‘लव जिहाद’ के मुकाबले ‘भगवा लव ट्रैप’?

सोशल मीडिया के कुछ समूहों में ऐसी चर्चा चल रही है कि हिंदू पुरुष जान-बूझकर मुस्लिम महिलाओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं.

सोशल मीडिया पर इसे ‘भगवा लव ट्रैप’ कहा जा रहा है. हालाँकि ऐसा होने के ठोस सबूत कहीं नहीं दिखते.

मरियम (बदला हुआ नाम) उत्तर भारत में रहने वाली एक मुस्लिम महिला हैं. ऑनलाइन मिलने वाले अपमानजनक संदेशों की झड़ी को याद करते हुए वो कहती हैं, “यह बेहद घृणित था. मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था.”

मरियम को डॉक्सिंग का निशाना बनाया गया है. डॉक्सिंग का मतलब है दुर्भावना की वजह से किसी की निजी गोपनीय ऑनलाइन जानकारी को ज़ाहिर कर देना.

क्या लगाए गएआरोप ?

मरियम कहती हैं, “गाली देने वालों ने कहा कि मैं हिंदू पुरुषों के साथ सोती हूं. वे मेरे माता-पिता को गाली दे रहे थे और मेरी परवरिश पर सवाल उठा रहे थे.”

जिन अकाउंट से मरियम पर डॉक्सिंग हमला किया गया, मरियम का मानना है कि इन हमलों के पीछे वे मुस्लिम पुरुष थे जो ये मान रहे थे मरियम ‘भगवा लव ट्रैप’ का शिकार हो गई हैं.

‘भगवा लव ट्रैप’ थ्योरी ये है कि हिंदुत्व में विश्वास करने वाले पुरुष मुस्लिम महिलाओं को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं. ये पुरुष मुस्लिम महिलाओं को उनके समुदाय से दूर ले जा रहे हैं. इस थ्योरी को मुख्य तौर पर मुस्लिम पुरुष आगे बढ़ा रहे हैं. इनमें से कई लोग भयभीत हैं कि ऐसा सचमुच हो रहा है.

इस थ्योरी को सच बताने वाले कुछ अकाउंट होल्डरों से बात की. इस दौरान उनकी ओर से पेश की गई मिसालों की हमने समीक्षा की. इसमें हमें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि जमीन पर कोई साजिश चल रही है.

लेकिन यह कहानी सोशल मीडिया पर लगातार फैल रही है. इस साल मार्च से अब तक ‘भगवा लव ट्रैप’ शब्द का दो लाख से अधिक बार ऑनलाइन इस्तेमाल किया गया है.

एक ऐसी थ्योरी जिसके सच होने का कोई सबूत नहीं है लेकिन उससे जुड़ी सोशल मीडिया की अफ़वाहों के कारण लोगों की असली ज़िंदगी पर बुरा असर पड़ रहा है.

इस साल मई में मध्य प्रदेश में फिल्माया गया एक वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया गया था. इसमें दो मेडिकल छात्रों, एक मुस्लिम महिला और एक हिंदू पुरुष को स्कूटर पर अपने विश्वविद्यालय लौटते हुए दिखाया गया है.

ऐसा लग रहा है कि मुस्लिम पुरुषों की एक भीड़ ने उन्हें घेर रखा है. महिला को डांटा जा रहा है कि उसने अपने धर्म को शर्मसार किया है. भीड़ में से एक आदमी चिल्लाता है, “कोई भी तुम्हें इस्लाम को नीचा दिखाने की इजाजत नहीं देगा,जबकि अन्य लोग हिंदू व्यक्ति पर हमला करने लगते हैं.”

भारत में इस तरह के टकराव के 15 से अधिक वीडियो बीबीसी ने देखे हैं. इन सबका पैटर्न एक जैसा है. इस थ्योरी को सही बताने वाले वीडियो को यूट्यूब, इंस्टाग्राम और एक्स पर एक करोड़ से अधिक बार देखा गया है. इनमें हैशटैग #भगवा लवट्रैप का इस्तेमाल किया गया है.

यह थ्योरी एक पुरानी और अधिक प्रचलित थ्योरी ‘लव जिहाद’ से उलट है. ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाने वाले दावा करते हैं कि मुस्लिम पुरुष हिंदू महिलाओं को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं.

हिंदुत्ववादी इसे पिछले कई सालों से इसेऑनलाइन प्रचारित कर रहे हैं. ‘भगवा लव ट्रैप’ थ्योरी की ही तरह ‘लव जिहाद’ की भी थ्योरी के सबूत नहीं हैं कि संगठित तौर पर ऐसा कोई अभियान चल रहा है.

भारत में अंतरधार्मिक विवाह बहुत कम होते हैं, अधिकांश लोग माता-पिता की ओर से तय किए गए विवाह का विकल्प चुनते हैं.

भारत के दो मीडिया संगठनों की स्वतंत्र जांच में इस थ्योरी का समर्थन करने वाले सबूत नहीं मिले.

भाजपा और लव जिहाद

इसके बावजूद यह तथाकथित ‘लव जिहाद’ भारत के राजनीतिक बहसों का हिस्सा है. भाजपा के नेताओं और हिंदुत्व विचारधारा को मानने वाले उसके कुछ सदस्यों ने सार्वजनिक तौर पर इस पर चर्चा की है.

‘भगवा लव ट्रैप’ थ्योरी को सोशल मीडिया पर ज्यादातर गुमनाम सोशल मीडिया अकाउंटों ने प्रचारित किया है, लेकिन कई हाई प्रोफाइल मुस्लिम नेताओं ने भी इस थ्योरी की चर्चा की है.

इस्लामिक विद्वान और टीवी न्यूज चैनलों पर नियमित टिप्पणियां करने वाले शोएब जामई, राष्ट्रीय मीडिया में इस थ्योरी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय खुद को देते हैं.

वो कहते हैं, “मैं मुस्लिम समाज के उन लोगों का समर्थन नहीं करता जो कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहे हैं. यह देश कानून से चलता है.”

लेकिन थ्योरी की सत्यता पर शोएब को यकीन है. उनका दावा है, “मुस्लिम महिलाओं को जाल में फंसाने के लिए ‘हिंदुत्व ब्रिगेड’ हिंदू युवाओं का ‘ब्रेनवॉश’ कर रहा है.

‘भगवा लव ट्रैप’ के समर्थक

इस सिद्धांत के दूसरे समर्थक अपने दावे का आधार ऑनलाइन चल रहे वीडियो को बताते हैं, जिसमें दिखता है कि हिंदुत्व समर्थक नेता सक्रिय रूप से हिंदू पुरुषों को मुस्लिम महिलाओं का पीछा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

इन वीडियो में से एक में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 2007 की रैली में यह कहते हुए दिखाया गया है, ”यदि मुसलमान ‘एक हिंदू लड़की को लेते हैं’ तो ‘हमें सौ मुस्लिम लड़कियों को लेना चाहिए.’ भीड़ जयकार करती है.”

आदित्यनाथ उसके बाद से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए हैं. बीबीसी ने उनसे पूछा कि क्या वह अब भी अपने बयान पर कायम हैं, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

हमने जामई और ‘भगवा लव ट्रैप’ थ्योरी के दूसरे समर्थकों की ओर से पेश किए गए मिसालों की पड़ताल की. उनका दावा है कि हिंदू पुरुषों ने जान-बूझकर मुस्लिम महिलाओं के साथ रिश्ते बनाए ताकि उनका धर्म परिवर्तन कराया जा सके.

हमें जिन मामलों के उदाहरण दिए गए, वे सभी उदाहरण हिंदू पुरुषों और मुस्लिम महिलाओं के बीच रिश्तों के थे, दो मामलों में महिलाओं ने धर्म परिवर्तन नहीं किया था.

छह मामलों में यह दावा किया गया था कि हिंदू पुरुषों ने अपने साथियों को उनके धर्म की वजह से मार डाला था, पुलिस के मुताबिक इनमें से चार मामले पैसों या घरेलू विवादों से जुड़े थे. वहीं चार अन्य मामलों में हिंसा के कारणों की पुष्टि खबरों या पुलिस रिपोर्टों के माध्यम से नहीं की जा सकी, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं था कि भगवा लव ट्रैप थ्योरी का इन घटनाओं से कोई लेना-देना था.

इसी तरह ‘भगवा लव ट्रैप’ का दावा करने वाले वीडियो की एक सीरीज को भारतीय फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ‘बूम लाइव’ ने खारिज कर दिया है.

क्या कहना है विश्व हिंदू परिषद का?

हिंदुत्व समर्थक समूह मुसलमान लड़कियों को प्रेम के जाल में फंसाने की साज़िश से इनकार करते हैं.

विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख आलोक कुमार कहते हैं, ”हिंदुओं की ओर से चलाए जा रहे इस तरह के षड्यंत्र का कोई सबूत नहीं है.”

आलोक कुमार ‘लव जिहाद’ को वास्तविक बताते हैं. वे कहते हैं, ”मुस्लिम पुरुषों का एक बड़ा हिस्सा है, जो हिंदू महिलाओं को अपने जाल में फंसाता है.”

‘भगवा लव ट्रैप’ के बारे में लिखने वाली पहली पत्रकारों में से एक फातिमा खान कहती हैं, “लव जिहाद को बहुत बड़ा राजनीतिक समर्थन हासिल है.”

उनका इशारा भाजपा समर्थकों के बीच लव जिहाद की थ्योरी को मिलने वाले समर्थन की ओर है. वहीं दूसरी ओर, ‘भगवा लव ट्रैप’ बिल्कुल नई थ्योरी है, जिसे जरा भी राजनीतिक समर्थन हासिल नहीं है.

‘डॉक्सिंग’ का निशाना बनी मरियम उन मैसेजों से इतनी परेशान हो हो गई थीं कि और तनाव से बचने के लिए उन्हें अपने काम से छुट्टी लेनी पड़ी थी.

वह कहती हैं, “पहली बार मुझे अपने पड़ोस में असुरक्षा महसूस हुई. मैं वास्तव में परेशान थी और बाहर जाने से डरती थी. ट्रोल्स के तर्क को चुनौती देते हुए वो कहती हैं कि आप महिलाओं की रक्षा करने का दावा करते है, लेकिन दरअसल आप उनका जीवन बर्बाद कर रहे हैं.

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