न्यूज़ वाणी
ब्यूरो मुन्ना बक्श
बाँदा। एक और प्रदेश सरकार अन्ना जानवरों से किसानों की फसल बचाने के लिए पानी की तरह रुपया बहा रही है। और गौशालाओं का निर्माण कर रही है। तो दूसरी ओर ग्राम प्रधान व सचिव रुपए का बंदर बांट कर रहे हैं। जिसकी वजह से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। गुस्साए ग्रामीण अब प्रधान और सचिव पर कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
ताजा मामला नरैनी तहसील के जरर गांव का है। जहां सरकार द्वारा गौशाला का रुपया पास हुआ, लेकिन गौशाला बनाने के नाम पर मानों मजाक किया जा रहा है। गांव वालों ने बताया कि एक-एक फीट पर एंगल गाड दिए गए हैं। और चारों ओर पतली सी जाली लगा दी गई है। गांव में करीब 1000 से ज्यादा अन्ना जानवर हैं। जब इन जानवरों को गौशाला में घुसेड़ा जाएगा तो 24 घंटे में ही वह जाली तोड़कर बाहर आ जाएंगे। ऐसे में गौशाला बनाने का कोई मतलब नहीं निकल रहा है। ग्राम प्रधान व सचिव गौशाला का पैसा खा गए हैं। और काम के नाम पर खाना पूर्ति की गई है। गुस्साए ग्रामीण आज गौशाला में इकट्ठे हुए, और ग्राम प्रधान व सचिव के ऊपर कार्यवाही की मांग की है। साथ ही गांव वालों ने बताया कि उनकी आधी फैसले चौपट हो गई है। और यदि जल्द ही इंतजाम नहीं किया गया तो उनके खाने के लाले पड़ जाएंगे। ऐसे में किसान आत्महत्या करने को फिर से मजबूर हो जाएगा।