणी गाजा के राफा में शिफ्ट कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक इन बच्चों के साथ न तो इनके माता-पिता और न ही कोई परिजन है।
उनके परिजनों को ढूंढ़ने की कोशिश की जा रही है। सभी नवजातों को राफा से मिस्र ले जाया जाएगा। लगभग एक हफ्ते से इजराइली सेना अल-शिफा अस्पताल में कार्रवाई को अंजाम दे रही है। इजराइल का दावा है कि हमास ने अस्पताल में इजराइली बंधकों को छिपाकर रखा था। IDF ने एक वीडियो जारी किया है। इसे बंधकों का बताया गया है।वीडियो में कुछ लोगों को जबरन ले जाते दिखाया गया है। इसमें एक युवक स्ट्रेचर पर है।
इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच, इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे येर नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर के हमलों के लिए हाईकोर्ट के एक फैसले और इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) की नाकामी को जिम्मेदार ठहराया है।
‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- येर की इस हरकत का जवाब IDF रिजर्व फोर्स ने दिया। इसने एक बयान में कहा- आपने ये बयानबाजी ऐसे मौके पर की है, जब हम अपने 8 शहीदों को खोने का दुख मना रहे हैं। अच्छा होगा आप चुप रहें।
‘यरूशलम पोस्ट’ के मुताबिक- येर नेतन्याहू ने अपने टेलिग्राम चैनल पर एक पोस्ट में IDF, हाईकोर्ट और मीडिया को निशाना बनाया। सबसे पहले उन्होंने हाईकोर्ट पर निशाना साधा। कहा- हाईकोर्ट ने IDF की गाजा बॉर्डर पर तैनाती के नियमों में बदलाव किया। इसकी वजह से हमास आतंकी इजराइल की बॉर्डर में घुस सके।
इसके बाद उन्होंने 7 अक्टूबर को हुए हमास के हमलों की वजह IDF की नाकामी बताई। येर के मुताबिक- IDF ने ही फैसला किया था कि गाजा स्ट्रिप में फ्यूल सप्लाई नहीं रोकनी चाहिए। येर की इस बयानबाजी का जवाब IDF रिजर्विस्ट्स ऑर्गनाइजेशन ने दिया। एक बयान में संस्था ने कहा- सबसे पहले आपको फैक्ट्स देखने चाहिए।
आपका अहंकार बोल रहा है। गलतियों के कसूरवार आपके पिता हैं, उन्हें इसका अफसोस होना चाहिए। देश के लिए जो सैनिक शहादत दे रहे हैं, हम उनके साथ हैं। आप तो यहां से भाग खड़े हुए। ऐसे वक्त जबकि हम अपने आठ सैनिकों की शहादत पर दुखी हैं, अच्छा होगा आप चुप रहें। गाजा में जारी जंग को रुकवाने के लिए डिप्लोमैटिक लेवल पर कोशिशें तेज हो गई हैं। फिलिस्तीन अथॉरिटी के आला अफसर और चार मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री सोमवार को चीन पहुंच रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक- सऊदी अरब, जॉर्डन, इजिप्ट और इंडोनेशिया के विदेश मंत्री सोमवार को बीजिंग पहुंच रहे हैं। इनके अलावा ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के सेक्रेटरी जनरल भी यहां होंगे।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने रविवार को कहा- हम इन सभी मेहमानों के साथ इस मामले पर गंभीरता से विचार करेंगे। अरब और इस्लामिक देशों के साथ फिलिस्तीन के मुद्दे पर तफ्सील से बातचीत होगी। सबसे पहला काम आम नागरिकों को बचाना है। इसके अलावा उन तक राहत सामग्री पहुंचाना भी एक अहम मुद्दा है।
इजराइल-हमास जंग के बीच भारत ने फिलिस्तीनियों की मानवीय मदद के लिए 32 टन जरूरी सामान C-17 एयरक्राफ्ट के जरिए मिस्र भेजा है। अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इजराइल, अमेरिका और हमास के बीच बंधकों को आजाद करने के लिए जल्द ही डील होने वाली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कतर के जरिए हो रहे इस समझौते के तहत बंधकों को छोड़ने के बदले 5 दिन का सीजफायर हो सकता है। वहीं व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल कोई डील नहीं हुई है।
PM नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल पर जंग के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा- गाजा और उसके बाहर मौजूद हमास के लोग हमारे लिए जिंदा लाश हैं। हमास चीफ इस्माइल हानिये का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा- चाहे हमास लड़ाके के हाथ में राइफल हो या चाहे उसने सूट पहन रखा हो, हमारे लिए सब एक जैसे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा- हम जमीनी ऑपरेशन के दूसरे स्टेज में हैं और सेना जल्द ही साउथ गाजा में भी हमास तक पहुंच जाएगी। हमास अपनी सुरंगों, बंकर और ठिकानों को खो रहा है। हम उनके कई सीनियर कमांडरों को मार गिरा चुके हैं। हमास सिर्फ लड़ाई की ही भाषा जानता है। उसका इकलौता मकसद अब अपनी जान बचाना है। हम अपने बंधकों को भी जल्द छुड़ा लेंगे।
इजराइल में तेल अवीव से शुरू हुई रैली शनिवार देर रात यरुशलम पहुंची। इसमें लगभग 30 हजार लोग शामिल हुए, जिन्होंने नेतन्याहू के ऑफिस को घेर लिया। इन लोगों की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द हमास की कैद से बंधकों को छुड़ाए। इजराइली मीडिया यरुशलम पोस्ट से एक बंधक की मां ने कहा- हम पांच दिन से लगातार चल रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा- मेरे पैर दर्द कर रहे हैं, कंधे दर्द कर रहे हैं, पर उतना नहीं जितना मेरा दिल दुख रहा है। मुझे और चलना पड़ा तो मैं और चलूंगी। गाजा जाना पड़ा तो वहां भी जाऊंगी। बंधकों के परिवार वालों की मांग है कि सरकार उन्हें बताए कि वो लोगों को छुड़ाने के लिए क्या कर रही है। वहीं, इजराइली सेना गाजा में घुसती जा रही है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक IDF गाजा पट्टी के जबालिया और जैतूम इलाके तक पहुंच चुकी है। सेना साउथ गाजा के लोगों को इलाकों को खाली कर अब पश्चिम में जाने को कह रही है।
मिडिल ईस्ट के देश जॉर्डन ने कहा है कि जंग के बाद अरब देश गाजा में पीस कीपिंग मिशन के लिए अपने सैनिक नहीं भेजेंगे। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि गाजा में मुसीबत इजराइल ने पैदा की है, लोग रोज मारे जा रहे हैं। इजराइल ये उम्मीद न करे कि अरब देश इससे पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने में उसकी मदद करेंगे।
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।