भगवान भाव के भूखे,गीता ज्ञान के आगे विश्व नतमस्तक

-कमासी गाँव मे चल रही कथा का पाँचवा दिन

फतेहपुर। अमौली विकास खण्ड के कमासी गाँव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पाँचवे दिन कथा व्यास आचार्य राघव जी महाराज ने पूतना बध,माखन चोरी,उखल बन्धन लीला, गोपी चीर हरण लीलाओ का मार्मिक वर्णन किया।भव सागर चह पार जो पावा,राम कथा ता कह दृढ नावा…उन्होंने कहा जीव अगर भव सागर से पार जाना चाहता है तो उसके लिए भगवान की कथा दृढ नौका के समान है।नौका को चलाने के लिए पवनसुत हनुमान जी महाराज जैसा सतगुरु होना चाहिए।उन्होंने कहा भगवान भाव के भूखे है। माखन चोरी,चीर हरण लीला को आज लोग गलत नजरिये से देखते है।भगवाँन मन चुरा लेते थे कोई आज ऐसा कर सकता है क्या।श्रीकृष्ण ने गीता के माध्यम से जो संदेश दिया है तभी वो योगिराज कहलाये,गीता ज्ञान ने आगे आज भी विश्व का ज्ञान नतमस्तक है। व्यास पीठ का पूजन कर प्रकाशवीर आर्य ने आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य पुष्पेंद्र चतुर्वेदी, निखिल मिश्र सहित परीक्षित ज्ञानेन्द्र द्विवेदी अपनी धर्मपत्नी गीता द्विवेदी, अनुपम मिश्र, मयंक द्विवेदी, कृष्णा तिवारी, सौरभ द्विवेदी, नरेश द्विवेदी, अजय तिवारी, दिनेश, देवी प्रसाद आदि रहे।

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