लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में मंगलवार सुबह एसयूवी से मासूम को रौंदने की घटना ने जी-20 मार्ग पर सुरक्षा में अनदेखी उजागर कर दी है। इस पूरे मार्ग पर एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है, जबकि इससे पुलिस मुख्यालय में तैनात बड़े अफसरों के अलावा वीआईपी अधिकारियों की आवाजाही रहती है।
मार्ग से जनेश्वर पार्क की तरफ पुल से उतरते वक्त सड़क के एक ओर स्थित मैगी प्वॉइंट पर लगे सीसीटीवी कैमरे से पहला सुराग लगा। डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इस कैमरे में एसयूवी दिखी, पर उसका नंबर नहीं नजर आया। फिर इस रूट के करीब 40 कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिससे एसयूवी ट्रेस हो गई। गाड़ी नंबर मिलते ही आरोपी के घर तक पुलिस पहुंच गई। करीब दो महीने पहले शहीद पथ पर हुए हादसे में एमबीए के छात्र की मौत हो गई थी।
इसे अंजाम देने वाली एसयूवी पुलिस आज तक ट्रेस नहीं कर सकी। एक फुटेज मिली थी, जो धुंधली थी। शहीद पथ पर कैमरे नहीं लगे थे। अब पुलिस ने अपने स्तर से एक दर्जन कैमरे लगवाए हैं।