लखनऊ: आग लगते ही आधे फ्लोर पर फैल गई। धुआं पूरी बिल्डिंग में था। जहां से बाहर निकलने का रास्ता था वहीं पर लपटें उठ रही थीं। ये देख भीतर फंसे लोग छटपटाने लगे। इधर-उधर भागकर किसी तरह से बाहर निकलने की जद्दोजहद करने लगे। सभी ने हिम्मत और हौसले के साथ सूझबूझ दिखा खुद ही खिड़की के शीशे तोड़े, जिसकी मदद से बाहर निकले।
अगर शीशे न तोड़ते तो बड़ा हादसा हो सकता था। दमकलकर्मियों के पहुंचने पर बाकी लोग भी बाहर निकाल लिए गए। आग शाम करीब छह बजे लगी। तब वहां सभी दफ्तर कर्मचारियों से भरे थे। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी। शुरुआत में कुछ लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे।
चूंकि वहां पर कागज, फर्नीचर आदि अधिक था, इसलिए आग फैलने में देरी नहीं लगी। वहां से निकलने का एक ही रास्ता था, जो आग की वजह से ब्लॉक हो गया था। इसलिए भीतर फंसे लोगों में दहशत फैल गई। गनीमत रही कि वक्त रहते सभी बाहर आ गए। उधर बीच में लिफ्ट फंसी मिली, हालांकि उसमें कोई नहीं था। जानकारी होने पर जिलाधिकारी व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।
जब शीशे तोड़कर लोग बाहर छज्जे पर आ रहे थे तो इसी दौरान नितिन ने छलांग लगा दी थी, जिससे वह चोटिल हो गया था। उसको कूदता देख स्थानीय लोगों ने अन्य को कूदने से रोका। आनन-फानन में सीढ़ी लाई गई। पहले लोग छज्जे पर चलकर बिल्डिंग की दूसरी तरफ गए और फिर सीढ़ी के सहारे नीचे उतरे। फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले अनुभव पहले खुद निकले। बाद में उनको पता चला कि कई साथी कर्मचारी फंसे हैं तो उनको भी बाहर निकाले में मदद की।