फतेहपुर। बहुआ विकासखंड के हथेमा ग्राम पंचायत स्थित मुरचैरा में अक्षय नवमी के अवसर पर असोथर के नरेश राजा भगवत राय खींची का विजय दिवस मनाया गया। इस दौरान मुरचैरा स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। इसके बाद मदारीपुर कला स्थित भगवंतराय खींची विद्यालय में भी राजा भगवान राय खींची विद्यालय में उनके चित्र पर मलार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए और वृक्षारोपण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में ग्लोबल आयोग के डायरेक्टर अतुल प्रताप सिंह ने भाग लिया और राजा भगवंत राय खींची के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर उन्होंने बताया की असोथर नरेश राजा भगवतराय खींची से शहादत खान की 40000 सेना के साथ युद्ध हुआ। जिसमें राजा भगवतराय खींची के पास मात्र 5000 सेना ही रही लेकिन उनके तेज के आगे शहादत खान की सेना टिक नहीं पाई और शहादत खान की सेना को उन्होंने परास्त कर दिया और अक्षय नवमी के दिन ही विजय हासिल किया। तब से लेकर आज तक अक्षय नवमी के दिन विजय दिवस के रूप में मनाते चले आ रहे हैं। इसी के चलते हथेमा ग्राम पंचायत के मुरचैरा में विजय दिवस आयोजित किया गया और राजा भगवतराय खींची की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। इस दौरान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। गोष्ठी का संचालन भगवतराय खींची विद्यालय के प्रबंधक शोभा सिंह ने किया और कहा की जब उन्होंने इस विद्यालय की स्थापना किया तो अपने पिता से पूछा कि विद्यालय उनके नाम पर रखें या भगवंत राय खींची के नाम पर रखें तो उनके पिता ने भी राजा भगवत राय खींची के नाम पर अपनी स्वीकृति दी और कहा कि उनके नाम से जब विद्यालय चलेगा तो तमाम समाज के लोग भी उनके साथ खड़े नजर आएंगे और आज वह पल आ गया जब तमाम अलग-अलग लोग उनके विद्यालय में चलकर आए हैं और राजा भगवत राय खींची के विजय दिवस को मना रहे हैं। इस अवसर पर समाजसेवी जनार्दन त्रिपाठी ने कहा कि उन सब का प्रयास है की राजा भगवत राय खींची का जीवन वृतांत पाठ्य पुस्तकों में भी शामिल किया जाए। इस अवसर पर कैप्टन शुघर सिंह ने बताया की डॉक्टर महेंद्र सिंह ने राजा भगवत राय खींची के ऊपर एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम था भगवत राय खींची एवं उनके मंडल कवि।इस पुस्तक में पूरा इतिहास लिखा गया है और इस पुस्तक के बदौलत राजा भगवत राय खींची के जीवन के बारे में हम सब जान पा रहे हैं और उनकी यादों को उनके संस्मरणों को आगे बढ़ा रहे हैं और यह क्रम आगे भी चलता रहेगा। इस अवसर पर रवि शंकर मिश्रा, राजकिशोर, डॉक्टर अजय प्रताप सिंह, वीरेंद्र सिंह, संतोष सिंह, आदर्श मिश्रा, सुरेश शुक्ला, विनय श्रीवास्तव, सूरजभान सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।